Criminal law - विक्षिप्त, मंदबुद्धि या भ्रमित व्यक्ति को बंधक बनाना अपराध है या नहीं, यहां पढ़िए

Bhopal Samachar
Bharatiya Nyaya Sanhita,2023 के अध्याय 3 के Ordinary exceptions की धारा 22 मे आपको बताया था कि किसी पागल या विकृतचित (insane or crazy) व्यक्ति द्वारा किया गया कोई Crime क्षमा योग्य होता है लेकिन पागल, मंदबुद्धि या भ्रम (insane, retarded, or delusional) द्वारा कोई व्यक्ति Crime करता है तो उसको Crime करने से prevent (रोकना) या उतने ही Force का प्रयोग करना जितना crazy, retarded, mentally challenged कर रहा है, right to personal security है जानिए।

Bharatiya Nyaya Sanhita,2023 की धारा 36 की परिभाषा

अगर कोई insane, insane, retarded or confused होकर कोई व्यक्ति किसी पर assault (हमला)करता है,अन्य व्यक्ति या स्वंय वह व्यक्ति जिस assault किया जा रहा है,अपने आप को rescue के लिए या दूसरों के protection or safety के लिए उतने ही बल (Force) का Use कर सकता है जितना perverted व्यक्ति कर रहा है। यह अधिकार BNS की धारा 36 के अंतर्गत right to personal security होगा।

Note:- इस धारा का मुख्य उद्देश्य यह है कि अक्षम, विकृत-चित, मंदबुद्धि या भ्रम के अधीन व्यक्तियो के कृत्यों को अंकुशित किया जा सके ताकि वे समाज में खुलकर अपराध करने की ओर प्रवृत्त न हो। ✍️लेखक: बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार, होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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