Criminal Law - Public Nuisance के मामले में मजिस्ट्रेट के आदेश का पालन न करने की स्थिति

यदि कोई व्यक्ति, जिसके विरुद्ध सार्वजनिक स्थान में बाधा उत्पन्न करने वाले साधन को हटाने का आदेश दिया गया हो, वह आदेश का पालन नहीं करता और न ही भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 154 के अंतर्गत निर्धारित नियम के अनुसार मजिस्ट्रेट को कोई कारण बताता है कि वह आदेश का पालन क्यों नहीं कर रहा है, तो मजिस्ट्रेट ऐसे व्यक्ति के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 155 के अंतर्गत कार्रवाई करेगा।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 155 की परिभाषा

यदि कोई व्यक्ति, जिसके खिलाफ सार्वजनिक उपद्रव को हटाने का आदेश दिया गया हो, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 154 के उपबंधों (प्रावधानों) का पालन नहीं करता, अर्थात् न तो बाधा उत्पन्न करने वाले साधन को हटाता है और न ही मजिस्ट्रेट के समक्ष उपस्थित होकर कारण बताता है, तो मजिस्ट्रेट ऐसे व्यक्ति के लिए अंतिम आदेश जारी करेगा। साथ ही, ऐसे व्यक्ति को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 208 के अंतर्गत दंडित भी किया जाएगा।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 208

जो कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक के आदेश का पालन नहीं करता और ऐसे आदेश की अवज्ञा करता है, जो मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा को संकट में डालने वाला हो, तो ऐसे व्यक्ति को छह माह के कारावास या एक हजार रुपये के जुर्माने या दोनों से दंडित किया जा सकता है। लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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