राजेश जयंत, आलीराजपुर। भ्रष्टाचार की एक और शर्मनाक तस्वीर जनजातीय बहुल आलीराजपुर जिले के उदयगढ़ से सामने आई है। इस बार मामला महिला एवं बाल विकास विभाग का है, जहां आंगनवाड़ी सहायिका और कार्यकर्ता पद पर चयनित अभ्यर्थियों से खुलेआम ₹5000 की रिश्वत लेकर जॉइनिंग लेटर देने का गंभीर आरोप उजागर हुआ है। हाल ही में बड़ी संख्या में चयन सूची जारी हुई थी। आपत्ति-निराकरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब चयनित अभ्यर्थी जॉइनिंग के लिए पहुँचे, तो उनसे ₹5000 की मांग रखी गई। सूत्रों के अनुसार, यह ‘लेन-देन’ कई दिनों से चल रहा था।
प्रधानमंत्री के भाषण के बीच रिश्वत का खेल
विडंबना देखिए कि बुधवार को जब पड़ोसी धार जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिला एवं आदिवासी सशक्तिकरण की बात कर रहे थे, उसी वक्त आलीराजपुर के उदयगढ़ विकासखंड में महिला एवं बाल विकास विभाग का एक आउटसोर्स कर्मचारी और सुपरवाइजर नवचयनित आदिवासी सहायिका से ₹5000 की रिश्वत वसूल रहे थे।
जैसे ही रिश्वत की रकम फाइल में रखी गई, वैसे ही जनपद सदस्य प्रकाश जमरा, विजू केरम सिंह मुवेल और अन्य जनप्रतिनिधि मौके पर पहुँचे और सवाल दागे —
“ये पैसे किस लिए और किसके कहने पर..?”
कर्मचारियों ने साफ जवाब दिया- “अधिकारियों के आदेश पर।”
इसके बाद देर तक बहस और हंगामा चलता रहा।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
इस पूरे घटनाक्रम के वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए। व्हाट्सएप ग्रुप्स पर चर्चाए छिड़ीं-
“सबकी जानकारी में होता है, अधिकारियों की मिलीभगत से सब कुछ चलता है।”
कई यूजर्स ने लिखा कि- 'रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़े जाने के बावजूद यहां कर्मचारी नियम-विरुद्ध “अटैचमेंट” पर रहकर नौकरी कम और नेतागिरी अधिक करते हैं। इसी ब्लॉक में जब बड़ा गबन पकड़ा जाता है तो रकम जमा कर ‘दूध के धुले’ बन जाने का पूरा मौका मिल जाता है। यही कारण है कि भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद हैं और सिस्टम बेबस दिखाई देता है।
मंत्री नागरसिंह चौहान की चेतावनी हुई सही
गौरतलब है कि जैसे ही आंगनवाड़ी सहायिकाओं को मुख्य कार्यकर्ता बनाया गया और नई भर्ती प्रक्रिया का ऐलान हुआ, तभी जिले में दलालों और बिचौलियों की सक्रियता की शिकायतें कैबिनेट मंत्री नागरसिंह चौहान तक पहुंच गई थीं।
उन्होंने तत्काल सोशल मीडिया पर वीडियो बयान जारी किया था-
“कोई भी बहन-बेटी किसी बिचौलिए के बहकावे में न आए। भर्ती केवल मेरिट और प्रतिशत के आधार पर होगी, न कि पैसे या सिफारिश से।”
बुधवार की घटना ने उनकी यह चेतावनी पूरी तरह सही साबित कर दी है।
महिला एवं बाल विकास विभाग कटघरे में
इस घटनाक्रम ने पूरे महिला एवं बाल विकास विभाग को कठघरे में खड़ा कर दिया है। कैबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया भले ही पहले ही सख्त निर्देश जारी कर चुकी थीं, लेकिन उनके ही विभाग में भर्ती प्रक्रिया के दौरान रिश्वतखोरी का सामने आना गंभीर सवाल उठाता है।
बड़ा सवाल
क्या मंत्री चौहान की आशंका केवल अंदेशा थी, या उन्हें पहले से ही विभागीय अफसरशाही के भीतर सक्रिय ‘साइलेंट लॉबी’ की भनक थी? अब जब वीडियो और गवाही दोनों मौजूद हैं, तब कार्रवाई कितनी तेज़ और प्रभावी होती है, यह देखना बाकी है।
उदयगढ़: भ्रष्टाचार का हॉटस्पॉट?
उदयगढ़ विकासखंड में लगातार घोटालों और रिश्वतखोरी की घटनाएं सामने आ रही हैं। झाबुआ और आलीराजपुर भले ही विभाजन के बाद दो जिले बन गए हों, लेकिन हकीकत यह है कि मंत्री निर्मला भूरिया आलीराजपुर से दूर और अलग नहीं है। दो क्षेत्रीय कैबिनेट मंत्रियों की हिदायतों के बाद भी खुलेआम की जा रही रिश्वतखोरी का उजागर होना पूरे तंत्र की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
यदि दोषियों पर तत्काल और ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मामला न केवल ग्रामीण महिलाओं की आशाओं पर पानी फेर देगा, बल्कि सरकारी सिस्टम की ईमानदारी पर भी गहरी चोट करेगा।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया
जिला प्रशासन ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है। कलेक्टर डॉ. अभय अरविंद बेडेकर ने मीडिया को संक्षिप्त बयान जारी करते हुए कहा- “मामला मेरे संज्ञान में आया है, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”