अंतरिक्ष के रहस्य पता लगाने वाला और पृथ्वी को अंतरिक्ष के खतरों से बचाने वाला संगठन NASA अब अपना काम नहीं कर पाएगा। NASA एक नाम का संगठन रह जाएगा जहां पर औपचारिकताओं को पूरा किया जाएगा। क्योंकि US प्रशासन ने NASA के बजट में ऐतिहासिक कटौती कर दी है। इसके कारण 4000 वैज्ञानिकों की नौकरी खाते में पड़ गई है। इनमें से 2000 सीनियर साइंटिस्ट हैं।
यह अमेरिका के एक आदर्श की मृत्यु का दृश्य है: Casey Dreier
NASA अंतरिक्ष में पृथ्वी का निर्विवाद नेता है, लेकिन अब NASA का नेतृत्व खत्म होने जा रहा है। उसके ऊपर किसी दूसरे ग्रह के एलियंस ने हमला नहीं किया है बल्कि NASA बजट में कटौती का शिकार हो गया है। कहा जा रहा है कि 1961 के बाद NASA के बजट में यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। इसके कारण NASA का अस्तित्व ही हिल गया है। Casey Dreier of the Planetary Society का कहना है कि यह अमेरिका के एक "आदर्श की मृत्यु" का दृश्य है। यह न केवल तकनीकी क्षमता का नुकसान है बल्कि संयुक्त राज्य अमेरिका की सामूहिक कल्पनाशीलता का ह्रास (diminishment) है।
NASA के 41 मिशन पर रोक लगी
बजट में कटौती इतनी बड़ी है कि नासा के 41 मिशन भर रोक लग गई है। इनमें से कुछ मिशन तो संचालित है जिनको बीच में ही रद्द कर दिया जाएगा। सबसे ज्यादा नुकसान अमेरिका के मंगल मिशन को होगा। मंगल ग्रह पर नासा ने Perseverance rover के माध्यम से सैंपल कलेक्ट कर लिए हैं। यहां तक पहुंचने में अमेरिका को कई दशक लगे। अब मंगल ग्रह के सैंपल को पृथ्वी पर वापस लाना है, लेकिन बजट नहीं है। वह सैंपल जो कड़ी मेहनत से कलेक्ट किए गए हैं अब अनिश्चितकाल तक मंगल ग्रह पर ही पड़े रहेंगे।
Fallout within Nasa’s workforce
अमेरिकन मीडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि, NASA की 4000 वैज्ञानिकों की नौकरी खतरे में है। इनमें से 2000 सीनियर साइंटिस्ट हैं। किसी भी अप्रिय स्थिति के बनने से पहले ही, यह वैज्ञानिक या तो स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले रहे हैं या फिर अर्ली रिटायरमेंट अप्लाई कर रहे हैं।
Former Nasa engineer Steve Rader का कहना है कि व्हाइट हाउस के बजट संबंधी प्रस्तावों की बात NASA में “sadness and paranoia” की स्थिति बन गई है। उन्होंने बताया कि NASA के लिए समर्पित सीनियर साइंटिस्ट की एक बैठक देखते ही देखते एक सभा में बदल गई और वहां मौजूद आधे लोगों ने एजेंसी छोड़ने का ऐलान कर दिया। रेडर ने कहा कि यह पलायन कोई राजनीति नहीं बल्कि एक ऐसी संस्था के डिस्मेंटलिंग के कारण है जिसको बनाए रखने के लिए कई लोगों ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।
NASA का परमाणु बैटरी कार्यक्रम संकट में
NASA का radioisotope power systems (RPS) एजेंसी की सबसे बड़ी ताकत बन गया था। इसके कारण अमेरिका के अंतरिक्षयान उन स्थानों तक पहुंच पाए थे जहां पर सौर ऊर्जा नहीं है। 2024 में इस कार्यक्रम पर 175 मिलियन डॉलर खर्च किए गए थे। 2028 तक यह कार्यक्रम पूरी तरह से बंद हो जाएगा।