भोपाल। प्राइवेट कॉलेज और कोचिंग एडमिशन के समय तो सुनहरे भविष्य के सपने दिखा देते हैं लेकिन क्लासरूम में कुछ ऐसा माहौल बना दिया जाता है कि बच्चे अपनी असफलता के लिए खुद को जिम्मेदार मानने लगते हैं और डिप्रेशन में चले जाते हैं। बंसल कॉलेज भोपाल में बैतूल से पढ़ने आया एक स्टूडेंट भी इसी प्रकार के डिप्रेशन में चला गया और उसने सुसाइड कर लिया।
बंसल कॉलेज के स्टूडेंट ने सुसाइड नोट में पिता से माफी मांगी
स्टूडेंट का नाम प्रवीण भादे उम्र 19 वर्ष बताई गई है। वह बैतूल जिले की मुलताई तहसील का रहने वाला है। प्रवीण के पिता गुड्डू भादे मुलताई में मजदूरी करते हैं। सभी पेरेंट्स की तरह वह भी चाहते थे कि उनका बेटा पढ़ लिखकर अच्छा इंसान बन जाए। प्रचार-प्रसार और इनफ्लुएंस से प्रभावित होकर उन्होंने अपने बेटे का एडमिशन बंसल कॉलेज में करवा दिया।
आनंद नगर के बाल विहार में वह रूममेट के साथ एक कमरा किराए पर लेकर रहता था। 15 अगस्त की रात 10:00 बजे रूममेट राजकुमार ने पुलिस को बताया कि, प्रवीण की डेड बॉडी कमरे के अंदर फांसी पर लटकी हुई है। कमरा अंदर से बंद था। पुलिस ने आकर बॉडी को फंदे से नीचे उतारा। प्रवीण के पास से एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें प्रवीण अपने पिता से माफी मांगते हुए लिखा है कि वह उनकी उम्मीदों पर खड़ा नहीं उतर सका।
पुलिस के लिए यह एक आत्महत्या का मामला है जिसके लिए आत्महत्या करने वाला स्वयं जिम्मेदार है लेकिन कोटा से लेकर भोपाल तक स्टूडेंट द्वारा किए जा रहे हैं सुसाइड के मामलों ने चिंता की स्थिति निर्मित कर दी है। कई मामलों में यह स्पष्ट हो गया है कि, क्लास रूम के अंदर बच्चों को इस प्रकार से ट्रीट किया जाता है कि, अपनी जिंदगी और पढ़ाई की हर असफलता के लिए वह सिस्टम को नहीं बल्कि स्वयं को जिम्मेदार मानते हैं और डिप्रेशन में चले जाते हैं। कुछ बच्चे नशे में डूब जाते हैं कुछ अपराध करने लगते हैं और कुछ सुसाइड कर लेते हैं।