New Research: 78 की उम्र तक इंसान के दिमाग में क्या-क्या चलता रहता है, यहां पढ़िए

सामान्य तौर पर कहा जाता है कि व्यक्ति की उम्र बढ़ने के साथ उसके मस्तिष्क का विकास धीमा होता चला जाता है और 60 साल के बाद मानव मस्तिष्क का विकास पूरी तरह से रुक जाता है। कई बार नेगेटिव भी हो जाता है। इसलिए भारत में 60 से अधिक उम्र वालों को "सठिया" भी कहा जाता है। परंतु एक नए शोध में वैज्ञानिकों ने प्रमाणित कर दिया है कि, प्रत्येक 14 में से 9 व्यक्तियों का मस्तिष्क को 78 वर्ष की उम्र तक लगातार विकसित होता रहता है। उसके अंदर न्यूरॉन्स (neurons) बनते रहते हैं। 

neurogenesis क्या होता है

यह प्रक्रिया, जिसे neurogenesis कहा जाता है, मस्तिष्क के Hypothalamus हिस्से में होती है, जो learning, memory, और emotions के लिए महत्वपूर्ण है। सरल हिंदी में; इस प्रक्रिया के कारण ही मनुष्य में लगातार सीखने की क्षमता बनी रहती है, उसका मस्तिष्क घटनाओं को यादों के रूप में संग्रहित करता रहता है और इसी प्रक्रिया के कारण भावनाओं के बनने और बिगड़ने की गतिविधि चलती रहती है। यही कारण के कुछ वृद्ध लोग विभिन्न प्रकार की भावनाओं में बहुत ज्यादा बह जाते हैं।

शोध का महत्व और निष्कर्ष 

Karolinska Institute (Stockholm) की शोधकर्ता और सह-प्रमुख अध्ययन एवं रिसर्च रिपोर्ट की महिला लेखन Marta Paterlini ने ईमेल के माध्यम से बताया, "हमारे काम ने इस लंबे समय से चली आ रही बहस को समाप्त कर दिया है कि क्या वयस्क मानव मस्तिष्क नए न्यूरॉन्स बना सकता है।" इस शोध को 3 जुलाई को journal Science में प्रकाशित किया गया। अन्य विशेषज्ञों ने भी इस शोध को adult neurogenesis के लिए मजबूत सबूत माना है। 

Weill Cornell Medicine के Burke Neurological Institute के CEO Dr. Rajiv Ratan, जो इस अध्ययन में शामिल नहीं थे, ने कहा, "यह एकल अध्ययन पूर्ण प्रमाण नहीं है, लेकिन यह विचार के समर्थन में मजबूत सबूत है कि वयस्क मानव मस्तिष्क में stem cells और precursor cells मौजूद हैं और वे बढ़ रहे हैं। 

"नई तकनीकों का उपयोगशोधकर्ताओं ने single-nucleus RNA sequencing और machine learning जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग करके अंतरराष्ट्रीय biobanks से प्राप्त मस्तिष्क ऊतक नमूनों (brain tissue samples) का विश्लेषण किया। RNA, जो DNA का एक निकट संबंधी है, उन जीन को दर्शाता है जो कोशिकाओं के अंदर "स्विच ऑन" होते हैं। Machine learning, एक प्रकार की artificial intelligence, का उपयोग बड़े डेटासेट को विश्लेषण करने के लिए किया गया। 

शोधकर्ताओं ने 0 से 78 वर्ष की आयु के 24 लोगों के hippocampus cells के 400,000 से अधिक व्यक्तिगत नाभिक (nuclei) का विश्लेषण किया। इसके अलावा, 10 अन्य मस्तिष्कों का अध्ययन अन्य तकनीकों से किया गया। इनमें छह बच्चे और चार किशोर शामिल थे। 

नए न्यूरॉन्स की खोज 

दो अत्याधुनिक imaging methods का उपयोग करके शोधकर्ताओं ने ऊतक में नए कोशिकाओं की स्थिति को मैप किया। उन्होंने dividing precursor cells को पूरी तरह से विकसित न्यूरॉन्स के ठीक बगल में पाया, ठीक उसी स्थान पर जहां पशु अध्ययनों में adult stem cells पाए गए हैं। Marta Paterlini ने कहा, "हमने इन dividing precursor cells को न केवल शिशुओं और छोटे बच्चों में, बल्कि किशोरों और वयस्कों में भी पाया। इनमें ऐसी stem cells शामिल हैं जो स्वयं को नवीनीकृत कर सकती हैं और अन्य मस्तिष्क कोशिकाओं को जन्म दे सकती हैं। 

नई तकनीकों का योगदान 

नई तकनीकों ने शोधकर्ताओं को विभिन्न विकास चरणों में नए मस्तिष्क कोशिकाओं का पता लगाने में मदद की। Fluorescent tags का उपयोग करके उन्होंने proliferating cells को चिह्नित किया और एक machine learning algorithm विकसित किया, जो rodent studies के आधार पर उन कोशिकाओं की पहचान करता है जो neurogenic stem cells में बदलने वाली थीं। Dr. Rajiv Ratan ने इसे एक "चतुर दृष्टिकोण" बताया। 

बच्चों और वयस्कों के मस्तिष्क में अंतर 

जैसा कि अपेक्षित था, बच्चों के मस्तिष्क में किशोरों या वयस्कों की तुलना में अधिक नए मस्तिष्क कोशिकाएँ (brain cells) बन रही थीं। एक तकनीक से विश्लेषण किए गए 14 वयस्क मस्तिष्कों में से नौ में neurogenesis के संकेत मिले, जबकि दूसरी तकनीक से विश्लेषण किए गए 10 में से 10 वयस्क मस्तिष्कों में नए कोशिकाएँ दिखीं। कुछ मस्तिष्कों में नए कोशिकाओं के न होने के बारे में Paterlini ने कहा कि इस अंतर के बारे में निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी। 

भविष्य की संभावनाएँ 

Massachusetts General Brigham के neurocritical care के प्रमुख Dr. W. Taylor Kimberly, जो इस अध्ययन में शामिल नहीं थे, ने कहा, "उन्होंने इस विशाल डेटा में सुई (new cells) खोज निकाली।" वे मानते हैं कि इन precursor cells को समय के साथ ट्रैक करके यह समझा जा सकता है कि इनका neurological diseases जैसे Alzheimer's से क्या संबंध है। Kimberly ने super agers (वृद्धावस्था में संज्ञानात्मक रूप से मजबूत लोग) और dementia रोगियों की तुलना करने की संभावना पर जोर दिया। 

यदि neurogenesis और रोग के बीच संबंध स्थापित हो जाता है, तो यह नई therapeutic strategies के द्वार खोल सकता है। Paterlini ने कहा, "हालांकि मानवों में सटीक therapeutic strategies पर अभी सक्रिय शोध चल रहा है, लेकिन यह तथ्य कि हमारे वयस्क मस्तिष्क नए न्यूरॉन्स बना सकते हैं, यह lifelong learning, recovery from injury, और neural plasticity की अप्रयुक्त संभावनाओं को बदल देता है।"
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