मध्य प्रदेश की शिवपुरी जिले में, महिला बाल विकास में भ्रष्टाचार के साथ खुलेआम रिश्वतखोरी भी हो रही है। ग्वालियर की लोकायुक्त पुलिस ने आज एक छापामार कार्रवाई करते हुए नरवर से महिला सुपरवाइजर को ₹20000 रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।
महिला बाल विकास विभाग शिवपुरी: 1.8 लाख रुपए रिश्वत मांगी थी
शिशुपाल जाटव नाम के एक व्यक्ति ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त ग्वालियर के समक्ष उपस्थित होकर यह बताया कि उसकी बहन का आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के लिए चयन हुआ है। उसे अपने पद पर ज्वाइन करने के बदले में 1.8 लाख रुपए में रिश्वत मांगी गई है। लोकायुक्त ने शिकायत का सत्यापन किया तो रिश्वत की मांग प्रमाणित हो गई। एविडेंस कलेक्ट करने के बाद ट्रैप दल का गठन किया गया।
नरवर की महिला सुपरवाइजर अनीता श्रीवास्तव रिश्वत लेते गिरफ्तार
शिकायत करने वाले शिशुपाल जाटव को केमिकल युक्त ₹20000 के नोट दिए गए। जैसा कि हमने बताया, शिवपुरी के महिला बाल विकास विभाग में खुलेआम रिश्वत ली जाती है। इसलिए महिला सुपरवाइजर ने शिशुपाल जाटव को एकीकृत बाल विकास कार्यालय नरवर बुलाया। सरकारी ऑफिस के अंदर जैसे ही रिश्वत की रकम का आदान-प्रदान हुआ। मौके पर सिविल ड्रेस में मौजूद लोकायुक्त पुलिस की टीम ने छापा मार कार्रवाई करते हुए अनीता श्रीवास्तव को पकड़ लिया। केमिकल टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद अनीता श्रीवास्तव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यदि अनीता श्रीवास्तव अपने बयान में बताती है कि, यह रिश्वत उसने जिले की किसी वरिष्ठ अधिकारी के आदेश अनुसार प्राप्त की है तो फिर उस अधिकारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा।