टेलीफोन पर कानूनी कार्रवाई का डर दिखाकर ठगी के मामलों से सावधान रहने के लिए लंबे समय से अमिताभ बच्चन की कॉलर ट्यून, हर फोन कॉल के पहले सुनाई देती थी। इसके बावजूद जबलपुर में रिटायर्ड दंपत्ति को डिजिटल गिरफ्तारी के डर से 59 लाख रुपए की ठगी का शिकार हो गए। इस मामले में पुलिस ने जयपुर के दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।
जयपुर के ठग जबलपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार
जबलपुर में साइबर ठगों ने एक रिटायर्ड दंपत्ति को मनी लॉन्ड्रिंग आरोपी बात कर और डिजिटल गिरफ्तारी का डर दिखाकर 59 लाख रुपये की ठगी की। ठग ने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताते हुए दावा किया कि पीड़ित के नाम से फर्जी ATM और आधार कार्ड बनाकर करोड़ों का लेन-देन किया जा रहा है। डर के मारे दंपत्ति ने अपनी रिटायरमेंट की पूरी राशि ठगों के बताए बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी। ठगी का एहसास तब हुआ, जब ठगों के कॉल आना बंद हो गए। साइबर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जयपुर से दो आरोपियों, मुकेश चौधरी और दीपक कुमावत, को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने बताया कि, ये आरोपी डिजिटल गिरफ्तारी का झांसा देकर देशभर में लोगों को लूट रहे थे। 61 वर्षीय शशि शर्मा, जबलपुर के यादव कॉलोनी निवासी, और उनके पति चंद्रकेश शर्मा, जो व्हीकल फैक्ट्री से असिस्टेंट वर्क मैनेजर के पद से रिटायर हैं, इस ठगी का शिकार बने। 10 जनवरी को शशि के मोबाइल पर एक कॉल आया। कॉलर ने दावा किया कि उनके नाम और सिम का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में हो रहा है। उसने कहा कि एक व्यक्ति, “नरेश गोयल”, ने उनके नाम से फर्जी आधार और ATM कार्ड बनवाकर करोड़ों रुपये का लेन-देन किया है। कॉलर ने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच और नेशनल सिक्योरिटी से जुड़ा अधिकारी बताकर धमकी दी कि दो घंटे में उनका सिम बंद हो जाएगा और पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने घर पहुंचेगी।
कॉल से घबराई शशि ने यह बात अपने पति को बताई। डर के कारण दंपत्ति ने बिना किसी से सलाह लिए उसी दिन SBI की कमला नेहरू नगर शाखा में जाकर 2 लाख रुपये का पहला ट्रांजैक्शन किया। इसके बाद ठग ने वॉट्सऐप कॉल के जरिए लगातार संपर्क बनाए रखा और हर दो घंटे में रिपोर्ट करने को कहा। ठगों ने भरोसा दिलाया कि जांच पूरी होने पर पैसा वापस मिल जाएगा। इस झांसे में आकर दंपत्ति ने 10 से 20 जनवरी के बीच तीन किस्तों में कुल 59.65 लाख रुपये ट्रांसफर किए: 14 जनवरी: 15 लाख रुपये, 17 जनवरी: 32.65 लाख रुपये और 20 जनवरी: 9.98 लाख रुपये। साइबर थाना प्रभारी अरविंद आर्मों ने बताया कि पूछताछ में ठगी के गिरोह के अन्य सदस्यों का खुलासा होने की संभावना है।
बेटी को बताया, तब खुला ठगी का राज
20 जनवरी के बाद कॉल बंद होने पर दंपत्ति ने अपनी बेटी, जो बैंगलुरु में रहती है, को पूरी बात बताई। बेटी ने समझाया कि वे साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं। 22 जनवरी को दंपत्ति ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज की।
जयपुर से दो ठग गिरफ्तार
शिकायत के आधार पर साइबर थाना प्रभारी अरविंद आर्मों और क्राइम ब्रांच प्रभारी शैलेष मिश्रा की अगुवाई में एक टीम गठित की गई। मोबाइल नंबर और बैंक खातों की ट्रैकिंग से पता चला कि ठग जयपुर, राजस्थान में सक्रिय हैं। टीम ने जयपुर पहुंचकर मुकेश चौधरी और दीपक कुमावत को गिरफ्तार किया। दोनों पोस्टग्रेजुएट हैं और संगठित गिरोह बनाकर ठगी करते थे। उनके पास से दो मोबाइल, एक चेकबुक, एक ATM कार्ड, और 11,500 रुपये नकद बरामद किए गए। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह देशभर में लोगों को डिजिटल गिरफ्तारी का डर दिखाकर ठगी करता है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है, और अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।