मध्य प्रदेश के जबलपुर में वन विभाग के अधिकारियों ने आदिम जाति कल्याण विभाग की डिप्टी कमिश्नर की 75 वर्षीय वृद्ध माताजी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि बुधवार को EOW की छापामार कार्रवाई के दौरान उनके घर में टाइगर की वर्षों पुरानी खाल मिली थी। पूछताछ में माताजी ने बताया कि खाल का इस्तेमाल वह पूजा के दौरान बैठने के लिए करती थीं।
JABALPUR NEWS - 30 साल पहले दादाजी द्वारा दी गई गिफ्ट के कारण मां गिरफ्तार
वन विभाग की पूछताछ में आदिम जाति कल्याण विभाग के डिप्टी कमिश्नर जगदीश सरवटे की मां सावित्री सरवटे ने बताया कि 30 साल पहले उनके ससुर ने उन्हें बाघ की ये खाल दी थी। इसमें बैठकर वह रोजाना पूजा करती थीं। सावित्री के मुताबिक- ससुर मंडला में रहते थे, उन्हें यह बाघ की खाल कहां मिली, किसने दी, इसकी जानकारी नहीं है। सावित्री ने वन विभाग को बताया कि इसका इस्तेमाल पूजा के अलावा और कुछ नहीं किया गया है। वन विभाग के मुताबिक जिस घर से खाल मिली है, वह सावित्री सरवटे के नाम है।
जबलपुर डीएफओ ऋषि मिश्रा ने वृद्ध महिला की गिरफ्तारी क्यों की
जबलपुर डीएफओ ऋषि मिश्रा का कहना है कि सावित्री सरवटे के बयान के बाद पाया गया कि अवैध रूप से इन्होंने लंबे समय से अपने घर पर बाघ की खाल छिपाकर रखी थी, लिहाजा वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की धारा 9, 50 के तहत इन्हें गिरफ्तार कर रात में जेल भेजा गया।
बेटे के भ्रष्टाचार के कारण मां को जेल जाना पड़ा
आदिम जाति कल्याण विभाग के डिप्टी कमिश्नर जगदीश सरवटे के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत हुई थी। मध्य प्रदेश शासन की आर्थिक अपराध शाखा ने जांच की जिसमें शिकायत सही पाई गई। प्रमाण इकट्ठा करने के लिए भोपाल, सागर और जबलपुर के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की गई। डिप्टी कमिश्नर जगदीश प्रसाद सरवटे के पास से 6 करोड़ 75 लाख 72 हजार 295 रुपए कीमत की चल-अचल और अनुपातहीन संपत्ति का खुलासा हुआ है। जबकि उनकी अब तक की वैध आय केवल 1 करोड़ 56 लाख 99 हजार 6 रुपए पाई गई है। इसी भ्रष्टाचार के कारण EOW की टीम डिप्टी कमिश्नर के घर तक पहुंची और आज उनकी मां को जेल जाना पड़ा।