REWA का पाकिस्तान कनेक्शन चालू है, बांग्लादेशी की मार्कशीट से लेकर पासपोर्ट तक सब बनवाया

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10 साल से भी अधिक हो गए, मध्य प्रदेश के रीवा का पाकिस्तान से कोई ना कोई कनेक्शन सामने आ ही जाता है। कभी रीवा के युवक पाकिस्तान के बॉर्डर पर पकड़े जाते हैं तो कभी पाकिस्तान के अंदर। जासूसी के आरोप में गिरफ्तारी भी हो चुकी है। रीवा जिले के एक गांव के तो मिनी पाकिस्तान कहा जाता है। हर बार कार्रवाई हुई है परंतु रीवा का पाकिस्तान कनेक्शन अभी भी चालू है। रायपुर पुलिस ने एक बांग्लादेशी बदमाश को पकड़ा है। उसकी मार्कशीट से लेकर पासपोर्ट तक सब कुछ रीवा में बनाया गया। 

बांग्लादेशी लोग हर शहर में जासूसी कर रहे हैं?

छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस ने दिलावर खान नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पहले वह खुद भारत आया और फिर अपनी पत्नी को लेकर आया। मध्य प्रदेश के रीवा जिले की त्योथर तहसील के माध्यमिक विद्यालय से उसकी मार्कशीट बनवा गई। मार्कशीट और किरायानामा के आधार पर पैन कार्ड और आधार कार्ड बनवाया गया और अंत में पासपोर्ट बनवाया गया। दिलावर खान का बेटा मलेशिया में है। छत्तीसगढ़ में उसका कोई रिश्तेदार नहीं है। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रह रहा है और सरकारी ऑफिसों के आसपास अंडे का ठेला लगाता था। किसी को शक ना हो इसलिए जिला और एक लड़की भी उसके साथ रहती है। महिला ने अपना नाम परवीन बेगम बताया है और दिलावर का कहना है कि प्रवीण उसकी पत्नी है। दिलावर की गिरफ्तारी बड़ा सवाल उपस्थित करती है। क्या भारत के हर शहर में बांग्लादेशी लोग पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे हैं?

रीवा में बांग्लादेशियों को भारत की नागरिकता दी जा रही है?

यहां सबसे बड़ा सवाल मध्य प्रदेश की सुरक्षा और सूचना का है। रीवा के कुछ लोगों और पाकिस्तान के बीच कनेक्शन का खुलासा हुए 10 साल से अधिक हो गए। इसके बावजूद अब तक मध्य प्रदेश के रीवा में पाकिस्तान के नेटवर्क को खत्म नहीं किया गया है। दिलावर खान का मामला स्पष्ट करता है कि उसे बांग्लादेश से रायपुर में जासूसी करने के लिए भेजा गया था, लेकिन भारत की नागरिकता और पासपोर्ट का काम रीवा में करवाया गया। दिलावर खान ना तो रीवा में किसी को जानता है और नहीं छत्तीसगढ़ में, वह तो केवल निर्देशों का पालन कर रहा था। यह मामला स्पष्ट करता है कि, भारत के खिलाफ जासूसी नेटवर्क स्थापित करने में रीवा के कुछ लोग बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। 

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