BHOPAL NEWS: हाइपोथायरायडिज्म और मोटापे के होम्योपैथी ट्रीटमेंट के लिए एक्सपर्ट यूनिट

Bhopal Samachar
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आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से भोपाल के सरकारी होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में हाइपोथायरायडिज्म और मोटापे के लिए एक एक्सपर्ट यूनिट शुरू की गई है। यह यूनिट रोज़ सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक मरीजों के रजिस्ट्रेशन और इलाज की सेवाएँ देती है। इसके अलावा टेलीमेडिसिन सेवाएं विधि जाती है। यह एक सरकारी सेवा है, जिसमें फ्री इलाज किया जाता है।

इस यूनिट का मुख्य मकसद है:

• थायराइड ग्रंथि की गड़बड़ी और उससे होने वाले मोटापे में होम्योपैथी की असरदार दवाओं के ज़रिए रिसर्च और इलाज करना।
• थायराइड की गड़बड़ी से होने वाली बीमारियों का जल्दी इलाज करना और उनके लंबे समय तक रहने वाले प्रभावों पर ध्यान देना।
• मरीजों को हड्डियों और जोड़ों की गंभीर समस्याओं जैसी जटिलताओं से बचाना, जो अक्सर केमिकल दवाओं के इस्तेमाल के बाद वजन बढ़ने के कारण हो सकती हैं।
• महिला मरीजों पर खास ध्यान देना, जहाँ यह समस्या ज़्यादा देखने को मिलती है, और उन्हें लंबे समय तक अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करना।
• होम्योपैथिक दवाओं के साथ ही, व्यायाम और डाइट एक्सपर्ट्स द्वारा पूरी सेहत के लक्ष्य के साथ काम करना।

हाइपोथायरायडिज्म से होने वाले मोटापे का होम्योपैथी ट्रीटमेंट

प्रधानाचार्य डॉ. एस.के. मिश्रा ने बताया कि राज्य में हाइपोथायरायडिज्म से होने वाले मोटापे के इलाज के लिए यह पहली एक्सपर्ट यूनिट है। यह भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा तय मापदंडों पर काम करेगी। होम्योपैथी इलाज पद्धति शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमताओं को विकसित करके व्यक्ति को दीर्घकालीन स्वास्थ्य और उच्च गुणवत्ता वाला जीवन देती है। अक्सर केमिकल दवाओं के उपयोग के बाद भी हाइपोथायरायडिज्म के मरीजों का वजन बढ़ता रहता है, जो भविष्य में हड्डियों और जोड़ों की गंभीर समस्याओं को जन्म देता है। होम्योपैथी इलाज से हाइपोथायरायडिज्म के मरीजों को इलाज करके ऐसी जटिलताओं से बचाया जा सकता है और उनके भविष्य को सुरक्षित किया जा सकता है। 

महिलाओं को हड्डियों और जोड़ों की बीमारियों का होम्योपैथी इलाज

नोडल अधिकारी डॉ. जूही गुप्ता ने बताया कि यह समस्या खासकर महिलाओं में ज़्यादा देखने को मिलती है, और अगर समय पर इलाज न मिले तो 50 साल के बाद बड़ी संख्या में महिलाओं को हड्डियों और जोड़ों की समस्याएँ प्रभावित करती हैं। यदि समय रहते प्राकृतिक और होम्योपैथी इलाज से इसका कंट्रोल किया जाए, तो व्यक्ति दीर्घायु होने के साथ-साथ केमिकल पदार्थों से दूर रहकर भी स्वस्थ रह सकता है। 

महिलाएं हार्मोनल बदलाव को भी बीमारी मान लेती हैं: डॉ. जूही गुप्ता 

नोडल अधिकारी डॉ. जूही गुप्ता का कहना है कि, असली बात यह है कि वर्तमान समय में जीवन के सामान्य बदलावों जैसे गर्भावस्था में होने वाले सूक्ष्म हार्मोनल बदलावों को भी बीमारी मानकर उनके लिए केमिकल इलाज दिए जाते हैं, जिसके कारण वह महिला पूरे जीवन रसायनों पर निर्भर हो जाती है और एक चक्रव्यूह में फंस जाती है जिससे निकलना असंभव हो जाता है। इस काम का मकसद है कि जिन लोगों में सामान्य बदलावों और होम्योपैथी दवा के साथ इलाज किया जा सकता है, उनके लिए एक एक्सपर्ट यूनिट के माध्यम से, उन्हें जीवन यापन के लिए पूरा ज्ञान प्रदान किया जाए। 

सरकारी होम्योपैथी अस्पताल के अलावा आयुष मंत्रालय भारत सरकार की संस्था द्वारा देश के पाँच अन्य शहरों में भी इस तरह की एक्सपर्ट यूनिट बनाई गई हैं। इन संयुक्त प्रयासों से हाइपोथायरायडिज्म और उससे संबंधित मोटापे का असरदार उपाय और इलाज प्रदान करने की यह अनोखी पहल की गई है। 

हाइपोथायरायडिज्म और मोटापा: भोपाल होम्योपैथी एक्सपर्ट यूनिट का कांटेक्ट नंबर

यह यूनिट रोज़ सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक मरीजों के रजिस्ट्रेशन और इलाज की सेवाएँ देती है। ज़्यादा जानकारी के लिए फ़ोन नंबर 0755 299 2972 पर रोज़ सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक संपर्क कर सकते हैं। इच्छुक लाभार्थियों द्वारा अपना फ़ोन नंबर दिए जाने पर एक्सपर्ट्स द्वारा संपर्क किया जाएगा। सारा इलाज सरकारी स्तर पर किया जाएगा।
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