मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में टाइगर के इलाके में, उसकी अनुमति के बिना तान दी गई, जागरण लेक यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट अब खतरे में है। रात में टहल रही एक स्टूडेंट पर टाइगर ने हमला कर दिया। शुक्र है कि हमला करने वाला टाइगर का बच्चा (शावक - cub) था। यदि मां (मादा टाइगर) होती तो घटना बेहद गंभीर हो जाती।
फॉरेस्ट डिपार्मेंट यूनिवर्सिटी को नोटिस थमाया
उल्लेख करना जरूरी है कि, जिस स्थान पर जागरण लेक सिटी यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग बनाई गई है, वह जमीन वन्य प्राणियों की है। सरकारी अफसर ने साजिश करके वन्य प्राणियों की जमीन को अपनी संपत्ति घोषित कर लिया और यूनिवर्सिटी वालों को दे दिया। अब यूनिवर्सिटी कैंपस में आए दिन टाइगर की मौजूदगी के मामले सामने आते रहते हैं। गुरुवार की देर रात एक बड़ी घटना हो गई। डीएफओ लोकप्रिय भारती के अनुसार, छात्र रात में कैम्पस और आसपास टहल रहा था। तभी यह मामला सामने आया। फुट प्रिंट के हिसाब से शावक जंगल में चला गया। आसपास सर्चिंग की गई है। शनिवार को भी वन विभाग की टीम मौके पर ही है। संस्थान को नोटिस देकर कहा गया है कि कैम्पस के आसपास तार फेंसिंग को व्यवस्थित कर लें। ताकि, आगे ऐसी घटना सामने नहीं आ सके।
टाइगर के इलाके में दोस्तों के साथ टहल रहा था छात्र
छात्र मोहम्मद बोरा अपने दो अन्य दोस्तों के साथ टहल रहा था। तभी झाड़ियों से निकलकर बाघ ने हमला कर दिया था। झपट्टा मारने से नाखून एक पैर में लग गए। जिससे एक इंच का घाव हो गया। शोर मचाने और दोस्तों के खींचने से टाइगर झाड़ियों में चला गया। इसके बाद मोहम्मद बोरा को अस्पताल में इलाज कराने के लिए ले जाया गया।
यह टाइगर का इलाका है, इंसानों ने अतिक्रमण कर लिया है
कलियासोत और केरवा के जंगल में कई टाइगर का मूवमेंट है। कई बार ये सड़कों पर भी नजर आ चुके हैं। कोलार रोड के चूनाभट्टी स्थित भोज यूनिवर्सिटी कैम्पस में भी बाघ का मूवमेंट दिखा था। कलियासोत जंगल और डैम के आसपास बाघिन टी-123 अपने दो शावकों के साथ नजर आती है। शावकों की उम्र करीब एक साल हो चुकी है। वन अधिकारियों का कहना है कि यदि टाइगर वयस्क होता तो हालात और भी बुरे हो सकते थे।