Hartalika Teej Muhurat 2025 Date and Time - शास्त्रों के अनुसार हरतालिका तीज के पांच पूजन के मुहूर्त

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हरतालिका तीज के व्रत और मुहूर्त को लेकर समाचार उद्योग के विद्वानों द्वारा कही भ्रम की स्थिति पैदा कर दी जाती है। यह अपने आप में एक अनोखा व्रत है। इस व्रत में भगवान श्री हरि विष्णु को अपना आराध्य मानने वाले परिवारों की स्त्रियां भगवान शिव की पूजा करती हैं। इस व्रत में एक नहीं बल्कि पांच मुहूर्त होते हैं। यह व्रत मंगल पूजा से प्रारंभ होता है और शयन आरती पर संपन्न होता है। हम आपको भारतीय शास्त्रों के अनुसार निर्धारित नियम और मुहूर्त बताएंगे। जिसका अनुसंधान आचार्य कमलांशु जी द्वारा किया गया है। 

हरितालिका तीज का व्रत कब रखा जाएगा 25 अगस्त या 26 अगस्त, पढ़िए

तृतीया तिथि का काल: भारत मानक समय के अनुसार दिनांक 25 अगस्त 2025, 12:34 PM से 26 अगस्त 2025, 1:54 PM तक रहेगा। गृहस्थ जीवन में व्रत एवं त्यौहार के लिए तिथि का निर्धारण उदया तिथि के आधार पर किया जाता है, अर्थात जिस स्थिति में सूर्य का उदय होता है, अगले दिन सूर्योदय तक इस तिथि के अनुसार व्रत अथवा त्यौहार का पालन किया जाता है। इस आधार पर निर्धारित होता है कि हरतालिका तीज का व्रत दिनांक 26 अगस्त को रखा जाएगा क्योंकि तृतीया तिथि में सूर्य का उदय दिनांक 26 अगस्त को ही हो रहा है। निर्णयसिन्धु और धर्मसिन्धु जैसे ग्रंथों में स्पष्ट कहा गया है: “सूर्योदयवेलायां या तिथिः सा एव ग्राह्या।” 

हरतालिका तीज - पांच प्रहर की पूजा मुहूर्त का अनुसंधान

प्रथम पूजा मुहूर्त
: मंगल पूजा 6:05 AM – 8:30 AM तक। इस अवधि में स्नान, व्रत का संकल्प, गौरी-शंकर का आह्वान, अष्ट/षोडशोपचार प्रारम्भ, व्रत-प्रतिज्ञा और मंगल आरती करें। यहां ध्यान रखें 6:11 बजे से पूर्व स्नान और व्रत का संकल्प हो जाना चाहिए।

द्वितीय पूजा मुहूर्त: 9:30 AM – 11:30 AM तक। मृण्मयी/स्थापित प्रतिमाओं का विस्तार पूर्वक शृंगार एवं पूजन, पुष्प/पत्र-अर्पण, स्तोत्र-पाठ, सुहाग-विधियाँ एवं प्रथम नैवेद्य अर्पित किए जाएंगे।

तृतीया पूजा मुहूर्त: 12:10 PM – 1:45 PM तक। कुछ विद्वान इसे मुख्य पूजा भी कहते हैं। यह पूजा लाभ योग में प्रारंभ होगी और अमृत योग में संपन्न हो जाएगी। इस अवधि के दौरान उपहार-अर्पण, संपूर्ण कथा-पाठ, विशेष प्रार्थना (सभी सुहागन स्त्रियां अपने मन में प्रार्थना करें, उच्चारण नहीं करें)। 

संध्या-काल दीपपूजन: 26 अगस्त को सूर्यास्त 6:43 PM पर होगा। इसके 8 मिनट पहले से लेकर 8 मिनट बाद तक के बीच में संध्या-काल दीपपूजन करें। संध्या-काल दीपपूजन प्रतिदिन करना चाहिए। यह माता लक्ष्मी के लिए आमंत्रण होता है। 

चतुर्थ पूजा मुहूर्त: 8:11 PM – 9:37 PM तक बाद गौरी-शंकर के समक्ष, मंगल गीत से उनका स्मरण करते हुए अंत में पति के कल्याण और सौभाग्य की कामना की जाती है। 

पंचम पूजा मुहूर्त: रात्रि-जागरण पूजा के लिए एकत्रीकरण 8:11 PM – 9:37 PM के बीच में हो जाना चाहिए। 8:11 के पहले काल और 9:37 के बाद उद्वेग है। इसलिए हर हाल में एकत्रीकरण 8:11 PM – 9:37 PM के बीच लाभ योग में होना चाहिए। इसके बाद कथा-कीर्तन, शिव-पार्वती विवाह-भावना इत्यादि का आयोजन किया जाए। यह रात्रि जागरण है, इस दौरान विवाहित स्त्रियों के ध्यान में भगवान शिव और माता पार्वती के प्रसंग ही होने चाहिए। उनके लिए कीर्तन और उनके विवाह एवं दांपत्य इत्यादि की कथाओं अथवा प्रसंग का श्रवण किया जा सकता है। कृपया इस दौरान अपने व्यक्तिगत जीवन के प्रसंग की चर्चा ना करें। क्योंकि प्रातः काल में यही संकल्प लिया गया है। 

क्षमा-याचना; व्रत-निष्ठा का पुनः संकल्प के साथ व्रत का पारण 27 अगस्त को 6:11 AM से लेकर 9:19 AM के मध्य करें। यह लाभ और अमृत की बेला है। यदि आप हरितालिका व्रत की पूजा के लिए अपने घर से बाहर है तो कृपया किसी भी स्थिति में 6:11 AM से पहले अपने घर में प्रवेश न करें। क्योंकि इस समय से पहले रात्रि 3:20 से लेकर प्रातः 6:11 तक रोग एवं काल की बेला है। जबकि 27 अगस्त को 6:11 AM से लेकर 9:19 AM के मध्य लाभ और अमृत की बेला है। 

विवाह योग्य कन्याओं के लिए हरतालिका तीज का व्रत

सौभाग्यवती स्त्रियां यदि दिन के समय 3 पूजा करने में सक्षम नहीं है तो एक अथवा दो पूजा भी कर सकती है। शेष रात्रि के समय कर सकते हैं। रात्रि जागरण के लिए एकत्रीकरण मुहूर्त में भी पूजा की जा सकती है, लेकिन अविवाहित कन्याएं जो मनवांछित वर की प्राप्ति हेतु माता पार्वती की तरह हरतालिका तीज का फल प्राप्त करने के लिए कठिन निर्जला व्रत रख रही है। उन्हें उपरोक्त पूजा मुहूर्त का पालन करना चाहिए। 

Hartalika Teej FAQ

हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त कब है? 
दिनांक 26 अगस्त को सूर्योदय अथवा 6:11 AM से पूर्व।
हरतालिका तीज में कौन से रंग की साड़ी पहननी चाहिए? 
भारतीय संस्कृति में सुहागिन स्त्रियां काला  एवं सफेद रंग छोड़कर किसी भी रंग की साड़ी पहन सकती हैं।
तीज व्रत में कितने बजे पानी पीना चाहिए? 
स्वस्थ सुहागन स्त्रियों के लिए यह निर्जला व्रत है। गंभीर रूप से बीमार महिलाओं के लिए यह व्रत क्षमा है एवं 6 माह से कम गर्भवती इत्यादि स्त्रियों के लिए चंद्र उदय के बाद पानी पिया जा सकता है।
हरतालिका तीज का व्रत कैसे खोला जाता है?
27 अगस्त को विसर्जन के बाद माता पार्वती के चरणों का जल पीकर।
हरतालिका तीज के व्रत में क्या खाना चाहिए? 
इस व्रत में फलहार का विधान नहीं है।
हरियाली तीज का व्रत कब तोड़ना है? 
27 अगस्त सूर्योदय के बाद।
हरतालिका तीज में कौन सा रंग पहनना है? 
काला और सफेद वर्जित है, इसके अतिरिक्त कुछ भी पहन सकते हैं।
तीज व्रत का नियम क्या है? 
नियम का उल्लेख ऊपर दिया गया है।
हरतालिका तीज संध्या पूजा का समय कितना है? 
संध्या पूजन के मुहूर्त का उल्लेख ऊपर किया गया है।
तीज का पारण कब है? 
व्रत के पारण का समय इस लेख में लिखा हुआ है।
पति के लिए कौन सी तीज है? 
यदि आपके मन में अपने पति के प्रति प्रेम नहीं है। यदि आप अपने पति के कल्याण और सौभाग्य के लिए प्रार्थना नहीं करना चाहते हैं तो यह व्रत आपके लिए अनिवार्य नहीं है। कृपया व्रत का पालन न करें।
आज का शुभ मुहूर्त कब से कब तक है?
समस्त शुभ मुहूर्त का विस्तार पूर्वक वर्णन दिया हुआ है।

डिस्क्लेमर - यह मुहूर्त अनुसंधान आचार्य कमलांशु द्वारा किया गया है। तथ्य एवं तर्क प्रस्तुत किए गए हैं। यदि आप आचार्य कमलांशु के शिष्य परिवार में नहीं है तो कृपया अपने कुलगुरु अथवा आचार्य से इसकी पुष्टि अवश्य करें एवं उनके मार्गदर्शन का पालन करें। 
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