HARIYALI AMAVASYA - कालसर्प दोष, पितृदोष, ग्रह शांति सिर्फ ₹100 के अनुष्ठान में

श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हरियाली अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पौधारोपण करने का विधान है। शास्त्रों के अनुसार ऐसा करने से पितृदोष मुक्ति प्राप्त होती है। जिन लोगों की जन्म कुंडली में कालसर्प दोष है, पौधारोपण करने से कालसर्प दोष की वार्षिक शांति होती है। इस दिन मनोकामना पूर्ति एवं ग्रह शांति के लिए के लिए भी पौधारोपण किया जाता है। इस अनुष्ठान में अधिकतम ₹100 का खर्चा आता है, और किसी आचार्य की आवश्यकता नहीं है। शास्त्रों के अनुसार इन निर्देशों का पालन कीजिए, आपका कल्याण होगा।

HARIYALI AMAVASYA KAB HAI 

भारतीय संस्कृति में वैष्णव संप्रदाय के लोग अर्थात फूलों के परिवार के साथ रहते हैं, उदयातिथि के अनुसार व्रत और त्यौहार का विधान है। अर्थात जिस स्थिति में सूर्य का उदय होता है, व्रत और त्यौहार के लिए वही दिन उपयुक्त होता है। चंद्रमा से संबंधित (पूर्णिमा और अमावस्या) व्रत और त्यौहार के संदर्भ में जिस स्थिति में चंद्रमा का उदय होता है, वही दिन उपयुक्त होता है। सन 2025, विक्रम संवत 2082, दिनांक 24 जुलाई 2025 को सूर्योदय के पूर्व, 23-24 जुलाई की मध्य रात्रि 2:28am बजे अमावस्या तिथि प्रारंभ होगी, और 25 जुलाई को मध्य रात्रि 12:40am बजे तिथि का समापन होगा। इस प्रकार अमावस्या तिथि का सूर्य उदय, एवं चंद्रमा का उदय 24 जुलाई को ही होगा। इसलिए इसमें कोई संशय की स्थिति और दो मत नहीं है। हरियाली अमावस्या सभी संप्रदाय के लोगों के लिए 24 जुलाई को मनाया जाना ही उपयुक्त है। 

HARIYALI AMAVASYA: पितृ दोष की शांति के लिए क्या करें 

अमावस्या के दिन पितरों को खुश करने के लिए पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। हरियाली अमावस्या के दिन मुख्यतः पीपल व तुलसी की पूजा की जाती है। पीपल के अग्रभाग में भगवान ब्रह्मा ,मध्य भाग में शिव जी तथा जड़ में विष्णु जी का निवास माना जाता है। पीपल को पितृ स्वरूप माना गया है। पीपल के पेड़ के नीचे जल अर्पण करें, दीपक जलाएं, कच्चा दूध और चावल अर्पित करें। 7 परिक्रमा करते हुए "ॐ नमः भगवते वासुदेवाय" या "ॐ पितृभ्यः नमः" मंत्र जपें। इस दिन पीपल का पौधा लगाएं और वर्ष भर उसकी देखभाल करें। जन्म कुंडली में कितना भी कष्टकारी पितृ दोष होगा, इस उपाय को करने से उसके सभी कष्ट, नष्ट हो जाएंगे।

हरियाली अमावस्या: किस देवता को प्रसन्न करने कौन सा पौधा लगाएं

  • भगवान श्री हरि विष्णु, श्री राम एवं श्री कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए वाला अथवा तुलसी का पौधा लगाएं। 
  • भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बेल अथवा बरगद का पौधा लगाएं। 
  • महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कमल का पौधा लगाएं। 

मनोकामना पूर्ति के लिए हरियाली अमावस्या को कौन सा पौधा रोपण करें

  • धन प्राप्ति के लिए जामुन का पौधा रोपण करें। 
  • ज्ञान की प्राप्ति के लिए बरगद का पौधा रोपण करें। 
  • सुयोग्य पत्नी की मनोकामना पूर्ति हेतु पाकड़ का पौधा रोपण करें। 
  • ऐसे पाप जिनका प्रायश्चित संभव नहीं है, का नाश करने के लिए बबूल का पौधा रोपण करें। 
  • शोक मिटाने के लिए अशोक का पौधारोपण करें। 
  • संतान प्राप्ति अथवा कल में वृद्धि के लिए तेंदू का पौधारोपण करें।

किस ग्रह की शांति के लिए कौन सा पौधारोपण करें

  • सूर्य देव की शांति के लिए आक का पौधारोपण करें। 
  • चंद्र देव की शांति के लिए पलाशका पौधारोपण करें। 
  • मंगल ग्रह की शांति के लिए ख़ादिर का पौधारोपण करें। 
  • बुध ग्रह की शांति के लिए दूर्वा का पौधारोपण करें। 
  • बृहस्पति ग्रह की शांति के लिए केला का पौधारोपण करें। 
  • शुक्र ग्रह की शांति के लिए गूलर का पौधारोपण करें। 
  • शनि ग्रह की शांति के लिए शमी का पौधारोपण करें।
डिस्क्लेमर - हरियाली अमावस्या सनातन हिंदू धर्म का त्यौहार है, जिसकी विधि और मान्यताएं भारतीय धर्म शास्त्रों पर आधारित है। पश्चिम के किसी भी वैज्ञानिक ने इसके महत्व के परीक्षण के लिए कोई प्रयोग नहीं किया। इसलिए कोई रिसर्च रिपोर्ट नहीं है। अतः शास्त्रों का मार्गदर्शन ही मान्य है, और इस विषय में कोई डिबेट नहीं है।
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