मध्य प्रदेश के इंदौर में एक के बाद एक सूतक लग रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही इंदौर के बेटे राजा रघुवंशी की हत्या हो गई थी। आज इंदौर की बेटी हरप्रीत कौर की अहमदाबाद प्लेन क्रैश में मौत की खबर आ रही है। राजा की हत्या भी प्यार के कारण हुई थी, हरप्रीत की मौत भी प्यार के कारण हुई है। अंतर सिर्फ इतना है कि, राजा की हत्या में उसे लड़की का हाथ था जिसे राजा प्यार करता था। जबकि हरप्रीत की मौत में दोनों तरफ अटूट प्रेम था, जो हमेशा के लिए अमर हो गया है।
अहमदाबाद प्लेन क्रैश में इंदौर की बेटी की मौत
गुरुवार को अहमदाबाद में हुए Air India के प्लेन क्रैश ने 265 जिंदगियों को लील लिया। इस हादसे में इंदौर के राजमोहल्ला की रहने वाली 30 साल की हरप्रीत कौर होरा भी अपनी जान गंवा बैठीं। हरप्रीत, जिनका सीट नंबर 22E था, अपने पति रॉबी होरा से मिलने लंदन जा रही थीं। 16 जून को रॉबी का बर्थडे सेलिब्रेट करने के लिए उन्होंने आखिरी वक्त में फ्लाइट चेंज की थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
मरने वालों में 4 MBBS स्टूडेंट्स और एक डॉक्टर की पत्नी शामिल हैं
विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर क्रैश हुआ, जहां 50 से ज्यादा लोग मौजूद थे। अब तक 241 पैसेंजर्स और क्रू मेंबर्स के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 5 मृतक हॉस्टल के थे। इनमें 4 MBBS स्टूडेंट्स और एक डॉक्टर की पत्नी शामिल हैं। हॉस्टल में कुल कितनी मौतें हुईं, यह अभी क्लियर नहीं है।
हरप्रीत कौर - मायके से विदा होगी
हरप्रीत का मायका अहमदाबाद में है। वह अपने पिता से मिलने के बाद लंदन के लिए रवाना हुई थीं। रॉबी के चाचा राजेंद्र सिंह होरा ने बताया कि रॉबी आज इंदौर पहुंच रहे हैं और परिवार के साथ अहमदाबाद जाएंगे। हरप्रीत बेंगलुरु की एक आईटी कंपनी में जॉब करती थीं, जबकि रॉबी लंदन में क्लाउड आर्किटेक्ट हैं।
हरप्रीत हमेशा हंसती-मुस्कुराती रहती थी
रॉबी के जीजा मनप्रीत छाबड़ा ने कहा, "हरप्रीत दिसंबर में आखिरी बार इंदौर आई थी। वह हमेशा हंसती-मुस्कुराती रहती थी।" ससुर हरजीत सिंह ने बताया कि परिवार के वॉट्सएप ग्रुप पर सभी ने हरप्रीत को सफर की शुभकामनाएं दी थीं। "वह हमारी छोटी बहू थी। 2020 में उनकी शादी हुई थी। बच्चे नहीं थे। वह सवा साल लंदन में रॉबी के साथ रही, फिर जॉब के लिए इंडिया लौट आई थी।"
पैसेंजर लिस्ट में 65वां नाम
प्लेन की पैसेंजर लिस्ट में हरप्रीत का नाम 65वें नंबर पर था। इंदौर का होरा परिवार इस दुख को सहन करने की हिम्मत जुटा रहा है, लेकिन शहरवासियों के लिए यह एक के बाद एक झटके असहनीय हैं। इंदौर आज अपनी बेटी और बेटे को खोने का गम मना रहा है। हरप्रीत की यादें और राजा की हत्या की त्रासदी शहर के दिल में गहरी चोट छोड़ गई हैं।