मध्य प्रदेश में शिक्षकों को प्रताड़ित करने का सिलसिला लगातार जारी है। हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश ने ऐसे ही एक मामले में आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल एवं जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है। इसके साथ ही महिला शिक्षक के स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी है।
महिला शिक्षक ने जो ट्रांसफर मांगा उसको बदल दिया
अधिवक्ता श्री सत्येंद्र ज्योतिषी ने बताया की याचिकाकर्ता का स्थानांतरण दिनांक 20/6/2025 को शासकीय प्राथमिक विद्यालय बुरहानपुर स्कूल से शासकीय प्राथमिक शाला रुस्तमपुर जिला खंडवा हुआ था। याचिकाकर्ता प्राथमिक शिक्षक के रूप मैं कार्यरत है। च्वाइस फिलिंग के आधार पर प्रार्थी का स्थानान्तरण रुस्तमपुर खण्डवा कर दिया गया था। प्रार्थी 100% ब्लाइंड है। दृष्टिबाधित होने के कारण विकलांगता कि श्रेणी में आता है। ऐसी स्थिति में स्थानांतरण नहीं किया जा सकता। स्थानांतरण नीति में भी स्पष्ट उल्लेख है। अतिशेष शिक्षक नहीं था। फिर भी उसका स्थानातंरण नियम विरुद्ध कर दिया गया, जबकि शासन की स्थानांतरण नीति के अनुसार विकलांग शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं किया जा सकता। प्रार्थी का स्थानांतरण पुनः 20/6/2025 को कर दिया गया जो विधि विरुद्ध है।
माननीय न्यायालय ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए स्थानातंरण आदेश दिनांक 20/6/2025 पर रोक लगाते हुए आयुक्त लोक शिक्षण संचनालय भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी एव अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए 3. सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने का आदेश पारित किया है एव आदेशित किया हैं की प्रकरण की अगली सुनवाई तक याचिकाकर्ता को स्थान्तरण किए गये स्कूल पर ज्वाइनिंग के लिए बाध्य ना किया जाय।
अत: याचिकाकर्ता अपनी पूर्व की संस्था शा प्राथमिक विद्यालय रुस्तमपुर जिला खंडवा मैं ही कार्य करता रहेगा।
याचिकाकर्ता का पक्ष ऐड सत्येंद्र ज्योतिषी एड अभिषेक मिश्रा ने रखा।