Madhya Pradesh - बिजली कंपनी के अधिकारियों से ऊर्जा मंत्री भी परेशान, वीडियो कांफ्रेंस में नाराज हुए

समाज को सुधारने के लिए कभी साइकिल चलाने और कभी घर के बाहर टेंट लगाकर सोने वाले मध्य प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युमन सिंह तोमर अपने विभाग को सुधार नहीं पा रहे हैं। मध्य प्रदेश में स्थिति यह है कि, आसमान में बादलों की गड़गड़ाहट होते ही बत्ती गुल हो जाती है। मेंटेनेंस के नाम पर 4 से 7 घंटे तक बिजली कटौती की जा रही है। स्थिति यह है कि कई इलाकों में तो महीने में दो-तीन बार मेंटेनेंस हो रहा है। इसके बाद भी, पीपल के पत्ते फड़फड़ाते ही ट्रिपिंग हो जाती है। 

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बिजली ट्रिपिंग और मेंटेनेंस कार्यों की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि क्षेत्र में लगातार विजिट करें। टूर प्रोग्राम की जानकारी एडवांस में भेजें। निरीक्षण के दौरान सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों, ट्रिपिंग और मेंटेनेंस की स्थिति प्रमुखता से देखें। जिन शिकायतों का निराकरण 3 से 4 घंटे में हुआ है, उनकी कारण सहित जानकारी दें। इस पर भी विचार करें कि क्या मेंटेनेंस का समय 4 घंटे से कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बिजली कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की घटनाओं पर तुरंत संज्ञान लें।

समय-सीमा में हो कम्प्लेन अटेंड

  • मंत्री तोमर ने जिलेवार लंबित शिकायतें एवं उनके निराकरण में लगने वाले समय की समीक्षा की।
  • उन्होंने कहा कि शिकायतों का निराकरण समय-सीमा में करें।
  • अगर कोई बड़ी घटना नहीं हुई है, तो निराकरण में न्यूनतम समय लगना चाहिए।
  • अगर बड़ी घटना हुई है, तो उसका फोटो, वीडियो और की जा रही कार्यवाही को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर अपलोड करें। 
  • मंत्री तोमर ने इंदौर की स्थिति की समीक्षा के दौरान कम्पनी के एमडी को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जरूरत के अनुसार मेन पॉवर और इक्यूपमेंट्स की कमी दूर करें।
  • यह भी देखें कि मेंटेनेंस के बाद भी ट्रिपिंग क्यों हो रही है? रहवासी संघों और जन-प्रतिनिधियों के साथ लगातार संपर्क में रहें। 

मानसून तो अभी शुरू हो रहा है, इसके पहले ही बिजली ट्रिपिंग की इतनी घटनाएं होना बहुत ही दुखद है।
जहां जरूरी हो एफओसी की संख्या बढ़ाएं। विद्युत अवरोध के सही कारणों से लोगों को अवगत कराएं।
बैठक में एमडी पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बताया कि बिजली उपभोक्ताओं का फोन नहीं उठाने पर 15 अधिकारियों की वेतनवृद्धि रोकी गई है।

एसीएस बोले, मेंटेनेंस के लिए तीनों कम्पनियों को दिए 45 करोड़

अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नीरज मंडलोई ने कहा कि मेंटेनेंस के लिए तीनों कंपनियों को 15-15 करोड़ रुपए दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस फंड का सदुपयोग करें और बेहतर ढंग से मेंटेनेंस कराएं जिससे ट्रिपिंग कम से कम हो।
विद्युत वितरण कंपनियों के एमडी ने विद्युत ट्रिपिंग रोकने और शिकायतों के निराकरण के लिये की जा रही कार्यवाही से अवगत कराया। इस दौरान प्रबंध संचालक पॉवर मैनेजमेंट कंपनी अविनाश लवानिया भी उपस्थित थे।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!