मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर एक बड़ी और महत्वपूर्ण घोषणा की है। पिछले कई सालों से मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल एवं पुलिस मुख्यालय के बीच तनावपूर्ण स्थिति के कारण मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही थी आज सीएम ने ऐलान कर दिया है कि मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड बनाया जाएगा।
मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड की जरूरत क्यों पड़ी
सिर्फ एक लाइन में इस प्रश्न का उत्तर, क्योंकि मध्य प्रदेश पुलिस ने व्यापम घोटाले की जांच की है और उसे वह सब पता है जो किसी और को नहीं पता। पुलिस मुख्यालय लगातार कर्मचारी चयन मंडल, मध्य प्रदेश की परीक्षा प्रणाली और निष्पक्षता पर सवाल उठता रहा है। पुलिस मुख्यालय की ओर से स्पष्ट कहा गया कि उसे कर्मचारी चयन मंडल पर भरोसा नहीं है। वह सीधी भर्ती करना चाहते हैं परंतु मध्य प्रदेश में कोई भी डिपार्टमेंट कर्मचारियों की भर्ती के लिए किसी भी प्रकार की चयन परीक्षा का आयोजन नहीं कर सकता है। इसके लिए किसी एजेंसी का होना जरूरी है।
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पुलिस विभाग के अधिकारियों को समझने का काफी प्रयास किया गया परंतु बात नहीं बनी। इधर कर्मचारी चयन मंडल भोपाल का संचालक मंडल भी मध्य प्रदेश पुलिस विभाग का विश्वास जीतने में सफल नहीं हो पाया। इसके कारण मध्य प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती और मध्य प्रदेश पुलिस सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा आयोजित नहीं हो पा रही थी। आज मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस प्रॉब्लम को सॉल्व कर दिया है।
मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड क्या काम करेगा
मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड, रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की तरह काम करेगा। पुलिस भर्ती के लिए नियमों का निर्धारण किया जाएगा लिखित परीक्षा और फिजिकल का आयोजन करवाया जाएगा। डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन भी करेगा और उम्मीदवारों का चयन करके पोस्टिंग के लिए डिपार्टमेंट को सौंप देगा। इसके कारण अभ्यर्थियों को भी लाभ होगा। कर्मचारी चयन मंडल, मध्य प्रदेश कोई भी परीक्षा समय पर आयोजित नहीं कर पा रहा है। मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड अपने कैलेंडर का पालन कर सकेगा।