जबलपुर/ग्वालियर: मध्य प्रदेश राज्य मंडी बोर्ड में प्रबंध संचालक श्री कुमार पुरुषोत्तम की स्थिति विवादित हो गई है। श्री कुमार पुरुषोत्तम पर मनमानी और नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगा है। यह बात भी सामने आई है कि वह अपने डिपार्टमेंट के मंत्री एदल सिंह कंसाना को बाईपास करके डिसीजन ले रहे हैं। इनमें से एक मामला हाई कोर्ट में पहुंचा और हाईकोर्ट ने कुमार पुरुषोत्तम के डिसीजन को गलत मानते हुए रद्द कर दिया।
डिप्टी कलेक्टरों को मंडी बोर्ड का संयुक्त संचालक बना दिया
अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि, हाल ही में कुमार पुरुषोत्तम ने एक गोपनीय पत्र, जो मुख्य सचिव को संबोधित था, में मंडी बोर्ड में कर्मचारियों की कमी बताकर बिना प्रक्रिया अपनाए कई संयुक्त कलेक्टरों को मंडी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों जबलपुर, भोपाल, ग्वालियर में संयुक्त संचालकों के पदों पर पदस्थापित कर दिया। क्षेत्रीय कार्यालय ग्वालियर में जनवरी 2025 में पदस्थ किए गए संयुक्त संचालक सुरेश कुमार कुमरे को हटाकर अपर कलेक्टर श्री दया शंकर को पदस्थापना कर दी गई, जिसके खिलाफ सुरेश कुमार कुमरे ने हाईकोर्ट में याचिका क्रमांक WP/31554/2025 दाखिल की।
याचिकाकर्ता के वकील की दलील
याचिका क्रमांक WP/31666/25 के याचिकाकर्ता आर.पी.चक्रवर्ती की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डी.के.दीक्षित तथा ग्वालियर हाईकोर्ट मे याचिका क्रमांक 31554/2025 याचिकाकर्ता सुरेश कुमार कुमरे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एन.पी.एस.रघुवंशी ने कोर्ट को बताया की प्रति नियुक्ति की निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना राज्य प्रशासनिक अधिकारियो को नियुक्ति दी गईं हैजबकी याचिकाकर्ताओ की पदस्थपना है मात्र 6 माह ही हुए है। इस प्रकार की प्रतिनियुक्ति, म.प्र.क़ृषि उपज मंडी अधिनियम की धारा 42 एवं मंडी बोर्ड सेवा विधि का नियम 6 का उल्लंघन है।
हाई कोर्ट द्वारा प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापना निरस्त
उक्त याचिका की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए जस्टिस आशीष श्रोती ने 11 पेज का आदेश पारित कर प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापना को निरस्त करते हुए आदेश दिया कि अपनाई गई प्रक्रिया पर सरकार उचित निर्णय ले।