मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग में कार्यरत अतिथि शिक्षकों में सत्र 2025-26 के लिए भर्ती आदेश जारी न होने के कारण भारी असंतोष और आक्रोश व्याप्त है। स्कूल शिक्षा विभाग ने जहां जून 2025 से अतिथि शिक्षकों की जॉइनिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है और पूर्व में कार्यरत सभी अतिथि शिक्षकों ने स्कूलों में जॉइनिंग भी कर ली है, वहीं जनजातीय कार्य विभाग ने अभी तक इस संबंध में कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं किया है।
अतिथि शिक्षकों की आजीविका पर संकट
रामजी गुप्ता, जो कई वर्षों से जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत संचालित शासकीय विद्यालय में वर्ग 1 भौतिकी विज्ञान विषय के अतिथि शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं, ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि भर्ती प्रक्रिया में देरी के कारण अतिथि शिक्षकों को आर्थिक तंगी और बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनका सामान्य जीवन जीना अत्यंत कठिन हो गया है। गुप्ता ने कहा, "हम कई सालों से शैक्षिक कार्य में योगदान दे रहे हैं, लेकिन विभाग की धीमी कार्यप्रणाली के कारण हमारी आजीविका पर संकट मंडरा रहा है।"
जनजातीय कार्य विभाग, जो मुख्य रूप से आरक्षित क्षेत्रों में शैक्षिक योजनाओं का संचालन करता है, अपनी धीमी कार्यप्रणाली के लिए पहले भी आलोचना का सामना कर चुका है। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि विभाग द्वारा समय पर आदेश जारी न करना न केवल उनकी आजीविका को प्रभावित कर रहा है, बल्कि आदिवासी क्षेत्रों के छात्रों की शिक्षा पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
शिक्षकों ने भोपाल समाचार डॉट कॉम के माध्यम से जनजातीय कार्य विभाग के अधिकारियों से जल्द से जल्द भर्ती आदेश जारी करने की मांग की है। वे चाहते हैं कि विभाग स्कूल शिक्षा विभाग की तरह शीघ्रता से प्रक्रिया शुरू करे, ताकि वे अपने शैक्षिक दायित्वों को समय पर पूरा कर सकें और आर्थिक संकट से उबर सकें।
शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही कोई कदम नहीं उठाया गया, तो वे अपने हक के लिए सामूहिक रूप से आवाज उठाने को मजबूर होंगे।
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