Madhya Pradesh में शासकीय कर्मचारियों को पुरानी पेंशन के लिए विधानसभा में उच्च स्तरीय समिति की मांग

0
मध्य प्रदेश शासन के अंतर्गत आने वाले नियमित कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का मामला आज विधानसभा में विधायक श्रीमती सेना महेश पटेल द्वारा उठाया गया। उनके प्रश्न पर मध्य प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री, वित्त (श्री जगदीश देवड़ा) ने स्वयं उत्तर दिया। 

लाखों कर्मचारियों के भविष्य का सवाल है

विधायक श्रीमती सेना महेश पटेल ने कहा कि यह विषय हमारे प्रदेश के लाखों अधिकारियों और कर्मचारियों के भविष्य की सुरक्षा और सामाजिक न्याय से जुड़ा हुआ है। सन् 2005 के बाद नियुक्त समस्त सरकारी सेवकों को नई पेंशन योजना एनपीएस के अन्तर्गत लाया गया है। यह योजना शेयर बाजार पर आधारित है। इसमें लाभ की कोई गारंटी नहीं है। दूसरी ओर पुरानी पेंशन योजना कर्मचारियों को आजीवन सुनिश्चित मासिक पेंशन प्रदान करती थी। जो कि उनकी सेवा के वर्षों और अंतिम वेतन पर आधारित होती थी।

कर्मचारियों को वृद्धावस्था में सामाजिक सुरक्षा देना सरकार का दायित्व

उन्होंने कहा कि, माननीय उप मुख्यमंत्री महोदय, मेरे पूछे गए प्रश्न क्रमांक 2834 के संदर्भ में उत्तर में कहा है कि सरकार के पास इस समय पुरानी पेंशन योजना की बहाली पर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। साथ ही यह भी बताया गया कि राज्य सरकार के वित्तीय संसाधनों और अन्य प्राथमिकताओं के आधार पर निर्णय लेती है। क्या हमारे कर्मचारी इस देश और राज्य की सेवा में अपना जीवन नहीं लगा रहे हैं। क्या यह सरकार का दायित्व नहीं है कि वह अपने कर्मचारियों को वृद्धावस्था में सामाजिक सुरक्षा प्रदान कर सके। 

कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली के लिए उच्च स्तरीय समिति की मांग

जब राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब जैसे राज्य पुरानी पेंशन योजना की बहाली पर कार्य कर रहे हैं तो मध्यप्रदेश क्यों पीछे है। पेंशन कर्मचारी का हक है यह उनके सेवा जीवन की गारंटी है। नई पेंशन योजना ने असुरक्षा की भावना को जन्म दिया है। जिससे लाखों कर्मचारियों का मनोबल गिरा है। मैं राज्य सरकार से स्पष्ट
मांग करती हूं कि ओपीएस की बहाली के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की जाए। माननीय मंत्री महोदय से मेरा पूरक प्रश्न इस प्रकार है कि क्या ओल्ड पेंशन लागू की जावेगी या नहीं। 

इतने लंबे चौड़े प्रश्न के उत्तर में डिप्टी सीएम श्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। 

विधायक श्री सोहनलाल वाल्मीकि ने भी कर्मचारियों के इस मुद्दे का समर्थन किया परंतु डिप्टी सीएम के उत्तर के बाद कोई डिस्कशन नहीं हुआ। नेता प्रतिपक्ष सहित कांग्रेस पार्टी के किसी भी लोकप्रिय अथवा वरिष्ठ विधायक द्वारा इस बातचीत को आगे बढ़ने का प्रयास नहीं किया। 
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

Post a Comment

0 Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!