मध्य प्रदेश के अशोकनगर में 8 जुलाई 2025 को कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में 'न्याय सत्याग्रह' प्रदर्शन की तैयारी जोरों पर है। यह प्रदर्शन पटवारी के खिलाफ दर्ज एक आपराधिक मामले को रद्द करने की मांग को लेकर आयोजित किया जा रहा है। इस बीच, जिला प्रशासन ने इस प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए कड़े इंतजाम किए हैं, जिसमें भारी पुलिस बल, बैरिकेडिंग, वज्र वाहन और वाटर कैनन की तैनाती शामिल है।
अशोकनगर में कांग्रेस का न्याय सत्याग्रह क्यों?
कांग्रेस का यह सत्याग्रह जीतू पटवारी पर दर्ज एक FIR के विरोध में है, जो गजराज लोधी नामक व्यक्ति द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है। गजराज ने पहले बीजेपी कार्यकर्ता पर मारपीट और अपमानजनक व्यवहार का आरोप लगाया था, जिसके लिए उन्होंने 25 जून को पटवारी से मुलाकात की थी। बाद में गजराज ने शपथ पत्र देकर दावा किया कि पटवारी ने उन्हें शिकायत दर्ज करने के लिए उकसाया, जिसके आधार पर पुलिस ने पटवारी और अन्य कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया।
कांग्रेस इसे 'झूठा मुकदमा' करार दे रही है और इस FIR को रद्द करने की मांग के साथ अशोकनगर में सामूहिक गिरफ्तारी का ऐलान किया है। प्रदर्शन में पूरे मध्य प्रदेश से कांग्रेस कार्यकर्ताओं के शामिल होने की बात कही जा रही है।
अशोकनगर कलेक्टर ने क्या इंतजाम किए हैं?
अशोकनगर जिला प्रशासन ने इस प्रदर्शन को देखते हुए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। सूत्रों के अनुसार, जिले में लगभग 1000 अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। इसके अलावा:
बैरिकेडिंग: शहर के प्रमुख चौराहों और थाना क्षेत्र के आसपास भारी बैरिकेडिंग की गई है ताकि प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित किया जा सके।
वज्र वाहन और वाटर कैनन: भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वज्र वाहन और वाटर कैनन की व्यवस्था की गई है। यह इंतजाम संभावित उपद्रव को रोकने के लिए किए गए हैं।
होटल और गेस्ट हाउस पर कब्जा: प्रशासन ने अशोकनगर के सभी होटल, शादी घर, रेस्ट हाउस और गेस्ट हाउस को पुलिस बल के लिए आरक्षित कर लिया है, जिससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ठहरने में दिक्कत हो रही है।
सीसीटीवी और ड्रोन निगरानी: शहर में प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन के जरिए निगरानी की जा रही है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी मुकेश नायक ने प्रशासन पर दमनात्मक रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने आपातकालीन स्थिति में लागू होने वाले अधिनियम का सहारा लिया है, जो प्रदर्शन को दबाने का प्रयास है।
जीतू पटवारी और कलेक्टर विवाद
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब जीतू पटवारी ने अशोकनगर के कलेक्टर को फोन पर धमकी दी और उसे फोन कॉल की रिकॉर्डिंग कलेक्टर की जानकारी और अनुमति के बिना सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। एक वायरल वीडियो में पटवारी ने राहुल गांधी का नाम लेते हुए कलेक्टर को 7 दिन में कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी। कलेक्टर ने इस दौरान सम्मानजनक तरीके से जवाब दिया, लेकिन जब पटवारी ने वीडियो वायरल कर दिया तो पटवारी के खिलाफ FIR दर्ज हो गई।
अशोक नगर में जीतू पटवारी की गिरफ्तारी नहीं लेकिन एक और FIR होगी
कांग्रेस का दावा है कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है और बीजेपी सरकार कांग्रेस नेताओं को दबाने के लिए झूठे मुकदमे दर्ज कर रही है। दूसरी ओर, प्रशासन का कहना है कि यदि प्रदर्शन के दौरान शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न हुई तो पटवारी के खिलाफ नया मामला दर्ज हो सकता है।
8 जुलाई को अशोकनगर के मौसम का पूर्वानुमान
8 जुलाई को अशोकनगर में मौसम आंशिक रूप से बादल छाए रहने और बौछारों की संभावना है, जिसका तापमान 27-29 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। यह प्रदर्शनकारियों और पुलिस दोनों को अपनी पूरी क्षमताओं का उपयोग करने का मौका देगा।
अशोकनगर में 8 जुलाई को होने वाला कांग्रेस का 'न्याय सत्याग्रह' केवल जीतू पटवारी के खिलाफ दर्ज FIR का मामला बन गया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और अशोकनगर के कलेक्टर के बीच सीधा टकराव दिखाई दे रहा है।प्रशासन की कड़ी तैयारियों और भारी पुलिस बल की तैनाती से यह प्रदर्शन तनावपूर्ण हो सकता है। सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या यह सत्याग्रह शांतिपूर्ण रहेगा, क्या कांग्रेस के नेता भड़काऊ भाषण और कार्यकर्ता उपद्रव नहीं करेंगे?
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