भारत के दूसरे सबसे बड़े प्राइवेट बैंक ICICI BANK की भोपाल में सबसे बड़ी ब्रांच, एमपी नगर ब्रांच में फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है। यहां इंश्योरेंस के नाम पर एक व्यक्ति से उसके डॉक्यूमेंट कलेक्ट किए गए और उसके नाम पर उसकी जानकारी के बिना बैंक अकाउंट ओपन कर दिया गया। उसके बैंक अकाउंट में 4 करोड रुपए का अवैध ट्रांजैक्शन किया गया। यहां नोट करने वाली बात है कि ब्रांच के अधिकारी और कर्मचारियों ने पीड़ित खाताधारक की मदद नहीं की बल्कि परेशान किया ताकि वह अपनी शिकायत छोड़ दे। इसका अर्थ हुआ की ब्रांच में इस प्रकार का फर्जीवाड़ा चल रहा है जो सबको पता है।
ICICI BANK वालों ने खाताधारक की शिकायत पर ध्यान तक नहीं दिया
जानकारी के अनुसार, पीड़ित ने साल 2021 में हेल्थ इंश्योरेंस लेने के लिए अपने पहचान दस्तावेज एक बीमा एजेंट को दिए थे। एजेंट ने इन दस्तावेजों का दुरुपयोग करते हुए फरवरी 2021 में उसके नाम से बैंक खाता खुलवा दिया। खाते से लगातार बड़े लेन-देन होते रहे और लगभग तीन साल में करीब चार करोड़ रुपये का वित्तीय लेन-देन हुआ। पुलिस को आशंका है कि यह खाता साइबर अपराधियों के लिए म्यूल अकाउंट की तरह इस्तेमाल हुआ। अक्टूबर 2024 में जब आयकर विभाग ने संदिग्ध लेन-देन का नोटिस भेजा, तब पीड़ित को पूरे फर्जीवाड़े की जानकारी मिली। पीड़ित ने तुरंत बैंक से शिकायत की, लेकिन बैंक अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया।
ICICI BANK एमपी नगर ब्रांच वालों ने 6 महीने तक बैंक स्टेटमेंट नहीं दिया
पीड़ित का आरोप है कि बैंक ने 6 महीने तक टालमटोल किया और खाता विवरण तक उपलब्ध नहीं कराया। गुरुवार को पीड़ित ने भोपाल पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र से शिकायत की। जांच के बाद सामने आया कि खाता फर्जी तरीके से खोला गया था और खाते से जुड़े मोबाइल नंबर के लिए भी फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल हुआ था।
एमपीनगर एसीपी मनीष भारद्वाज ने बताया कि बैंक को नोटिस भेजकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। इस मामले में बैंक का एक पूर्व कर्मचारी भी शामिल है। बताया जा रहा है कि खाता खोलने वाला कर्मचारी नौकरी छोड़कर भाग गया है, वहीं उस समय का बैंक मैनेजर भी ट्रांसफर होकर दूसरे स्थान पर चला गया। पुलिस का कहना है कि दोनों की भूमिका की जांच की जा रही है।