CrPc की धारा 144 के बारे में तो सभी जानते थे। ज्यादातर यह धारा कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी के द्वारा लगाई जाती थी अब यह धारा नए कानून में Bharatiya nagarik suraksha Sanhita,2023 की धारा 163 होगी। जब भी कोई तनावपूर्ण स्थिति निर्मित होती है तो District Magistrate (कलेक्टर) BNSS की धारा 163 लगा देते हैं। प्रश्न यह है कि क्या DM जब चाहे धारा 163 लगा सकता है, या फिर इसके अपने कोई नियम है और कलेक्टर द्वारा लगाई गई BNSS की धारा 163 को चैलेंज किया जा सकता है। आइए पढ़ते हैं:-
Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita,2023 की धारा 163 की परिभाषा
District Magistrate, Sub-Divisional Magistrate or any Executive Magistrate को लगता है किसी बाधा या आशंकित खतरे (Apprehended dangers) का तुरंत निवारण आवश्यक है, तब ऐसी व्यवस्था को ठीक करने के लिए जिससे आम नागरिकों को बाधा उत्पन्न हो रही है, या क्षति, क्षेम होने की संभावना है, या मानव जीवन में संकट (crisis in human life) पैदा हो रहा है या नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में है, या पब्लिक प्लेस या बल्वे-दंगे को रोकने या निवारण के लिए मजिस्ट्रेट धारा 163 का आदेश जारी करेगा।
इस धारा के अधीन आदेश आपात की conditions में अगर Magistrate को Information या तामील करने की कोई गुंजाइश भी न हों तब यह आदेश एकपक्षीय रूप से पारित किया जा सकता है।
मजिस्ट्रेट द्वारा जारी BNSS की धारा-163 के आदेश की समयावधि दो माह से अधिक नहीं होगी लेकिन राज्य सरकार को लगता है कि मानव जीवन के लिए खतरे की स्थिति अभी भी बनी हुई है तो, जब तक कोई उचित व्यवस्था और न हो सके तो BNSS की धारा-163 के तहत The order may be extended for an additional six months.अर्थात मजिस्ट्रेट के आदेश को मिलाकर 8 माह तक।
अगर कोई व्यक्ति BNSS की धारा-163 के आदेश को विखंडन या परिवर्तन करने के हटाने के लिए Magistrate या state government को आवेदन करता है तब कोई भी Magistrate या state government ऐसे Order का विखंडन (Fragmentation) या Change अपने विवेक या आवेदक के आवेदन पर कर सकते हैं लेकिन आवेदक को स्वंय या वकील के माध्यम से Magistrate या राज्य सरकार को बताना होगा कि वह इस आदेश को परिवर्तन या विखंडन (Fragmentation) क्यों करवाना चाहता है।
अर्थात अगर किसी बीमारी को फैलने से रोकने के लिए BNSS की धारा-163 लगाई गई है एवं बीमारी पूरी तरह Control हो गई है लेकिन BNSS की धारा- 163 का आदेश लागू होने के कारण व्यक्ति Public places पर इक्कठा नहीं हो पा रहे हैं तब Applicant उपर्युक्त धारा को समाप्त करने के लिए Application कर सकता है।
✍️लेखक: बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार, होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।