Digvijay Singh ने एक तीर से सिंधिया और कमलनाथ को निशाना बनाया, खुद को निर्दोष बताया

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से वापस लौटा दिए गए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह ने आज एक तीर से कांग्रेस पार्टी के नेता श्री कमलनाथ और कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को निशाना बनाया। इंडिया टुडे के एक सहयोगी चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार इसलिए गिरी क्योंकि कमलनाथ और सिंधिया के बीच में सौदेबाजी नहीं हो पाई थी। 

दिग्विजय सिंह ने उद्योगपति के घर डिनर सिंधिया और कमलनाथ का समझौता करवाया था?

श्री दिग्विजय सिंह ने अपने स्टेटमेंट में कहा है कि उन्होंने एक उद्योगपति जो सिंधिया और कमलनाथ दोनों के कॉमन फ्रेंड हैं, से इस मामले में मदद मांगी थी। उद्योगपति के घर पर दोनों को डिनर पर बुलाया गया था। यहां पर उन्होंने श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और श्री कमलनाथ के बीच में समझौता करवाया था। श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनके सामने अपनी कुछ मांग रखी थी। दोनों के बीच में संधि को लेकर एक ड्राफ्ट भी तैयार किया गया था जिसमें मध्यस्थ के तौर पर श्री दिग्विजय सिंह ने स्वयं हस्ताक्षर किए थे। लेकिन इसके बाद कमलनाथ ने संधि का उल्लंघन किया जिसके कारण सरकार गिर गई। 

मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार के पतन के लिए कमलनाथ जिम्मेदार?

श्री दिग्विजय सिंह ने अपने बयान में स्पष्ट किया है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के पतन के लिए कमलनाथ जिम्मेदार है जबकि विरोधियों द्वारा यह प्रचारित किया गया कि दिग्विजय सिंह के कारण सरकार गिरी। उल्लेखनीय है कि, सरकार गिरने के बाद कमलनाथ ने स्वयं एक बयान में कहा था कि "दिग्विजय सिंह ने मुझे अंधेरे में रखा"। अब श्री दिग्विजय सिंह का कहना है कि, कमलनाथ ने संधि की शर्तों का पालन नहीं किया इसलिए मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार का पतन हुआ। 

दिग्विजय सिंह ने सिंधिया को भी निशाना बनाया

श्री दिग्विजय सिंह ने अपने बयान के दौरान केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी टारगेट किया। उन्होंने कहा कि श्री सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने के पीछे "विचारधारा" की बात नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि, श्री सिंधिया की मांगे पूरी नहीं हुई इसलिए उन्होंने सरकार गिरा दी। इस प्रकार श्री दिग्विजय सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि, "हिंदुत्व" सिंधिया की विचारधारा नहीं है और सिंधिया एक अवसरवादी नेता हैं। यदि उनकी मांग पूरी कर दी जाती तो वह कांग्रेस में बने रहते। श्री दिग्विजय सिंह के बयान का स्पष्ट अर्थ होता है कि श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, व्यक्तिगत लाभ की राजनीति करते हैं। 

दिग्विजय सिंह ने इस समय पर यह इंटरव्यू क्यों दिया 

श्री दिग्विजय सिंह ने यह इंटरव्यू अपने पत्रकार मित्र श्री मिलिंद खांडेकर को दिया। राजनीति में कोई भी काम बिना किसी कारण के नहीं किया जाता। यह प्रश्न तो उपस्थित होता ही है कि श्री दिग्विजय सिंह ने इस समय, जबकि इस विषय पर कोई चर्चा भी नहीं चल रही है, यह इंटरव्यू क्यों दिया। 
  • हाल ही में श्री राहुल गांधी ने कहा कि मध्य प्रदेश में चुनाव आयोग के कारण कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव हार गई। यह चुनाव श्री कमलनाथ के नेतृत्व में लड़ा गया था और पराजय के लिए श्री कमलनाथ को जिम्मेदार माना जा रहा था। श्री राहुल गांधी के बयान ने श्री कमलनाथ का कांग्रेस पार्टी में वजन बढ़ा दिया। श्री कमलनाथ तेजी से एक्टिव हुए और हाल ही में उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात भी की है। 
  • राजधानी भोपाल में एक निजी कार्यक्रम में श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने श्री दिग्विजय सिंह को विशेष सम्मान दिया और श्रोताओं के बीच बैठे हुए श्री दिग्विजय सिंह का हाथ पड़कर, सम्मानपूर्वक उन्हें मंच पर स्थान दिया। 
  • श्री दिग्विजय सिंह के सुपुत्र श्री जयवर्धन सिंह, (जिनको श्री दिग्विजय सिंह कमलनाथ सरकार में वित्त मंत्री बनना चाहते थे) को हाल ही में गुना का जिला अध्यक्ष बनाया गया है। राजनीति में इसको अपमानजनक पदस्थापना कहा गया। 
  • श्री दिग्विजय सिंह चुनाव में पराजय के लिए हमेशा EVM को जिम्मेदार बताते रहे परंतु श्री राहुल गांधी ने EVM नहीं बल्कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को जिम्मेदार बताया है। श्री दिग्विजय सिंह को एक जमाने में श्री राहुल गांधी का पॉलीटिकल गुरु कहा जाता था। भारत जोड़ो यात्रा में भी श्री दिग्विजय सिंह, लगातार राहुल गांधी के साथ चल रहे थे। इस दौरान राहुल गांधी के अलावा श्री दिग्विजय सिंह की भी काफी अच्छी ब्रांडिंग हुई थी लेकिन वोट चोरी वाले अभियान में श्री दिग्विजय सिंह को कोई महत्व नहीं दिया गया। ✒ उपदेश अवस्थी

समाचार के लिखे जाने तक इस संदर्भ में केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ की तरफ से कोई बयान नहीं आया था। श्री दिग्विजय सिंह के इस बयान पर आपकी प्रतिक्रियाएं कृपया नीचे कमेंट बॉक्स में दर्ज कीजिए।
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