मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी धमकी देकर अपनी व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। प्राइवेट डॉक्टर और अस्पतालों को अवैधता कर सेलिंग कर देते हैं और एक सप्ताह के भीतर फाइल क्लोज कर देते हैं। अब सीएमएचओ ने अपने विभाग के कर्मचारियों को धमकाना शुरू कर दिया है। आज कोलार और गोविंदपुरा के स्वास्थ्य कर्मियों को सस्पेंड करने की धमकी दी है। इसके साथ नोटिस भी जारी किया है ताकि, कर्मचारियों को उनके सामने पेश होना पड़े। हालांकि समस्या का अनुसंधान और समाधान दोनों नहीं हुए।
सीएमएचओ द्वारा कोलार एवं गोविंदपुरा क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा
मध्य प्रदेश शासन की ओर से भोपाल के जनसंपर्क अधिकारी विजय/अवंतिका जायसवाल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, शनिवार को सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा द्वारा कोलार एवं गोविंदपुरा क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की गई। इस दौरान मैदानी स्तर पर सेवाओं को सही ढंग से क्रियान्वित नहीं करने पर उनके द्वारा कड़ी नाराजगी जताई गई। लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए कोलार सर्किल के वार्ड 51 की एएनएम को निलंबित करने और वार्ड 82 एवं 84 की एएनएम के वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने की कार्यवाही की जा रही है। इसके साथ ही प्रभारी अधिकारियों को प्रतिदिन पोर्टल आधारित समीक्षा के निर्देश भी दिए गए।
भोपाल के स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की धमकी
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि सुरक्षित मातृत्व सेवाएं देना शासन की प्राथमिकताओं में शामिल है। कर्मचारियों की उदासीनता अथवा लापरवाही के कारण हितग्राहियों को होने वाली परेशानी को देखते हुए ऐसे कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा रही है। वार्ड क्रमांक 51 की सुश्री सुषमा मंडल, सुश्री सृष्टि धवाले, वार्ड क्रमांक 82 की सुश्री कविता सिंह , फूलकली सिंह, वार्ड क्रमांक 84 की सुश्री प्रीतू पटेल, सुश्री दिव्या अहिरवार, वार्ड क्रमांक 12 की सुश्री शांति ख़बसे, सुश्री ममता मानकपुरी, वार्ड क्रमांक 16की सुश्री राखी राठौर, सुश्री राजकुमारी कोरी, वार्ड क्रमांक 64 की सुश्री सारिका भालेकर, श्री संतोष शुक्ला, वार्ड क्रमांक 66 की सुश्री रीता कौरव, सुश्री प्रेमलता नागले एवं वार्ड क्रमांक 67 की सुश्री उमा भराड़े सहित स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।