भारत की पार्लियामेंट में मिनिस्टर ऑफ एनवायरनमेंट श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि, पर्यावरण के संरक्षण के लिए 15 साल पुराने ट्रांसपोर्ट व्हीकल को स्क्रैप कर दिया जाएगा। लाखों लोगों के घरों में रखी हुई 20 साल पुरानी एक्स्ट्रा बाइक या स्कूटर को भी स्क्रैप कर दिया जाएगा। फिर चाहे आप हर 6 महीने में उसकी सर्विस करवाते हैं।
Environment Protection Rules for Older Vehicles, 2025
लोकसभा में एक लिखित उत्तर में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह द्वारा बताया गया है कि, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) ने 6 जनवरी, 2025 को जारी अधिसूचना S.O. 98(E) के माध्यम से अपनी आयु पूरी कर चुके वाहनों का पर्यावरणीय रूप से सुदृढ़ प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरण संरक्षण (आयु पूरी कर चुके वाहनों) नियम, 2025 को अधिसूचित किया है। ये नियम एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रेस्पोंसिबिलिटी (EPR) के सिद्धांत पर आधारित हैं जहाँ वाहनों के मैन्युफैक्चरर्स को अवशेष वाहनों की स्क्रैपिंग के लिए अनिवार्य ERP TARGET दिए गए हैं। ये नियम कृषि ट्रैक्टर, कृषि ट्रेलर, कंबाइन हार्वेस्टर और पावर टिलर को छोड़कर, सभी प्रकार के ट्रांसपोर्ट और नॉन-ट्रांसपोर्ट वाहनों को कवर करते हैं।
भारत में 15 साल पुराने वाहनों का क्या होगा
इन नियमों के तहत, मैन्युफैक्चरर्स को उन वाहनों के लिए ईपीआर लायबिलिटी पूरी करना अनिवार्य है जिन्हें उन्होंने घरेलू बाजार में पेश किया है या पेश करेंगे, जिसमें स्वयं के उपयोग के लिए रखे गए वाहन भी शामिल हैं, ताकि निर्दिष्ट स्क्रैपिंग टारगेट को पूरा किया जा सके। मैन्युफैक्चरर्स को वित्तीय वर्ष 2025-26 से शुरू होने वाले आयु पूरी कर चुके वाहनों की स्क्रैपिंग के लिए सालाना टारगेट दिए गए हैं। ये टारगेट ट्रांसपोर्ट वाहनों के मामले में 15 साल पहले और नॉन-ट्रांसपोर्ट वाहनों के मामले में 20 साल पहले बाजार में लाए गए वाहनों पर आधारित हैं।
What will happen to 15 year old vehicles in India
रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फैसेलिटीज (आरवीएसएफ) को अनफिट या आयु पूरी कर चुके वाहनों को स्क्रैप करने के लिए अधिकृत किया गया है। इन्हें वाहनों के ट्रीटमेंट, प्रदूषण रहित करने, अलग करने, छांटने और स्क्रैपिंग एक्टिविटीज को अंजाम देना अनिवार्य है। यदि आरवीएसएफ के पास रीसाइक्लिंग या रिनोवेशन की फैसिलिटी नहीं है, तो उन्हें आयु पूरी कर चुके वाहनों से प्राप्त और अलग किए गए सभी मैटेरियल्स को पंजीकृत रीसाइक्लर्स या रिनोवेटर्स, को-प्रोसेसर्स को रीसाइक्लिंग और कंपोनेंट्स या मैटेरियल्स के रीयूज के लिए भेजना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, उन्हें सभी नॉन-रीसाइक्लेबल या गैर-रिनोवेबल मैटेरियल्स और गैर-उपयोग योग्य खतरनाक मैटेरियल्स को सामान्य खतरनाक अपशिष्ट ट्रीटमेंट, स्टोरेज और डिस्पोजल फैसिलिटी में भेजना होगा, जो खतरनाक और अन्य अपशिष्ट (मैनेजमेंट और सीमा-पार आवाजाही) नियम, 2016 के तहत अधिकृत है।
कलेक्शन सेंटर और रजिस्ट्रेशन प्रोसेस
मैन्युफैक्चरर्स को पंजीकृत मालिक से 'आयु पूरी कर चुके' वाहनों को किसी भी नामित कलेक्शन सेंटर पर प्राप्त करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का आदेश दिया गया है, जिसमें उनके सेल्स आउटलेट भी शामिल हैं। उन्हें ऐसे नामित कलेक्शन सेंटर्स और सेल्स आउटलेट की लिस्ट अपनी वेबसाइट पर और अपने सेल्स आउटलेट व सर्विस सेंटर्स के एक प्रमुख स्थान पर अपलोड करनी होगी। मैन्युफैक्चरर्स द्वारा नामित कलेक्शन सेंटर्स को 'आयु पूरी कर चुके' वाहनों को पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित तरीके से संभालना और उन्हें आरवीएसएफ को भेजना अनिवार्य है।
व्हीकल के पंजीकृत मालिक या थोक कंज्यूमर को व्हीकल के 'आयु पूरी कर लेने' की डेट से 180 दिनों के भीतर उसे किसी भी मैन्युफैक्चरर के नामित सेल्स आउटलेट, नामित कलेक्शन सेंटर, या आरवीएसएफ में जमा करना होगा।
मैन्युफैक्चरर्स को सेंट्रलाइज्ड ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सीपीसीबी से रजिस्ट्रेशन प्राप्त करना आवश्यक है। थोक कंज्यूमर्स और आरवीएसएफ को भी सेंट्रलाइज्ड ऑनलाइन पोर्टल के ज़रिए संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) या प्रदूषण नियंत्रण समिति (पीसीसी) से रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है।
नियमों के तहत मैन्युफैक्चरर के मामले में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और आरवीएसएफ व थोक कंज्यूमर के मामले में सीपीसीबी/पीसीसी इन नियमों के किसी भी प्रोविजन के वॉयलेशन या नॉन-कंप्लायंस के मामले में सुनवाई का अवसर देने के बाद उनका रजिस्ट्रेशन सस्पेंड या कैंसिल कर सकते हैं।
नियमों के तहत तय की गई लायबिलिटीज को पूरा करने के संबंध में मैन्युफैक्चरर, थोक कंज्यूमर और आरवीएसएफ को सेंट्रलाइज्ड ऑनलाइन पोर्टल पर रिटर्न फाइल करना होगा।
मॉनिटरिंग और अकाउंटेबिलिटी
सीपीसीबी को यह सुनिश्चित करने के लिए मैन्युफैक्चरर्स का समय-समय पर इंस्पेक्शन और ऑडिट करने का अधिकार है कि वे इन नियमों का पालन कर रहे हैं। सीपीसीबी/पीसीसी को आरवीएसएफ का समय-समय पर इंस्पेक्शन और ऑडिट करने या किसी अधिकृत एजेंसी से इंस्पेक्शन करवाने का आदेश दिया गया है, ताकि नियमों का कंप्लायंस सुनिश्चित हो सके।
यदि मैन्युफैक्चरर या आरवीएसएफ या थोक कंज्यूमर इन नियमों के तहत 'आयु पूरी कर चुके' वाहनों को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से संभालने और स्क्रैप करने संबंधी प्रोविजन का पालन करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें पर्यावरण या पब्लिक हेल्थ को होने वाले नुकसान या चोट के लिए पर्यावरणीय कंपनसेशन देने के लिए लायबल ठहराया जाएगा। सीपीसीबी और संबंधित एसपीसीबी/ पीसीसी को इन नियमों के वॉयलेशन या लायबिलिटीज को पूरा न करने के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया गया है।
इम्प्लीमेंटेशन कमिटी और अन्य इनिशिएटिव्स
इन नियमों के प्रभावी इम्प्लीमेंटेशन के लिए, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एंड सीसी) के 30.01.2025 के आदेश द्वारा एक इम्प्लीमेंटेशन कमिटी का गठन किया गया है। इस कमिटी की अध्यक्षता सीपीसीबी के अध्यक्ष करते हैं और इसमें संबंधित मंत्रालयों/डिपार्टमेंट्स/स्टेकहोल्डर्स के रिप्रेजेंटेटिव शामिल हैं, जो मैन्युफैक्चरर्स, रीसाइक्लिंग करने वालों और स्क्रैपिंग फैसेलिटीज का रिप्रेजेंटेशन करते हैं।
इसके अलावा, सड़क ट्रांसपोर्ट और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने पुराने, अनुपयुक्त और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए एक इकोसिस्टम बनाने हेतु स्वैच्छिक वाहन बेड़ा आधुनिकीकरण कार्यक्रम (वी-वीएमपी) तैयार किया है।
एमओआरटीएच ने 23.09.2021 को जी.एस.आर. 653(ई) के माध्यम से मोटर व्हीकल (व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी का रजिस्ट्रेशन और कार्य) नियम, 2021 को अधिसूचित किया। ये नियम आरवीएसएफ के रजिस्ट्रेशन, वाहनों को स्क्रैप करने के क्राइटेरिया, स्क्रैपिंग प्रोसेस, ऑडिट और आरवीएसएफ के कामकाज के लिए सर्टिफिकेशन निर्धारित करते हैं।
एमओआरटीएच ने 23.09.2021 को जी.एस.आर 652(ई) के माध्यम से सेंट्रल मोटर व्हीकल (इक्कीसवां अमेंडमेंट) नियम, 2021 को अधिसूचित किया। ये नियम ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशंस की पहचान, रेगुलेशन और कंट्रोल, ऑटोमेटेड इक्विपमेंट्स के माध्यम से वाहनों के फिटनेस टेस्टिंग की प्रोसेस और ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशंस द्वारा फिटनेस सर्टिफिकेट प्रदान करने की प्रोसेस के लिए हैं।
इसके अतिरिक्त, इस्पात मंत्रालय द्वारा अधिसूचित स्टील स्क्रैप रीसाइक्लिंग पॉलिसी, 2019, विभिन्न सोर्सेज और प्रोडक्ट्स, जिसमें 'आयु पूरी कर चुके' वाहन भी शामिल हैं, से उत्पन्न होने वाले लौह स्क्रैप के साइंटिफिक प्रोसेसिंग और रीसाइक्लिंग के लिए पर्यावरण के अनुकूल टेक्नोलॉजीज को बढ़ावा देती है।
इसके अलावा सीपीसीबी ने 2023 में 'आयु पूरी कर चुके वाहनों को संभालने, प्रोसेस करने और रीसाइक्लिंग करने के लिए पर्यावरणीय रूप से सुदृढ़ फैसेलिटीज के लिए गाइडलाइन्स' डेवलप किए हैं। ये गाइडलाइन्स 'आयु पूरी कर चुके' वाहनों के पर्यावरण के अनुकूल तरीके से डिसमेंटलिंग और रीसाइक्लिंग को सुनिश्चित करने के लिए हैं। गाइडलाइन्स में 'आयु पूरी कर चुके' वाहनों के पोल्यूशन को कम करने और उन्हें अलग करने के लिए सस्टेनेबल टेक्नोलॉजीज को भी स्पेसिफाई किया गया है।