मध्य प्रदेश के गुना शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में सांसद एवं केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों ने बवाल काट रखा है। पोहरी में सिंधिया के सिपाही ने वैश्य समाज के एक युवक को भरे बाजार में सिर पर विरोधी के जूते रखकर माफी मांगने के लिए मजबूर किया। आज स्कॉलरशिप विधानसभा क्षेत्र में उनके आशीर्वाद से जिला पंचायत अध्यक्ष बनी महिला नेता के ड्राइवर ने 30 मासूम बच्चों से भरी हुई स्कूल बस को बाढ़ में उतार दिया। यह घटना आज पूरे भारत में आक्रोश का कारण बन सकती थी लेकिन शुक्र है, पुराने पेड़ों ने बचा लिया और फिर ग्रामीणों ने रेस्क्यू किया।
शिवपुरी में बच्चों से भरी स्कूल बस बाढ़ में उतार दी
जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले की कोलारस विधानसभा क्षेत्र में Rubric High School, Khatora का संचालन किया जाता है। सिंधिया के सबसे नजदीक नेताओं में शामिल कांग्रेस विधायक महेंद्र सिंह यादव की सुपुत्री एवं सिंधिया के आशीर्वाद से भाजपा में परिवारवाद के अनुशासन के बावजूद जिला पंचायत की अध्यक्ष बनाई गई नेहा यादव, इस स्कूल की प्रमोटर और संचालक हैं। हाई स्कूल की बस आज सुबह बच्चों को लेने बिजरौनी और मंगरौरा पहुंची थी। जहां बस में बिजरौनी से 20 बच्चे सवार हुए वहीं मगरौरा से बस ने 10 बच्चों को बैठाया और बस खतौरा के लिए रवाना हो गई। मगरौरा के पास रास्ते में पड़ने वाले एक रपटे के ऊपर पानी का बहाव तेज था। यानी रखने पर बाढ़ आई हुई थी। इसके बावजूद बस चालक ने बस को रपटे पर पानी के बहाव के बीच उतार दिया।
ग्रामीणों ने एक-एक करके बच्चों को बाहर निकाला
रब ने पर आते ही स्कूल बस पानी के बहाव में बहने लगी जिससे बस में सवार बच्चे चीखने लगे। बस बहती हुई रपटे के उतरकर पानी के बीच आ गई। अब बचना मुश्किल था लेकिन ईश्वर ने बच्चों की पुकार सुन ली, और बाढ़ के पानी में बहती हुई बस रपटे के पास लगे पेड़ों के बीच जाकर फंस गई। यह देख ग्रामीण वहां एकत्रित हो गए। सिंधिया के रेस्क्यू ऑपरेशन का इंतजार किए बिना ही ग्रामीण बाढ़ के पानी में कूद गए। उन्होंने बड़ी मशक्कत के बाद एक-एक करके बच्चों को बस से बाहर निकाला। घटना के बाद डरे सहमे बच्चों को ग्रामीण अपने घर ले गए जहां उन्हें खाना खिलाया और उनके परिवारजनों को घटना की सूचना दी।
सिंधिया का वीडियो कॉल नहीं आया
केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया काफी संवेदनशील नेता है। दुनिया भर में कोई कहीं पर भी फंस जाए। श्री सिंधिया का वीडियो कॉल पहुंच जाता है, लेकिन उनके अपने लोकसभा क्षेत्र में 30 बच्चों की जान जोखिम में थी। वह मरते-मरते बचे हैं, लेकिन समाचार के लिखे जाने तक बच्चों के पास सिंधिया का वीडियो कॉल नहीं आया। उन्होंने कलेक्टर को कार्रवाई के निर्देश भी नहीं दिए हैं।