मध्य प्रदेश संविदा-आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आव्हान पर सोमवार को राजधानी भोपाल के शाहजहानी पार्क में आउटसोर्स और रोगी कल्याण समिति के स्वास्थ्य कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया। ये कर्मचारी शोषण प्रथा के खिलाफ नारेबाजी की और आउटसोर्स-रोगी कल्याण समिति कर्मचारियों के लिए नीति बनाने और न्यूनतम वेतन 21,000 रुपए तय करने समेत 10 सूत्रीय मांगे रखी।
MP NEWS - आउटसोर्स कर्मचारी प्राइवेट एजेंसियों से परेशान
मप्र.संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कोमल सिंह ने बताया कि प्रदेश के 30 हजार से अधिक आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी, जिनमें सपोर्ट स्टाफ, डेटा एंट्री ऑपरेटर, वार्ड आया-बॉय, ऑक्सीजन टेक्नीशियन, सुरक्षा कर्मी और सफाई कर्मी कई साल से सरकारी अस्पतालों में काम कर रहे हैं। सरकार ने 10 साल में भी उनके लिए ठोस नीति नहीं बनाई है। निजी आउटसोर्स एजेंसियां मनमर्जी से वेतन तय कर रही हैं, कई जिलों में 4-5 महीने से वेतन का भुगतान भी नहीं किया गया।
मध्य प्रदेश संविदा-आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के मुख्य आरोप
1- आउटसोर्स कंपनियां और जिला अधिकारी वेतन में हर महीने करोड़ों रुपए का घोटाला कर रहे हैं।
2- कुशल और अर्द्ध-कुशल श्रमिक दर तय होने के बावजूद कर्मचारियों को केवल 60-70% वेतन दिया जा रहा है।
3- वेतन न मिलने से कर्मचारियों के परिवार आर्थिक संकट में हैं।
मध्य प्रदेश संविदा-आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की प्रमुख मांगें
1- आउट सोर्स स्वास्थ कर्मचारियों के लिए उत्तर प्रदेश शासन की तर्ज पर नीति बनाई जाए एवं आउट सोर्स प्रथा बंद की जाए।
2- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधीन पूर्व में संविदा सपोर्ट स्टाफ कर्मचारियों के रूप में सेवाएं प्रदान कर चुके कर्मचारयों को विभाग में रिक्त पदों पर नियमित किया जाए, अथवा पुनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मर्ज किया जाए।
3- आउटसोर्स के अधीन विभिन्न पदों पर सेवाएं दे रहे आउटसोर्स कर्मचारियों को विभाग में तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर नियमित किया जाए।
4- संविदा नीति 2018 एवं 2023 की नीति सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशानुसार नीति अनुसार महंगाई भत्ता सहित नीति पूर्ण रूप से अतिशीघ्र लागू किया जाए।
5- विभाग के अधीन 3 वर्षों से लगातार सेवाएं दे रहे आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन के नियमों में परिवर्तन किया जाए एवं वेतन वृद्धि की जाए।
6- नियमित एवं संविदा कर्मचारियों की भांति आउटसोर्स महिला कर्मचारियों को 6 माह को प्रसूति अवकाश दिया जाए, 15 दिवस का मेडीकल अवकाश दिया जाए।
7- माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आउटसोर्स कर्मचारियों, रोगी कल्याण समिति के कर्मचारियों को भी समान कार्य समान वेतन दिया जाए।
8- निष्काशित कर्मचारियों को वापस लिया जाए।
9- भविष्य में किसी भी आउटसोर्स कर्मचारी को बिना किसी जांच पडताल के सेवा से प्रथक न किया जाए।
10- रोगी कल्याण समिमि के कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों पर नियमित किया जाए।