Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 की धारा 148 में बताया गया है कि कोई भी Executive Magistrate या थाने का TI किसी विधि विरुद्ध जमाव (Unlawful Assembly) को बिखेरने हल्के बल प्रयोग का आदेश दे सकता है। केवल सिविल बल द्वारा अर्थात ऐसा जमाव विधि विरुद्ध जमाव कहलाता है जिस जमाव के कारण कोई आपराधिक घटना होने वाली हो। कोई धार्मिक सभा या विधि का पालन करते हुए कोई हड़ताल, आंदोलन विधि विरुद्ध जमाव नहीं होता है। आज हम आपको बताएंगे कि विधि विरुद्ध जमाव को हटाने के लिए सशस्त्र बल का प्रयोग करने का आदेश कौन दे सकता है, जानिए।
Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 की धारा 149 की परिभाषा
1. अगर सिविल बल द्वारा कोई विधि विरुद्ध जमाव बिखर नहीं पा रहा है और ऐसे जमाव को हटाना सार्वजनिक सुरक्षा के लिए जरूरी है, तब उच्चतम पंक्ति का Executive Magistrate अर्थात DM (Collector/ District Magistrate) जो स्वयं जमाव में उपस्थित होकर सशस्त्र बल द्वारा विधि विरुद्ध जमाव को हटवा सकता है।
2. ऐसा Magistrate सशस्त्र बल, सेना के अधिकारियों से यह भी अपेक्षा करेगा कि वह ऐसे व्यक्ति जो जमाव से नहीं हट रहे हैं, उन्हें गिरफ्तार कर सकते हैं या बंदी बनाकर रख सकते हैं।
3. सशस्त्र बल का सैनिक या अधिकारी जैसा वह ठीक समझे, बल का प्रयोग विधि के अनुसार कर सकते हैं, लेकिन वह उतने ही बल का प्रयोग करेंगे जिससे व्यक्ति को ज्यादा शारीरिक क्षति न हो एवं किसी संपत्ति को कोई नुकसान न हो।
नोट:- अगर विधि विरुद्ध जमाव को बिखेरने के लिए सशस्त्र बल का कोई अधिकारी (Officer) ज्यादा बल का प्रयोग करता है, तब उसे BNSS की धारा 78 के अंतर्गत बचाव नहीं मिलेगा। क्योंकि तथ्यों की भूल क्षमा हो सकती है, लेकिन नियम (विधि) की भूल क्षमायोग्य नहीं है।
State of Karnataka vs. V. Padmanabha Beliya
उदाहरणार्थ वाद:- कर्नाटक राज्य बनाम वी. पद्धनाम बेलिया :- मामले में यह निर्धारित किया गया कि जब जिला सशस्त्र रिजर्व पुलिस ने बिना प्राधिकारियों के विधिपूर्ण आदेश के अवैध सभा के सदस्यों पर गोली चलाई और एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई, तो राज्य सरकार इसमें प्रतिनिहित रूप से उत्तरदायी है और सरकार को मृतक व्यक्ति के आश्रितों को प्रतिकर देना होगा। लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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