Space discovery - मानव इतिहास में पहली बार सूरज का वह रहस्य पता चला, जिसका संकेत प्राचीन ग्रंथो में भी नहीं है

सूरज का जन्म लगभग 4.6 अरब साल पहले (लगभग 4.6 billion years ago) हुआ था। पृथ्वी की उत्पत्ति लगभग 4.54 अरब साल पहले (4.54 billion years ago) और लगभग 3 लाख साल पहले मनुष्य अपने पूरे अस्तित्व में आ चुके थे। 1625 साल पहले सूर्य सिद्धांत जैसा खगोलीय ग्रंथ लिख दिया गया था।68 साल पहले सन 1957 में हम आधुनिक सभ्यता के मनुष्य ने अंतरिक्ष की खोज शुरू की। लेकिन अब तक कहीं पर भी सूर्य के साउथ पोल के बारे में कोई संकेत तक नहीं था। पहली बार सूर्य के साउथ पोल के बारे में न केवल जानकारी मिली है बल्कि उसका दुर्लभ चित्र भी मिल गया है। यह एक बड़ी सफलता है जब हम मनुष्य, अपनी प्राचीन जानकारी से एक कदम आगे बढ़े हैं। 

सूरज के दक्षिणी ध्रुव का खुलासा: Solar Orbiter ने भेजीं अनोखी तस्वीरें

यह दुनिया की सबसे बड़ी खबर है। अंतरिक्ष विज्ञान में एक नया इतिहास रचा गया है। European Space Agency (ESA) और NASA के संयुक्त मिशन Solar Orbiter ने पहली बार सूरज के रहस्यमयी दक्षिणी ध्रुव (South Pole) की आश्चर्यजनक तस्वीरें भेजी हैं। यह मिशन सूरज के Polar Regions को देखने वाला पहला मिशन है, जिसने सौर चुंबकीय क्षेत्र (Solar Magnetic Field) की गतिविधियों को कैद किया है।

पहली बार सूरज के Polar Regions का High-Angle Observation किया गया

Solar Orbiter ने मार्च के मध्य में सूरज के दक्षिणी ध्रुव की तस्वीरें कैप्चर की थी, जब यह अंतरिक्ष यान सौर भूमध्य रेखा (Solar Equator) से 15 डिग्री नीचे की ओर झुका था। यह पहला अवसर था जब सूरज के Polar Regions का High-Angle Observation किया गया। प्रोफेसर कैरोल मुंडेल, ESA की साइंस डायरेक्टर, ने कहा, "आज हम सूरज के ध्रुव की पहली तस्वीरें दुनिया के सामने पेश कर रहे हैं। सूरज हमारा सबसे नजदीकी तारा है, जो जीवन का आधार है, लेकिन यह आधुनिक अंतरिक्ष और जमीन पर बिजली प्रणालियों (Power Systems) के लिए खतरा भी बन सकता है। इसलिए इसका व्यवहार समझना और भविष्यवाणी करना जरूरी है।" 

सूरज का चुंबकीय रहस्य और Solar Maximum

वैज्ञानिकों ने पाया कि सूरज का चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) हर 11 साल में उलट जाता है। इस समय सूरज Solar Maximum की स्थिति में है, जब Sunspots और Solar Flares सबसे अधिक सक्रिय होते हैं। Solar Orbiter ने सूरज के आधार पर उत्तर और दक्षिण ध्रुवों की एक खंडित मोज़ेक (Fragmented Mosaic) को मापा, जो कंप्यूटर मॉडल में पहले से अनुमानित था, लेकिन अब तक इसकी पुष्टि नहीं हुई थी। 

सूरज की Magnetic Field बदल क्यों जाती है

जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर सोलर सिस्टम रिसर्च (MPS) के डायरेक्टर प्रोफेसर सामी सोलंकी ने कहा, "सूरज के ध्रुव हमारे लिए Terra Incognita थे। हमें नहीं पता था कि इन पहले अवलोकनों (Observations) में क्या दिखेगा।" उन्होंने बताया कि सूरज का चुंबकीय चक्र (Magnetic Cycle) इसकी असमान गति के कारण होता है। सूरज का भूमध्य क्षेत्र (Equator) हर 26 दिन में एक चक्कर पूरा करता है, जबकि ध्रुव (Poles) को 33 दिन लगते हैं। यह गति अंतर चुंबकीय रेखाओं (Magnetic Field Lines) को खींचता और मोड़ता है, जिससे अंततः ध्रुवों का उलटाव (Polarity Flip) होता है।

Solar Science में नई शुरुआत

1.3 बिलियन डॉलर (लगभग 1.1 बिलियन पाउंड) की लागत वाला यह मिशन 2020 में लॉन्च हुआ था। Solar Orbiter की ये तस्वीरें और चुंबकीय क्षेत्र के मापन (Magnetic Field Measurements) सौर विज्ञान (Solar Science) में एक नए युग की शुरुआत कर रहे हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि सूरज के ध्रुवीय चुंबकीय क्षेत्रों (Polar Magnetic Fields) में होने वाले बदलावों का अध्ययन Solar Cycle Forecasting को और सटीक बनाएगा।

क्यों महत्वपूर्ण है यह खोज?

Solar Flares और Sunspots: ये सूरज की सतह पर होने वाली तीव्र गतिविधियाँ हैं, जो पृथ्वी पर संचार (Communication Systems) और बिजली प्रणालियों (Power Systems) को प्रभावित कर सकती हैं।
Space Weather: सूरज की गतिविधियों का अध्ययन अंतरिक्ष मौसम (Space Weather) की भविष्यवाणी में मदद करता है, जो उपग्रहों (Satellites) और अंतरिक्ष मिशनों के लिए महत्वपूर्ण है।
Magnetic Field Flip: सूरज के ध्रुवों का उलटाव सौर चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो पृथ्वी के पर्यावरण पर भी असर डालता है।
Solar Orbiter Mission न केवल सूरज के रहस्यों को उजागर कर रहा है, बल्कि यह मानवता को अंतरिक्ष विज्ञान (Space Science) में एक कदम और आगे ले जा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह खोज सूरज के व्यवहार को समझने और Space Weather की भविष्यवाणी में एक मील का पत्थर साबित होगी।

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