राज्य सरकार के लोक सेवकों के ऑफलाइन सेवा अभिलेखों को डिजिटलाइज्ड एवं संरक्षित करने हेतु जारी निर्देशों के पालन को लेकर शासकीय विभाग गंभीर नहीं हैं।
राज्य शासकीय कर्मचारी अधिकार संरक्षण संघ द्वारा मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन के प्रयासों के बाद सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार मध्य प्रदेश राज्य के समस्त कार्यालयों को डिजिटलाइज्ड कर ऑनलाइन पेपरलेस कार्य पद्धति विकसित करने हेतु कड़ाई से पालन करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके बाद भी सरकारी विभागों द्वारा लोक सेवकों के सेवा अभिलेख, जैसे सेवा पुस्तिकाएँ, भविष्य निधि पासबुक, गोपनीय चरित्रावली एवं सेवा नस्तियों को डिजिटलाइज्ड न किए जाने से कर्मचारियों में विभागीय रवैये के खिलाफ व्यापक रोष व असंतोष व्याप्त है।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष श्री शीलप्रताप सिंह पुंढीर द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि "मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम" द्वारा विकसित पोर्टल के माध्यम से सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के सेवा अभिलेख, जैसे सेवा पुस्तिकाएँ, भविष्य निधि पासबुक, गोपनीय चरित्रावली एवं सेवा में आने से लेकर सेवानिवृत्ति तक की सभी गतिविधियों से संबंधित नस्तियाँ व रिकॉर्ड संरक्षित किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके बाद भी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सहित कई विभागों द्वारा उक्त कार्यवाही के संपादन में उदासीनता बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि ऑफलाइन पूर्व प्रणाली में शासकीय विभागों द्वारा शासकीय सेवकों के महत्वपूर्ण सेवा अभिलेखों के संरक्षण व रखरखाव में लापरवाही के कारण अनेक कर्मचारियों को उनके सेवा स्वत्वों के निराकरण के संबंध में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
माननीय मुख्य सचिव के निर्देशानुसार उठाए गए कदमों से डिजिटलाइजेशन के प्रयासों के कारण राज्य सरकार के अभिलेखों के साथ-साथ शासकीय सेवकों के महत्वपूर्ण सेवा अभिलेख भी संरक्षित किए जाने के निर्देश जारी हुए हैं। इसे विभागों द्वारा समयसीमा निर्धारित कर गंभीरतापूर्वक शासकीय सेवकों के सेवा अभिलेखों को समय-सीमा के भीतर संरक्षित करने की समीक्षा करने की मांग प्रदेश सरकार एवं सामान्य प्रशासन विभाग से की गई है।
शोएब सिद्दीकी, प्रवक्ता, राज्य शासकीय कर्मचारी अधिकार संरक्षण संघ