मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर मध्य प्रदेश मेट्रो रेल निगम लिमिटेड ने तुर्की देश की कंपनी का एग्रीमेंट रद्द कर दिया है। क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर के समय तुर्की ने पाकिस्तान की मदद की थी। फैसला लिया गया है कि, भोपाल मेट्रो में सिर्फ भारतीय कंपनियों को ही काम दिया जाएगा।
मेट्रो के हर यात्री का डाटा तुर्की की कंपनी के पास होता
भोपाल और इंदौर की मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में तुर्की की कंपनी को किराया कलेक्शन का काम दिया गया था। यह कॉन्ट्रैक्ट 186 करोड रुपए का था। कंपनी ने अपना काम भी शुरू कर दिया था लेकिन तभी भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बन गई और भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर दिया। आतंकवादियों की रक्षा करने के लिए पाकिस्तान में जवाबी हमला किया। इस हमले में तुर्की ने पाकिस्तान का साथ दिया। इसके बाद मध्य प्रदेश में तुर्की की कंपनी को बिजनेस देने के विरोध में आवाज उठने लगी थी। विरोध शुरू होते ही तुर्की की कंपनी ने फटाफट काम शुरू कर दिया था भोपाल में 199 और इंदौर मेट्रो स्टेशन पर 227 गेट लगा दिए गए थे। यही से टिकट का कलेक्शन होता है।
तुर्की की कंपनी पहन के पीछे से काम करेगी?
इंदौर में मेट्रो शुरू हो चुकी है लेकिन अब बताया जा रहा है कि टिकट का काम मैनुअल तरीके से चल रहा है। कंपनी को उसका सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने नहीं दिया गया है और एग्रीमेंट रद्द कर दिया है। सके साथ ही इंस्टॉल करने के लिए लाए उपकरण मेट्रो परिसर में पैक रखे है। और नई कंपनी से टेंडर मंगाए गए हैं। जिसकी प्रक्रिया जल्दी प्रारंभ हो सकती है। मध्य प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है कि अब जिस भी कंपनी को यह काम दिया जाए वह स्वदेशी होनी चाहिए। इधर तुर्की की कंपनी कोशिश कर रही है कि जिसको भी टेंडर मिलेगा, उसको अपना सामान और सॉफ्टवेयर दे देंगे और परदे के पीछे से काम करेंगे।
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