World Mosquito Day : पढ़िए कुछ मजेदार चौंकाने वाली जानकारियां, General knowledge बढ़ेगी

हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मनाया जा रहा है। 1897 में ब्रिटिश डॉक्टर सर रोनाल्ड रॉस ने एक खोज की थी। उन्होंने बताया था कि मनुष्य में मलेरिया का संचार मादा एनाफिलीज मच्छर द्वारा किया था। इसी खोज के बाद प्रतिवर्ष दुनिया में विश्व मच्छर दिवस मनाया जाने लगा।  World Mosquito Day 2025 की थीम है “Accelerating the Fight Against Malaria for a More Equitable World.”आइए हम मच्छरों के बारे में आपको कुछ और मजेदार जानकारियां बताते हैं जिनकी मदद से World Mosquito Day Speech, World Mosquito Day 5-10 Lines, World Mosquito Day Essay जैसे टॉपिक तैयार कर सकते हैं। आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से भले ही मच्छर कोई इंपॉर्टेंस नहीं रखता हो परंतु प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से मच्छर काफी इंपोर्टेंट है।

मच्छर शाम के समय सिर के ऊपर झुंड बनाकर क्यों भिनभिनाते हैं?

इस प्रश्न में सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात है 'शाम का समय'। यदि आप उसी स्थान पर दूसरे दिन सुबह जाकर खड़े हो जाएं तो मच्छर आपके सिर पर झुंड बनाकर नहीं आएंगे, लेकिन शाम को ऐसा होगा। यह इसलिए होता है क्योंकि मादा मच्छर को इंसान के पसीने की बदबू बहुत पसंद है। आपके पसीने से निकलने वाली बदबूदार गैस कार्बन डाइऑक्साइड से मिलकर ऊपर की तरफ जाती है। स्वाभाविक है यह आपके सिर के चारों तरफ या फिर दाएं-बाएं से ऊपर की तरफ जा रही हो। यदि आपके बालों में गंदगी है तो फिर इस तरह की गैस और अधिक मात्रा में उत्सर्जित होगी। मादा मच्छर इन्हीं जहरीली गैसों के नशे में झूमते रहते हैं। और आपको लगता है कि यह आपके सर के ऊपर हैं। कुल मिलाकर मादा मच्छर आपके पसीने की बदबू पर मोहित हो जातीं हैं।
 

मनुष्य का खून मादा मच्छर पीती है, पुरुष मच्छर हिंसा नहीं करते

आप जानकर चौक जायेंगे कि जो मच्छर मनुष्य का खून पीते हैं वह नर नहीं बल्कि मादा मच्छर होते हैं। मादा मच्छर जब गर्भवती होती है तो वह मनुष्यों का खून सबसे ज्यादा पीती है। मनुष्यों के खून से उसे शक्ति मिलती है और वह एक नए मच्छर को जन्म दे पाती है। यानी जब आप खून पीते हुए मच्छर को मारते हैं तो ध्यान रखना आप एक गर्भवती महिला को मार रहे होते हैं।

मच्छर का काटना एक्सीडेंट की श्रेणी में आता है, मुआवजा भी मिलता है

जी हां, यह बिल्कुल सही है। कई मामलों में कंजूमर फोरम ने यह स्पष्ट किया है कि मच्छर के काटने से यदि मनुष्य को कोई नुकसान हुआ है तो उसे एक्सीडेंट की श्रेणी में माना जाएगा और पीड़ित मनुष्य बीमा का हकदार होगा। कोलकाता की मौसमी भट्टाचार्जी के मामले में नेशनल कंज्यूमर कमीशन के जस्टिस वीके जैन ने कहा- "यह मानना कठिन है कि मच्छर के काटने से होने वाली मौत एक्सीडेंट नहीं है। लोगों को यह उम्मीद नहीं होेती कि उन्हें मच्छर काटेगा और मलेरिया हो जाएगा।

मच्छर शिकारी जानवर की तरह पीछे से आकर क्यों नहीं काटता

अपन सबने एक्सपीरियंस किया है, मच्छर, काटने से ज्यादा डिस्टर्ब करता है। वह बार-बार चेहरे के सामने आ जाता है। कान के पास में आकर आवाज करता है। नतीजा, हमारी मर्जी के बिना हमारा हाथ मच्छर की हत्या करने के लिए बढ़ जाता है। सवाल यह है कि मच्छर बार-बार चेहरे के सामने क्यों आता है। क्या वह सुसाइड करना चाहता है, या फिर कोई और कारण है। यदि मच्छर में थोड़ा सा भी दिमाग होता तो निश्चित रूप से वह किसी शिकारी शेर चीते की तरह पीछे से हमला करता लेकिन भगवान ने मच्छरों में यह खास बात नहीं डाली अन्यथा इंसानों का जिंदा रहना मुश्किल हो जाता है। मुद्दे की बात यह है कि मच्छर कार्बन डाइऑक्साइड की गंध की दिशा में आगे बढ़ते हैं। यदि किसी मनुष्य के शरीर में पसीना मौजूद है तो मच्छर वहां पर भी काटता है, लेकिन यदि पसीना नहीं है तो मच्छर के पास कोई ऑप्शन नहीं रह जाता।
 

रात के अंधेरे में मच्छर इंसानों को कैसे ढूंढ लेता है, क्या उल्लू की तरह उन्हें भी अंधेरे में दिखता है

मच्छर बार-बार चेहरे के सामने क्यों आता है और रात के अंधेरे में मच्छर इंसानों को कैसे ढूंढ लेता है, दोनों प्रश्नों का एक ही उत्तर है। मच्छर की आंखों में उल्लू की आंखों जैसी विशेषता नहीं होती लेकिन सेंसिंग ऑर्गेन्स बड़े जबरदस्त होते हैं। मादा मच्छर जो इंसानों का खून चूसती है, 30 फीट से अधिक दूरी से भी कार्बन डाईऑक्साइड की गंध को पहचान लेती है। अपनी सांसों से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड के कारण मच्छर खींचे चले आते हैं।

कोरोना पॉजिटिव को काटकर उड़ा मच्छर यदि आम इंसान को काट ले तो क्या वह भी पॉजिटिव हो जाएगा

मच्छर से कोरोना के संक्रमण पर अमेरिका की कंसासी यूनिवर्सिटी की स्टडी रिपोर्ट अमेरिका के कंसास की यूनिवर्सिटी की शोध पत्रिका साइंटिफिक रिपोर्ट्स (Journal Scientific Reports) में एक अध्ययन प्रकाशित हुआ है। इसके सह-लेखक Stephen Higgs का कहना है कि हमने अपने अध्‍ययन में वैज्ञानिक ढंग से प्रमाण जुटाकर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के दावे को और पुख्‍ता किया है। इस अध्‍ययन में यह बताया गया है कि मच्‍छरों की तीन प्रजातियां ऐसी हैं, जिनमें शामिल होने के बावजूद कोरोना वायरस की चेन आगे नहीं बढ़ सकती है। मच्‍छरों की ये तीन प्रजातियां (Aedes aegypti, Aedes albopictus and Culex quinquefasciatus) कॉमन हैं, जो हर जगह पाई जाती हैं। कोरोना वायरस का री-प्रोडक्‍शन वहां संभव नहीं है। यही कारण है कि मच्‍छरों के माध्‍यम से कोरोना का संक्रमण मनुष्‍य तक नहीं आ सकता।
 

मलेरिया की रिपोर्ट में Plasmodium Seen or Not Seen क्यों लिखा होता है, जबकि मलेरिया तो मच्छर के काटने से होता है !

यह तो हम सभी जानते हैं कि मलेरिया बुखार मच्छर के काटने से होता है। वह भी सिर्फ मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से ही मलेरिया होता है परंतु आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि मलेरिया रोग फैलाने वाली मादा एनाफिलीज मच्छर भी, मनुष्य की तरह मलेरिया के रोग कारक के लिए एक पोषी (Host) है। मलेरिया का रोग कारक एक प्रोटोजोआ (प्लाज्मोडियम) है जिसका जीवन चक्र दो पोषकों में पूरा होता है। इसका पहला पोषक मनुष्य है, जिसमें अलैंगिक जनन होता है जबकि मादा एनाफिलीज मच्छर द्वितीयक पोषक है जिसमें लैंगिक जनन होता है।
प्रोटोजोआ का अर्थ है pro - primitive (पुराना) zoa -animal ( जन्तु) इसका शाब्दिक अर्थ है सबसे पुराने या साधारण प्रकार के जंतु। यह जंतु जगत का एक संघ (Phylum) है जिसमें विभिन्न प्रकार के जंतु जैसे - अमीबा, पैरामीशियम ,यूग्लीना, प्लाज्मोडियम आदि पाए जाते हैं।
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मलेरिया की बीमारी में Plasmodium की जांच क्यों होती है

प्लाज्मोडियम से जुड़े अधिक जानकारी के लिए कृपया यहां क्लिक करें।


वह कौन सी मछली है जो मच्छरों के लार्वा का शिकार करती है

प्राकृतिक रूप से मच्छरों को बढ़ने से रोकने के लिए मॉस्किटोफिश या गमबूसिया या गेमबिजी मछली सबसे अच्छा और असरकारी उपाय है। आपको केवल इतना करना है कि इस मछली को उस पानी में ले जाकर छोड़ दें जहां पर मच्छर पैदा होते हैं। यह मछली, मच्छर के लार्वा खाती है, इस कारण इसका उपयोग व प्राकृतिक रूप से मलेरिया नियंत्रण में किया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम गम्बूसिया एफीनिस (Gambusia affinis) है। यह मछली, मच्छर के लार्वा जिन्हें ब्रिग्ग्लेर्स कहा जाता है को खाती है। 
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एक मछली जो मच्छरों का शिकार करती है

गैंबुसिया से संबंधित अधिक जानकारी के लिए कृपया यहां क्लिक करें।


इस आर्टिकल को पढ़कर हमने जाना-Vedio content , instagram reel story, what's app status share massage

1. When do celebrate World Mosquito Day?
1. विश्व मच्छर दिवस कब मनाया जाता है?
2. Why do we celebrate World Mosquito Day.
2. विश्व मच्छर दिवस क्यों मनाया जाता है?
3. What is the theme of World Mosquito Day 2025.
3. विश्व मच्छर दिवस 2025 की थीम या विषय क्या है?
4. Which Mosquito spread Malaria?
4. मलेरिया फैलाने वाले मच्छर कौन से होते हैं?
5. Who discovered Malarial mosquito?
5. मलेरिया फैलाने वाले मच्छर की खोज किसने की?
6. मच्छर और प्लाज्मोडियम का क्या संबंध है?
6.What is the relation between mosquito and Plasmodium?
7.मलेरिया की रिपोर्ट में Plasmodium Seen or Not Seen क्यों लिखा होता है?
8.वह कौन सी मछली है जो मच्छरों के लार्वा का शिकार करती है ?
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