मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल कोई भर्ती विज्ञापन जारी करे और वह विवादित न हो, तथा अभ्यर्थियों को आंदोलन न करना पड़े, ऐसा संभव ही नहीं है।
कहा जाता है कि जब हम छोटे होते हैं, तो हमें पेंसिल से लिखने के लिए इसलिए कहा जाता है, ताकि हम अपनी गलतियों को बार-बार इरेज़र या रबड़ से मिटाकर उनसे सीख सकें। जब हाथ में एक बार पेन आ जाता है, तो गलतियाँ मिटाना मुश्किल हो जाता है। परंतु MPESB के हाथ में पता नहीं कौन-सा जादुई पेन आया है, जिससे बार-बार गलतियाँ होती ही जा रही हैं। दो बार नाम बदलने के बाद भी MPESB पर किसी का नियंत्रण नहीं है, और सरकार का यह फेवरेट बच्चा जरूरत से ज्यादा ही बिगड़ता जा रहा है।
MPESB का नया हंगामा: PSTST 2025
मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा हाल ही में दिनांक 11 जुलाई 2025 को मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2025 की अधिसूचना एवं रूल बुक जारी की गई, जिसमें रिक्त पदों की संख्या करीब 13,000 है। इसलिए अभ्यर्थियों में इस परीक्षा को लेकर एक नया जोश आया, परंतु जैसे ही उन्होंने रूल बुक के नियमों का गहराई से अध्ययन किया, उनका जोश ठंडा पड़ गया, क्योंकि इसमें इतनी अधिक अनियमितताएँ हैं कि जिन्हें बयान नहीं किया जा सकता।
1. प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा के लिए पात्रता को लेकर खुद के ही बनाए नियम बदल दिए
मध्य प्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तों एवं भर्ती नियम 2018 एवं यथासंशोधित नियमों के नियम 8 के उपनियम 5 के अनुसार, चयन परीक्षा निम्न शर्तों के अधीन आयोजित होगी (MPESB PSTST 2025 रूल बुक, पेज नंबर 03 के अनुसार):
शैक्षणिक एवं व्यावसायिक अर्हता: भर्ती नियम 2018 एवं समय-समय पर संशोधित नियम 8 की अनुसूची तीन के अनुसार निम्नांकित अर्हता धारित करना अनिवार्य होगा:
A. प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा के नियम के पात्रता संबंधी नियम
पात्रता परीक्षा: कर्मचारी चयन मंडल, मध्य प्रदेश, भोपाल द्वारा आयोजित प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2020 अथवा 2024 में निर्धारित प्रतिशत के साथ उत्तीर्ण एवं योग्य पाए गए अभ्यर्थी ही आवेदन करने के लिए पात्र होंगे। साथ ही, प्राथमिक शिक्षक भर्ती नियम 2018 एवं समय-समय पर संशोधित नियम 8 की अनुसूची-तीन के अनुसार निम्नांकित योग्यता धारित करना अनिवार्य होगा:
1. कम से कम 50% अंकों के साथ हायर सेकेंडरी अथवा इसके समकक्ष, अथवा प्रारंभिक शिक्षा में 2 वर्षीय डिप्लोमा, या विशेष शिक्षा में 2 वर्षीय डिप्लोमा, या उसके समकक्ष।
अथवा
कम से कम 45% अंकों के साथ हायर सेकेंडरी अथवा इसके समकक्ष, तथा एनसीटीई विनियम 2002 के अनुसार प्रारंभिक शिक्षा में 2 वर्षीय डिप्लोमा।
अथवा
कम से कम 50% अंकों के साथ हायर सेकेंडरी अथवा इसके समकक्ष, तथा प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में 4 वर्षीय स्नातक उपाधि (B.El.Ed.)।
अथवा
स्नातक उपाधि तथा प्रारंभिक शिक्षा में 2 वर्षीय डिप्लोमा।
अथवा
इसके समकक्ष।
B. प्राथमिक शिक्षक (विज्ञान) हेतु
कम से कम 50% अंकों के साथ हायर सेकेंडरी (विज्ञान संकाय) या समकक्ष, अथवा प्रारंभिक शिक्षा में 2 वर्षीय डिप्लोमा/विशेष शिक्षा में 2 वर्षीय डिप्लोमा/प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में 4 वर्षीय स्नातक उपाधि (B.El.Ed.) आवश्यक होगा।
Point of Objection:
प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2025 हेतु ऑनलाइन आवेदन भरने की अंतिम तिथि (01 अगस्त 2025) तक निर्धारित शैक्षणिक/व्यावसायिक योग्यता एवं वांछित अतिथि शिक्षक अनुभव धारित करना अनिवार्य है। आवेदन की अंतिम तिथि के पश्चात अर्जित शैक्षणिक/व्यावसायिक योग्यता एवं अतिथि शिक्षक अनुभव मान्य नहीं होंगे।
ऐसे में, वे सभी अभ्यर्थी जो शैक्षणिक/व्यावसायिक योग्यता के अंतिम वर्ष में हैं और जिनके परिणाम अभी घोषित नहीं हुए हैं, वे परीक्षा के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। गौरतलब है कि इससे पहले की भर्तियों में दस्तावेज सत्यापन तक डिग्री पूरी करने की छूट थी, परंतु इस परीक्षा के लिए आवेदन 18 जुलाई 2025 से शुरू हो चुके हैं और आवेदन की अंतिम तारीख 01 अगस्त 2025 है। इतने कम समय में व्यावसायिक परीक्षाओं के परिणाम घोषित होना संभव नहीं है। इसलिए, या तो आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाई जाए, या इन परीक्षाओं के परिणाम जल्दी घोषित किए जाएँ।
2. भाषा संबंधी नियम
जाहिर है कि चयन परीक्षा में MPTET क्वालिफाई उम्मीदवार ही भाग लेंगे, परंतु 2022 की परीक्षा में अभ्यर्थियों को भाषा एक और भाषा दो में हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, एवं उर्दू में से विकल्प चुनने की छूट थी। ऐसे में, अभ्यर्थियों ने अपनी सुविधा के अनुसार भाषा एक और भाषा दो का चयन किया। (गौरतलब है कि MPTET परीक्षा का आयोजन भी MPESB ने ही करवाया था।)
परंतु नई रूल बुक के अनुसार, सिलेबस में केवल भाषा एक में हिंदी और भाषा दो में अंग्रेजी रखी गई है। ऐसे में, जिन अभ्यर्थियों ने संस्कृत या उर्दू से MPTET परीक्षा क्वालिफाई की है, वे इस चयन परीक्षा से बाहर हो गए। जबकि यह नियम MPESB और DPI द्वारा ही बनाए गए हैं, यानी अपने ही नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।
3. प्राथमिक शिक्षक के साथ-साथ प्राथमिक विज्ञान शिक्षक के रिक्त पद दिए गए हैं
हाल ही में जब माध्यमिक शिक्षक वर्ग 2 परीक्षा आयोजित की गई, तो उसमें विज्ञान के पद स्कूल शिक्षा विभाग में शून्य और जनजातीय कार्य विभाग में 14 थे, जो विभिन्न श्रेणियों में विभक्त थे। उस समय, अभ्यर्थियों द्वारा आंदोलन करने पर तत्कालीन DPI आयुक्त शिल्पा गुप्ता ने यह कहकर अभ्यर्थियों को चुप कर दिया कि, "आपने विज्ञान विषय लिया ही क्यों है? विज्ञान विषय का स्कूल शिक्षा में कोई महत्व नहीं है।"
परंतु अब जब प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा के साथ प्राथमिक विज्ञान शिक्षक के रिक्त पद देखे, तो विज्ञान विषय के अभ्यर्थियों में थोड़ी उम्मीद जगी है। कृपया इसे D.Ed. या B.Ed. के फेर में न डाला जाए, क्योंकि जिन अभ्यर्थियों ने MPTET 2020/2024 क्वालिफाई किया है, उनमें से कई B.Ed. धारी हैं। उस समय सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया था कि B.Ed. धारी आवेदक आवेदन नहीं कर सकते।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश शासन द्वारा संचालित विद्यालयों में विज्ञान विषय कक्षा छठवीं से ही पढ़ाया जाता है। ऐसे में, प्राथमिक विज्ञान शिक्षक के लिए योग्यता स्नातक एवं B.Ed. को मान्य किया जाना चाहिए, अन्यथा मध्य प्रदेश के विद्यालयों में विज्ञान विषय अभिशाप बनकर रह जाएगा।
4. सिलेबस में भी बदलाव जरूरी है
रूल बुक के अनुसार, इस परीक्षा में कुल 05 विषय होंगे, और सभी पाँचों विषय अनिवार्य होंगे:
1. हिंदी भाषा (Hindi Language) - 15 प्रश्न - 15 अंक
2. अंग्रेजी भाषा (English Language) - 15 प्रश्न - 15 अंक
3. गणित (Mathematics) - 20 प्रश्न - 20 अंक
4. विज्ञान (Science) - 30 प्रश्न - 30 अंक
5. सामाजिक विज्ञान (Social Science) - 20 प्रश्न - 20 अंक
कुल प्रश्न: 100, कुल अंक: 100
Point of Objection:
सिलेबस में विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषय को एक साथ अनिवार्य रूप से शामिल किया गया है, जबकि आमतौर पर कक्षा दसवीं के बाद विद्यालयों में विज्ञान एक अलग विषय है और सामाजिक विज्ञान एक अलग विषय है। जिस अभ्यर्थी ने विज्ञान विषय लेकर अपनी स्नातक डिग्री हासिल की होगी, उसने सामाजिक विज्ञान विषय नहीं पढ़ा होगा। वहीं, जिस अभ्यर्थी ने सामाजिक विज्ञान विषय लेकर अपनी स्नातक डिग्री हासिल की होगी, उसने विज्ञान विषय नहीं पढ़ा होगा। ऐसे में, दोनों विषयों को एक साथ पढ़ना संभव नहीं है। साथ ही, सिलेबस का स्तर भी 12वीं कक्षा का है, यानी दोनों विषयों (विज्ञान और सामाजिक विज्ञान) का गहरा ज्ञान होना आवश्यक है।
माननीय मुख्यमंत्री जी एवं स्कूल शिक्षा विभाग से विनम्र निवेदन
यदि माननीय मुख्यमंत्री जी और मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बनाए गए नियमों की एक बार समीक्षा की जाए, क्योंकि ऐसा न हो कि इतने कठोर नियमों के चलते योग्य अभ्यर्थी आवेदन ही न कर पाएँ।
निवेदक: मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक एवं प्राथमिक शिक्षक (विज्ञान) चयन परीक्षा 2025 की तैयारी करने वाले समस्त अभ्यर्थी
अस्वीकरण: खुला खत एक ओपन प्लेटफॉर्म है। यहाँ मध्य प्रदेश के सभी जागरूक नागरिक सरकारी नीतियों की समीक्षा करते हैं, सुझाव देते हैं, और समस्याओं की जानकारी देते हैं। पत्र लेखक के विचार उसके निजी हैं। यदि आपके पास भी कुछ ऐसा है, जो मध्य प्रदेश के हित में हो, तो कृपया लिख भेजें। हमारा ई-मेल पता है: editorbhopalsamachar@gmail.com
भोपाल समाचार से जुड़िए |
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें |
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें |
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए यहां क्लिक करें |
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें |
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com |
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289 |