उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के समस्त शासकीय महाविद्यालयों में राष्ट्रीय वेबीनार आयोजित किए जाने के लिए राशि आवंटित की है। जारी आदेश के अनुसार 562 शासकीय महाविद्यालयों को प्रति महाविद्यालय 20 हजार रुपए की राशि आवंटित की गई है। इस बार के सब्जेक्ट पिछले साल से अलग है। इसमें जीएसटी और वोकल फॉर लोकल प्रमुख है।
राष्ट्रीय वेबीनार के सब्जेक्ट
डॉ. शुक्ल ने बताया कि इस राष्ट्रीय वेबीनार में, विगत वर्षो में आयोजित राष्ट्रीय वेबीनार से पृथक विषय का चयन किया जाना है। राष्ट्रीय वेबिनार के आयोजन लिए समस्त शासकीय महाविद्यालयों को विषयों की सूची उपलब्ध कराई गई है। सूची में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में व्यावसायिक एवं औद्योगिक विषयों का महत्व, मूल्य आधारित शिक्षा के उद्देश्य और प्रभाव, भारतीय ज्ञान परंपरा : विविध संदर्भ, रोजगार परक शिक्षा के विविध आयाम, नवीन शिक्षण पद्धति और डिजिटल शिक्षा, SWAYAM पोर्टल पर उपलब्ध पाठ्यक्रम एवं विद्यार्थियों में जागरूकता, सूचना प्रौद्योगिकी प्रबंधन और प्रसार, नवीन शिक्षण पद्धति और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, तकनीकी प्रयोग एवं सायबर जागरूकता, क्षेत्रीय उद्योगों का राष्ट्रीय महत्व, भारतीय भाषाओं की आवश्यकता और उपयोग, देवी अहिल्या बाई की 300वीं जयंती, भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती, चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व का समग्र विकास, आपदा प्रबंधन एवं आधुनिक संचार माध्यम, स्वदेशी से स्वावलंबन, वोकल फॉर लोकल : आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम, जीएसटी : अवधारणा एवं स्थिति, जीएसटी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, विकसित भारत : विजन-2047, शिक्षण अधिगम (टीचिंग लर्निंग) पद्धति: विविध प्रयोग, उच्च शिक्षा के प्रसार में ई-कंटेंट की उपयोगिता,जलवायु परिवर्तन एवं जैव विविधता, पारिस्थितिकी तंत्र (इकोसिस्टम) का संरक्षण, युवाओं के लिए डिजिलॉकर एवं एकेडेमिक बैंक ऑफ क्रेडिट की उपयोगिता, विश्व व्यापार संगठन का वैश्विक व्यापार में योगदान एवं उसकी सीमाएं एवं टैरिफ नीति का अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक संबंधों पर प्रभाव विषय शामिल हैं। अन्य प्रासंगिक महत्वपूर्ण विषय, प्राचार्य की अनुमति से शामिल किए जा सकते हैं।
विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी उच्च शिक्षा डॉ. धीरेंद्र शुक्ल ने बताया कि समस्त शासकीय महाविद्यालयों को किसी एक विषय पर 15 अक्टूबर, 2025 तक राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन करना है। इसके लिए 562 शासकीय महाविद्यालयों को प्रति महाविद्यालय 20 हजार रुपए राशि आवंटित की गई है, इसमें ब्रोशर निर्माण, स्मारिका पुस्तिका निर्माण, राज्य से बाहर के आमंत्रित 2 विषय विशेषज्ञों का मानदेय, डेटा व्यय एवं अन्य आकस्मिक व्यय शामिल हैं।