BIHAR में SSC उम्मीदवारों की आग से किसका घर जलेगा और किसका पनीर पकेगा, पढ़िए

कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन की एक गड़बड़ी ने मोदी सरकार और नीतीश कुमार दोनों के लिए सर दर्द की स्थिति पैदा कर दी है। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने बड़ी ही चतुराई के साथ गुस्साए उम्मीदवारों को नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की ओर मोड़ दिया है। SSC उम्मीदवारों के दिलों में सुलग रही आग से राजनीति की रोटियां सेंकने का काम शुरू हो गया है और जल्दी ही इस आग को बुझाने का काम भी शुरू हो जाएगा। पॉलिटिक्स पूरी होगी लेकिन न्याय नहीं मिलेगा। 

सत्ता वाले लोग वीकेंड मना रहे थे, बिहार में SSC ब्लास्ट हो गया

कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन के मिस मैनेजमेंट के कारण आज बिहार के कुछ परीक्षा केदो पर एसएससी फेस-13 की परीक्षा को अचानक रद्द कर दिया गया। उम्मीदवार जब परीक्षा देने के लिए केंद्र पर पहुंचे तब उन्हें इसकी सूचना मिली। परीक्षा केंद्र पर नाराज उम्मीदवारों को शांत करने के लिए कोई नहीं था। दीवार पर चिपका हुआ एक नोटिस, उम्मीदवारों का गुस्सा भड़का रहा था। इसके कारण हंगामा ज्यादा हो गया। सोशल मीडिया पर नाराज उम्मीदवारों के वीडियो वायरल होने लगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश दौरे पर हैं। मानसून के मौसम का वीकेंड शुरू हो गया है। इसलिए शायद भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार के लोग छुट्टी पर थे। इसलिए किसी ने कोई रिस्पांस नहीं किया और बात बढ़ती चली गई। 

आज क्या हुआ और कल क्या होगा

इधर लोकसभा में धांसू पारी की तैयारी कर रहे नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को बल्लेबाजी करने का खुला मैदान मिल गया। लोकसभा का मानसून सत्र होने के कारण उनकी पूरी टीम दिल्ली में उनके पास थी। बिहार का मामला देखने वाले भैया ने तत्काल रणनीति बनाई और गुस्से से भड़के हुए SSC उम्मीदवारों को नरेंद्र मोदी एवं नीतीश कुमार का चेहरा दिखा दिया। नीतीश कुमार की टीम को समझना चाहिए था, जब आप केंद्र के साथ गठबंधन में होते हैं तो SSC की गड़बड़ियों के लिए भी जिम्मेदार हो जाते हैं। अब तो आग भड़क चुकी है। नाराज उम्मीदवारों को अपने पक्ष में किया जाना मुश्किल है। इसलिए आग को ठंडा किया जाएगा। लेकिन सब जानते हैं कि, भड़की हुई आग पर कोई भी प्रयोग कर लीजिए, निशान तो रह ही जाते हैं। 

कोचिंग सेंटर वाले भी मटर पनीर बनाएंगे 

जब आग लगी हुई है तो सब फायदा उठाएंगे। SSC की तैयारी करवाने वाले कोचिंग सेंटर्स के संचालक भी इस आग में मटर पनीर बनाएंगे। कोई वीडियो बना रहा है, ताकि एक्स्ट्रा रेवेन्यू बन जाए। कोई उम्मीदवारों को इकट्ठा करके कोर्ट में याचिका की कोशिश कर रहा है ताकि मोटी फीस मिल जाए। कोई इस मौके पर अपना नाम चमकाना चाहता है। बताना चाहता है कि खान सर नहीं बल्कि मैं तुम्हारा असली शुभचिंतक हूं। इस पूरी प्रक्रिया में कोचिंग सेंटर संचालकों का फायदा होगा लेकिन उम्मीदवारों को कुछ नहीं मिलेगा। 

SSC उम्मीदवारों को न्याय मिलेगा?

इस तरह के मामलों में उम्मीदवारों को भारी भरकम मुआवजा मिलना चाहिए, जिसकी वसूली गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार व्यक्ति, ठेकेदार या अधिकारी से की जानी चाहिए। या फिर जिन परीक्षा केद्रों पर SSC की गलती के कारण परीक्षा नहीं हो पाई है, उन परीक्षा केद्रों के उम्मीदवारों को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिलना चाहिए। लेकिन भारत में ऐसा कोई न्याय नहीं मिलता है। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में केस लगाने से भी कुछ नहीं होता। 

कोर्ट केस करने से कुछ होगा क्या?

दो दिन पहले ही NEET-UG परीक्षा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विद्यार्थियों की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने परीक्षा के दौरान अचानक लाइट चली जाने के कारण, डिस्टरबेंस हो जाने की शिकायत की थी और या तो दोबारा परीक्षा कराने या फिर काउंसलिंग में शामिल करने की मांग की थी। याचिका की सुनवाई के दौरान यह पाया गया कि, परीक्षा के बीच में लाइट गई थी, यह भी साबित हुआ की परीक्षा केंद्र पर कोई पावर बैकअप नहीं था, यह भी साबित हुआ की लाइट चले जाने से परीक्षा प्रभावित होती है। लेकिन फिर NTA के वकील ने कहा की परीक्षा तो हो गई, अब दोबारा नहीं करवाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम NTA को दोबारा परीक्षा करवाने का आदेश नहीं दे सकते। 

न्याय के लिए क्या करना होगा

X पर हैशटैग ट्रेंड करने से कुछ नहीं होगा। AI से फोटो और वीडियो बनाकर वायरल करने से भी कुछ नहीं होगा, कोचिंग सेंटर के संचालक को नेता बनकर उसके पीछे नारे लगाने से भी कुछ नहीं होगा और कांग्रेस पार्टी या किसी भी दूसरी पॉलीटिकल पार्टी की कठपुतली बनने से तो बिल्कुल कुछ नहीं होगा। उम्मीदवारों को अपने घर से निकलना होगा। सरकार के दरवाजे पर खड़ा होना होगा। अपनी लड़ाई को नेतागिरी से बचाना होगा। एक बार उम्मीदवारों की आंखों में न्याय की मांग नजर आ गई तो यकीन मानिए पटना से लेकर दिल्ली तक पूरी सरकार सहम जाएगी। मुआवजा भी मिलेगा और परीक्षा केंद्र 100 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर निर्धारित नहीं होगा। 
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