कर्मचारी चयन आयोग के खिलाफ भारत की राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में दो दिवसीय 'क्रांति मार्च' शुरू हो गया है। हजारों व्यक्ति पहुंच चुके हैं और हर घंटे इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। दिल्ली में तेज बारिश के बीच में स्टूडेंट्स डटे हुए हैं और जमकर नारेबाजी कर रहे हैं।
SSC बेईमान है, बेच दिया ईमान है
अभ्यर्थियों के साथ उनके शिक्षक भी रामलीला मैदान में मौजूद है और समन्वय की जिम्मेदारी देख रहे हैं। विद्यार्थियों के हाथों में उनकी मांग और कर्मचारी चयन आयोग के विरोध में पोस्टर्स दिखाई दे रहे हैं। प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी SSC Exam में रिफॉर्म की मांग कर रहे हैं। उनका यह क्रांति मार्च 25 अगस्त तक चलेगा। विद्यार्थियों का कहना है कि कर्मचारी चयन आयोग ने परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी "Ediquity" को सौंप दी है लेकिन इस कंपनी का रिकॉर्ड खराब है। यह कंपनी मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में घोटाले कर चुकी है।
SSC PROTEST: विद्यार्थियों की प्रमुख मांगे
1) SSC Selection Post Phase XIII और SSC Stenographer Grade C & D, 2025 की परीक्षा रद्द कर पुनः आयोजित की जाए।
2) वर्तमान अयोग्य वेन्डर्स (परीक्षा आयोजित करने वाले व प्रश्न बनाने वाली एजेंसी) को तुरंत बदलकर ऐसे सक्षम वेन्डर्स को नियुक्त किया जाए जिनके पास निष्पक्ष और बिना किसी गड़बड़ी वाली परीक्षाएँ कराने का अनुभव हो।
3) जब तक भरोसेमंद वेन्डर और मज़बूत व्यवस्था उपलब्ध न हो, तब तक आगामी SSC परीक्षाएँ स्थगित की जाएँ।
4) "स्टूडेंट्स कमीशन ऑफ इंडिया" का गठन किया जाए, जिसमें शिकायत निवारण तंत्र (Grievance Redressal Mechanism) और परीक्षा सलाहकार बोर्ड (Exam Advisory Board) शामिल हों।
5) SSC परीक्षा प्रक्रिया का मानकीकरण किया जाए समय पर परीक्षा कैलेंडर जारी किया जाए, फाइनल आंसर-की पोस्ट प्रेफरेंस और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन से पहले जारी की जाए, तथा डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन फाइनल रिज़ल्ट से पहले किया जाए।
6) रेलवे परीक्षाओं का मानकीकरण किया जाए समय पर परीक्षा कैलेंडर जारी हो, सभी परीक्षाएँ समय पर और हर साल नियमित रूप से आयोजित हों, तथा अन्य बड़े सुधार लागू किए जाएँ।
7) गलत प्रश्न बिल्कुल न पूछे जाएँ और प्रत्येक विषय के लिए मानक स्रोत (Standard Sources) तय किए जाएँ।
8) टियर-2 परीक्षा में प्रश्नों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि भग्य पर नहीं बल्कि ज्ञान पर चयन आधारित हो।
9) सभी वार्षिक परीक्षाओं के लिए आयु निर्धारण की तिथि 1 जनवरी तय की जाए और परीक्षा अनियमितताओं से प्रभावित अभ्यर्थियों को एकमुश्त आयु-छूट दी जाए।
10) सरकारी विभागों में सभी रिक्त पदों को भरा जाए।