जब किसी व्यक्ति पर किसी Cognizable offense का आरोप लगता है, तब पुलिस FIR दर्ज करने के बाद Investigation करती है और अपनी Investigation रिपोर्ट Judicial magistrate के समक्ष प्रस्तुत करती है। याद रहे की कोई भी District court या Session court डायरेक्ट किसी Police report पर Trial नहीं कर सकता, जब तक अधीनस्थ Judicial magistrate किसी मामले को उसे सुपुर्द नहीं करेगा।
Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023, की 485 एवं 487 की परिभाषा
अगर कोई आरोपी Judicial magistrate के समक्ष अपने ऊपर लगे हुए आरोपो को स्वीकार करता है, तब Magistrate आरोपी को स्वविवेकानुसार Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita की धारा 285 के अंतर्गत दोषसिद्धि कर सकता हैं लेकिन अगर Accused अपने ऊपर लगे आरोपों (Charges) स्वीकार नही करता है या आपने ऊपर लगे आरोपों का Trial के दावा करता हैं तब Magistrate भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता,2023 (BNSS) की धारा 487 के अंतर्गत पहले निम्न प्रकार की कार्यवाही करेगा:-
1. Magistrate फरियादी पक्ष के साक्षियों (Witnesses) की गवाही के लिए दिनांक निश्चित करेगा एवं आरोपी को पुलिस Investigation के दौरान अभिलिखित (Recorded) किए गए Witnesses के कथन प्रदान करेगा।
2. Magistrate फरियादी के आवेदन पर उसके Witnesses को या दस्तावेज या अन्य किसी वस्तु को पेश करने के लिए समन (Summons) भी जारी करेगा।
3. अगर Magistrate चाहे तो Witnesses की पुनः परीक्षा (Re-examination) करवा सकता है या नए Witnesses को बुलवा भी गवाही के लिए बुलाया सकता है। लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
भोपाल समाचार से जुड़िए |
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें |
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें |
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए यहां क्लिक करें |
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें |
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com |