किसी जमाने में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए देशभर में प्रसिद्ध रहे मध्य प्रदेश के कॉलेज की हालत खराब हो गई है। मध्य प्रदेश शासन का तकनीकी शिक्षा विभाग शिक्षा में गुणवत्ता की परीक्षा में फेल हो गया है। एक समय था जब पूरे देश से विद्यार्थी मध्य प्रदेश में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने आते थे और आज 124 कॉलेज में 40000 से ज्यादा सीट खाली है। इसके लिए कॉलेज लेवल काउंसलिंग कराई जा रही है।
मध्य प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेज में अब तक सिर्फ 33,046 स्टूडेंट्स ने एडमिशन लिया
तकनीकी शिक्षा विभाग (डीटीई) द्वारा प्रदेश के 124 इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश देने के लिए कराई गई काउंसलिंग खत्म हो चुकी है। दूसरे राउंड तक की काउंसलिंग में 33,046 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। इंजीनियरिंग कॉलेजों की 40 हजार 516 सीटें खाली रह गई हैं। अब कॉलेजों को सीएलसी राउंड में एडमिशन बढ़ने की उम्मीद है। कॉलेजों में शनिवार से सीएलसी राउंड की शुरुआत की गई है। अब खाली सीटों को भरने के लिए कॉलेज पूरी ताकत लगा रहे हैं।
Madhya Pradesh Engineering Admission CLC Registration
कॉलेज लेक्ल काउंसलिंग (सीएलसी) शनिवार से शुरू हो गई। नो जो छात्र पहले दो राउंड में एडमिशन से वंचित रह गए हैं, उनके लिए अब मौका है। सीएलसी के तहत रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 5 अगस्त तक चलेगी। छात्र सीधे अपने पसंदीदा कॉलेज पहुंचकर सीट कंफर्म कर सकते हैं। यदि इसके बाद भी सीटें खाली रहती हैं तो 7 अगस्त से अगला रजिस्ट्रेशन चरण शुरू होगा। पूरी प्रक्रिया 14 अगस्त तक चलेगी।
लगभग 45% विद्यार्थी आवंटित सीट छोड़कर चले गए
विभाग ने पहले राउंड में 23,765 विद्यार्थियों का अलॉटमेंट जारी किए थे। इसमें से करीब 15 हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया था। दूसरे राउंड की काउंसलिंग में 22,431 विद्यार्थियों को कॉलेज आवंटित किए गए हैं। इसमें 13,076 विद्यार्थी 12वीं के आधार पर शेष 9355 विद्यार्थियों को जेईई मेंस के आधार पर कॉलेज दिए गए हैं। इसमें से 17,800 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिए हैं। दूसरे राउंड में प्रवेश लेने करीब 24,400 विद्यार्थियों ने चॉइस फिलिंग की थी। इसमें 10,931 विद्यार्थी जेईई मेंस और 12वीं के आधार पर चॉइस देने वाले 13,464 विद्यार्थी शामिल थे।