इंदौर में फर्स्ट बटालियन के अस्तबल (जहां पर घोड़ों को रखा जाता है) में निकले कोबरा सांप को पकड़ने के दौरान पुलिस आरक्षक की मौत हो गई। आरक्षक ने कोबरा सांप को पकड़ लिया था परंतु पकड़े जाने के बाद सांप ने हाथ में डस लिया। MY अस्पताल के डॉक्टर उसे बचा नहीं पाए।
पुलिस आरक्षक संतोष चौधरी: घटना का विवरण
पुलिस ने बताया कि संतोष चौधरी उम्र 47 वर्ष फर्स्ट बटालियन में आरक्षक के पद पर कार्यरत था। पिछले 17 सालाें से सेवा दे रहा था। रात में जब घोड़ों के अस्तबल में सांप की सूचना मिली, तो अधिकारी के कहने पर संतोष वहां पहुंचा। वह पहले भी सांप पकड़ चुका था, इसलिए उसे बुलाया गया। रात्रि 9:00 बजे उसने सफलतापूर्वक कोबरा सांप को पकड़ लिया और सबके सामने लेकर आया। यहां उसने कोबरा सांप के साथ अपनी स्टाइल में फोटो भी क्लिक करवाए, इसी दौरान अचानक कोबरा सांप ने उसे डस लिया। वह तेजी से अंदर की तरफ भागा। साथी स्वामी प्रसाद साहू उपचार के लिए एमवाय अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन इलाज के दौरान संतोष ने दम तोड़ दिया। संतोष इंदौर का ही रहने वाला था। परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है। घटना की जानकारी मिलते ही कई अधिकारी रात में अस्पताल पहुंच गए थे।
कितना खतरनाक होता है कोबरा सांप
कोबरा (Cobra) सांप दुनिया के सबसे खतरनाक और विषैले साँपों में गिने जाते हैं। इसके खतरनाक होने के कारण इस प्रकार हैं:
विष (Neurotoxic venom): कोबरा का ज़हर तंत्रिका तंत्र (Nervous System) पर असर करता है। यह शरीर के संदेश ले जाने वाले नर्व सिग्नल्स को ब्लॉक कर देता है।
साँस लेने की क्षमता धीरे-धीरे बंद होने लगती है।
लकवा (Paralysis) हो सकता है।
मौत का खतरा: अगर समय पर इलाज न मिले तो कोबरा के काटने से कुछ घंटों से लेकर 24 घंटे के अंदर मौत हो सकती है।
भारत में स्थिति: भारत में कोबरा सांप सबसे ज्यादा पाए जाते हैं और सांप के काटने से होने वाली मौतों में कोबरा का बड़ा योगदान होता है।
कोबरा में जहर की मात्रा: एक सामान्य भारतीय कोबरा (Indian Cobra) एक बार के काटने में इतना ज़हर छोड़ सकता है कि वह 10 से 15 लोगों को मारने के लिए पर्याप्त हो।
कोबरा के जहर का इंजेक्शन
- कोबरा आमतौर पर खुद हमला नहीं करता, जब तक उसे खतरा महसूस न हो।
- काटने पर तुरंत एंटी-वेनम इंजेक्शन देना ज़रूरी है।
- मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल पहुँचाना चाहिए।
कोबरा काटने पर फर्स्ट एड
शांत रहें और हिलें नहीं
घबराने से दिल की धड़कन तेज होती है और ज़हर जल्दी फैलता है।
पीड़ित को शांत रखें और जितना हो सके स्थिर रखें।
मरीज़ को लेटाएँ।
काटे गए हिस्से को दिल (Heart) के स्तर पर सीधा और स्थिर रखें।
यदि पैर या हाथ पर काटा है तो उसे हल्का सा नीचे रखें ताकि ज़हर धीरे फैले।
कोबरा का बंद - Pressure Immobilization Technique – PIT
- काटे हुए स्थान के ऊपर और नीचे कपड़े या पट्टी से हल्का कसाव बाँधें (इतना कि खून का बहाव बंद न हो, सिर्फ ढीला दबाव हो)।
- यह ज़हर के फैलाव को धीमा करता है।
- घाव को न छुएँ।
- काटने की जगह पर चीरा, जलाना, चूसना, या मिट्टी-जड़ी बूटी लगाने की कोशिश न करें।
- इससे इंफेक्शन और खून का नुकसान बढ़ेगा।
- तुरंत अस्पताल ले जाएँ।
- एकमात्र असरदार इलाज है एंटी-वेनम इंजेक्शन।
- जितनी जल्दी होगा, उतना बेहतर।
- साँस और धड़कन पर नज़र रखें
- यदि मरीज़ को सांस लेने में तकलीफ़ होने लगे तो कृत्रिम साँस (CPR/माउथ-टू-माउथ) देना पड़ सकता है।
कोबरा के काटने पर क्या न करें
- दौड़ना, भागना या ज्यादा हिलना-डुलना।
- शराब, कॉफी या दर्द निवारक दवाइयाँ देना।
- घाव पर बर्फ रखना।
- रस्सी से जोरदार कसाव बाँधना (इससे ऊतक मर सकते हैं)।