अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने स्कूल शिक्षा मंत्री जी से मांग की है अतिथि शिक्षकों को ई अटेंडेंस लगाने का तुगलकी फरमान वापस लें। ई अटेंडेंस लगाने से पहले अतिथि शिक्षकों की व्यवहारिक समस्याओं का समाधान किया जाय। प्रदेश के हजारों अतिथि शिक्षकों पर एंड्रॉयड मोबाइल नहीं हैं। विगत चार माह से बेरोजगार थे। अब मानदेय कब मिलेगा इसकी कोई गारंटी नहीं है। चार माह बाद एक माह का मानदेय मिल भी जाए तो वो मोबाइल खरीदें या परिवार का भरण पोषण करें।
रक्षा बंधन से पहले हो मानदेय भुगतान
अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के संस्थापक पी डी खैरवार ने मांग की है जुलाई माह का भुगतान पूर्व की भांति ऑफलाइन हो। चूंकि रक्षा बंधन हिन्दुओं का बड़ा त्यौहार है उससे पहले सभी जिलों के अतिथि शिक्षकों को ऑफलाइन उपस्थिति के आधार पर भुगतान किया जाय।
रिक्त पदों पर वरीयताक्रम में प्राथमिकता मिले
रविकांत गुप्ता ने फॉलेन आउट अतिथि शिक्षकों को रिक्त पदों पर वरीयताक्रम में प्राथमिकता देकर समयोजन करने का आग्रह किया है जिस तरह से महाविद्यालयों। में कार्यरत अतिथि विद्वानों को अवसर दिया जाता है। इस विषय पर अपनी प्रतिक्रियाएं कृपया नीचे फेसबुक कमेंट बॉक्स में दर्ज करें।