CM मोहन यादव के आह्वान पर ₹1950 करोड़ के निवेश प्रस्ताव, मध्य प्रदेश वेलनेस का Global Center बनेगा

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आज उज्जैन में आयोजित "Spiritual and Wellness Summit 2025" के अवसर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रदेश को वेलनेस, हॉस्पिटैलिटी और आध्यात्मिक पर्यटन के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य बनाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। 

Madhya Pradesh will become a hub of wellness innovation

मुख्यमंत्री ने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 'Heal in India' और 'Lifestyle for Environment (LiFE)' जैसे संकल्पनात्मक विचारों की सराहना करते हुए कहा कि ये पहलें भारत को वैश्विक वेलनेस हब के रूप में प्रस्तुत कर रही हैं। उन्होंने जोर दिया कि मध्य प्रदेश प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में 'विकसित भारत' की परिकल्पना को साकार करने हेतु समग्र जीवनशैली और वेलनेस नवाचार का केंद्र बनने का प्रयास कर रहा है। महाकाल की पावन नगरी उज्जैन में आयोजित इस समिट में वेलनेस, हॉस्पिटैलिटी, स्वास्थ्य एवं आध्यात्मिकता से जुड़े 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें आध्यात्मिक योग गुरु, हेल्थ, वेलनेस टूरिज्म प्रोवाइडर्स, निवेशक, आयुष मंत्रालय के अधिकारी और नीति-निर्माता शामिल थे।

वेलनेस सेक्टर में रोजगार पर विचार-विमर्श

मुख्यमंत्री ने बताया कि समिट में दो पैनल डिस्कशन सत्र आयोजित किए गए, जिनमें वेलनेस इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिंहस्थ एवं मेडिकल टूरिज्म आधारित वेलनेस सेंटरों पर गहन चर्चा हुई। साथ ही, वेलनेस सेक्टर में रोजगार सृजन और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने पर भी विचार-विमर्श किया गया। मुख्य सत्र 'वेलनेस विजनिंग सेशन' में प्रदेश के वेलनेस सेक्टर हेतु एक विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत किया गया, जिसमें आध्यात्म, वेलनेस ज़ोन डेवलपमेंट और स्किलिंग पर विशेष बल दिया गया।

Spiritual and Wellness Summit 2025 की उपलब्धियां

मुख्यमंत्री ने खुशी व्यक्त करते हुए बताया कि समिट में निवेशकों ने मध्य प्रदेश के प्रति अपनी गहरी रुचि प्रदर्शित की है। लीज़र होटल्स के श्री मुकुंद प्रसाद, शतायु आयुर्वेद योग रिट्रीट के श्री मृत्युंजय स्वामी और भंडारी ग्रुप के श्री विनोद भंडारी ने मध्य प्रदेश को वेलनेस निवेश के लिए एक उपयुक्त गंतव्य बताया। परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने ओंकारेश्वर एवं उज्जैन में विश्वस्तरीय आश्रम, गुरुकुल, विशाल क्षिप्रा एवं नर्मदा आरती और स्वास्थ्य कल्याण केंद्र स्थापित करने हेतु रुचि प्रदर्शित की एवं LoI प्रस्तुत किया।

समिट में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER) अहमदाबाद एवं मध्य प्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (MPIDC) के मध्य एक महत्वपूर्ण MoU पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के तहत, नाइपर नॉलेज पार्टनर के रूप में उज्जैन मेडिकल डिवाइस पार्क को तकनीकी और शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाएगा, जिससे यह मेडिकल डिवाइस पार्क टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एवं प्रमाणीकरण हब के रूप में विकसित हो सकेगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि समिट के माध्यम से 13 प्रमुख वन-टू-वन बैठकें की गईं, जिनमें लीज़र होटल्स, शतायु आयुर्वेद योग रिट्रीट, संथिगिरी आश्रम, ईरा कैंप्स, सीएचएल हॉस्पिटल, रॉयल ऑर्चिड, मेफेयर ट्रैवल्स / कांसुलेट नीदरलैंड्स, भंडारी ग्रुप, जिंदल ग्रुप जैसे प्रतिष्ठित संस्थान शामिल थे । इन बैठकों में निवेश की प्राथमिकताएँ, ज़मीनी आवश्यकताएँ और समर्थन नीतियों पर गहन संवाद हुआ । मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि इन बैठकों के परिणामस्वरूप कुल लगभग ₹1950 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं । प्रमुख निवेशकों में भंडारी ग्रुप (₹984 करोड़), अमलतास ग्रुप (₹400 करोड़) और सीएचएल हॉस्पिटल ग्रुप (₹200 करोड़) शामिल हैं।

अपने संबोधन के समापन पर, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समिट केवल संवाद नहीं, बल्कि एक परिवर्तनकारी पहल रही, जहाँ नीति, निवेश, आध्यात्मिकता और समाज कल्याण का संगम हुआ। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि मध्य प्रदेश भारत के वेलनेस मिशन का नेतृत्व करने को तत्पर है। मुख्यमंत्री ने सभी वेलनेस एवं हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र के प्रतिभागियों से प्रदेश में भागीदारी का आग्रह करते हुए आश्वस्त किया कि मध्य प्रदेश स्पष्ट नीति, सक्षम प्रशासन और मजबूत नेतृत्व के साथ हर निवेशक को स्थायित्व और सफलता की गारंटी देता है। उन्होंने सभी को मध्य प्रदेश आने, उज्जैन से शुरुआत करने और भारत को विश्वगुरु बनाने की यात्रा में भागीदार बनने के लिए आमंत्रित किया।

VIDEO - Press conference of Chief Minister Dr. Mohan Yadav  


MPSaW Summit 2025 - स्वामी चिदानंद सरस्वती बोले 

* उज्जैन में आयोजित स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट को संबोधित करते हुए स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि उज्जैन में इस प्रकार की स्पिरिचुअल समिट हो रही है। 
* आज का दिन गंगा दशहरा भी है। मेरा जीवन गंगा किनारे बीता है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को राष्ट्र प्रथम का मंत्र देने वाले गुरुजी की आज पुण्यतिथि है। जो चला गया, उसका गम नहीं, लेकिन जो बचा है वो भी किसी से कम नहीं। 
* अब भारत का समय है। दुनिया जान गई है कि भारत को भारत की आंखों से देखना पड़ेगा। आज एलन मस्क के पिता अयोध्या में पूजा कर रहे हैं। एक दिन था जब अयोध्या श्रद्धालुओं के लिए तरसता था। अब यह संख्या 10 करोड़ को पार कर गई है। 
* 67 करोड़ लोग प्रयागराज के कुंभ में गए, जो रह गए उज्जैन सिंहस्थ में आएंगे। 
* निवेशक मध्यप्रदेश में निवेश कर रहे हैं। ये अपने पीढ़ियों के लिए कर रहे हैं। 50 साल पहले अमेरिका में कोई मंदिर नहीं था। पहली यात्रा में मुझे संस्कार कराने के लिए किसी होटल में ले जाया गया। हजारों लोगों के बलिदान के बाद भारत की संस्कृति समृद्ध हुई है। 
* मध्यप्रदेश लौटकर विश्वास नहीं हुआ कि उज्जैन आया हूं। लोगों को चारों धाम यात्रा करने के बाद महाकाल के दर्शन की इच्छा हो रही है। अयोध्या में जिस दिन 22 जनवरी को रामलला विराजमान हुए, मैं कैलिफोर्निया में था, कुछ सरदारों ने मुझसे पूछा कि क्या आप भी अयोध्या जा रहे हैं। 
* कुंभ से पहले उज्जैन को इस प्रकार विकसित किया जाए कि श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त व्यवस्था हो। उत्तम स्वास्थ्य केवल अस्पतालों से नहीं वेलनेस से आ रहा है। 
* जापानी लोग मानते हैं कि अगर आपको बेहतर हेल्थ चाहिए तो वन में विचरण करें। हम 2 वेलनेस सेंटर से लिए लेटर ऑफ इंटेंट दे रहे हैं।
* अमेरिका में 46 साल पहले पहला मंदिर निर्माण हुआ, जिसके लिए बिड़ला जी ने भगवान पार्शवनाथ की प्रतिमा भेजीं। आज 1500 मंदिर अमेरिक में मौजूद हैं। देव भक्ति अपने अपने ढंग से करो, लेकिन देशभक्ति सब मिलकर करो। 
* जनसंपर्क (पीआर) अपके व्यापार को बढ़ा सकता है, लेकिन परिवार सिर्फ प्रेम से बढ़ेगा। 
* यह महाकाल, विक्रमादित्य, शंकराचार्य और कालिदास की धरती है। प्रयागराज के कुंभ में आकर दुनिया के सबसे बड़े फोन निर्माता स्टीव जॉब्स की पत्नी भारत आकर मौन हो गईं। 
* हमें भारत देश को आगे बढ़ाना है। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से 8 घंटे में जो हुआ। वह वतन के लिए लड़ने वालों की बदौलत हो पाया है।

मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा मध्य प्रदेश में पर्यटकों को सबकुछ मिलता है

- मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि मध्य प्रदेश के टूरिज्म में पर्यटकों को सबकुछ मिलता है। सबकुछ जो दिल चाहे। 
- प्रदेश में बाघों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। प्रदेश में पवित्र नदियां हैं, नर्मदा के दर्शन मात्र से पाप धुल जाते हैं। मध्यप्रदेश में दो ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर हैं। हैरिटेज के लिए रजवाड़ों के महल हैं। 
- भारत में यूनेस्को की 25 प्रतिशत धरोहरें मध्यप्रदेश में हैं। मध्यप्रदेश की कनेक्टिविटी देशभर में बेहतर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि टूरिज्म को बढ़ाने के लिए स्वच्छता बढ़ाने की आवश्यकता है।
- इंदौर तो स्वच्छता में पश्चिमी देशों के समतुल्य है। बाकी शहर भी साफ सुथरे हैं। राज्य सरकार ने 18 नई उद्योग नीतियां लागू की हैं। इन्हें तैयार करने के लिए देशभर के राज्यों की पॉलिसी का अध्ययन किया गया। इनकी सबसे अच्छी चीजों को नीतियों में शामिल किया है।
- ईज ऑफ डूईंग को नीतियों का केंद्र बिंदु बनाया गया। उदाहरण के तौर पर होटल व्यवसाय शुरू करने के लिए 20 परमिशन लगती थीं, जिन्हें घटाकर 10 पर ला दिया है। 
- सभी अनुमतियों को लोकसेवा प्रदाय गारंटी में शामिल किया गया है, ताकि निवेशकों को बेवजह भटकना न पड़े। डीम्ड किस्म की कुछ परमिशन को तय सीमा निकलने पर कंप्यूटर डिजिटल साइन से खुद जारी कर देगा। 
- निवेशकों की समस्याओं को दूर करने की कोशिश की गई है। उद्योगपतियों और निवेशकों को दिसंबर 2024 तक की प्रोत्साहन राशि आवंटित की जा चुकी है। मध्यप्रदेश में निवेश का यही समय है सही समय है। 

हम उज्जैन को भारत का स्पिरिचुअल सेंटर बना सकते हैं: भंडारी ग्रुप 

भंडारी ग्रुप के चैयरमैन विनोद भंडारी, ने कहा कि हम उज्जैन को भारत का स्पिरिचुअल सेंटर बना सकते हैं। वेलनेस सेंटर्स को प्रमोट करके कई गंभीर बीमारियों से निजात मिल सकती है। उज्जैन में विश्वस्तरीय अस्पताल बनाएंगे। हमारा लक्ष्य मेडिकल टूरिज्म और वेलनेस सेंटर डेवलप करना है। कई विदेशी संस्थाओं से भी सहयोग के लिए बात चल रही है। मेडिकल और टूरिज्म सेक्टर के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने की तैयारियां भी जारी हैं। 

प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग शिव शेखर शुक्‍ला के उद्बोधन के प्रमुख बिन्दु

- श्री शिव शेखर शुक्‍ला कहा कि प्रदेश में टूरिस्ट कोविड के पूर्व 8 करोड़ थे, जो अब 11 करोड़ हो चुके हैं। उज्जैन में सबसे अधिक पर्यटक आए हैं। 
- 2024 में 7 करोड़ से अधिक हो गए हैं। सरकार का जोर ईज ऑफ डूइंग पर है। कई तरह की परमिशन को घटाकर 10 कर दिया है, जो अब ऑनलाइन किया गया है। 
- प्रदेश में टूरिज्म सेक्टर में निवेश करने पर 15 से 30 प्रतिशत तक कैपिटल सब्सिडी दी जा रही है। टूरिज्म पॉलिसी में होटल, रिजॉर्ट और वेलनेस सेंटर में भी 30 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है।
- पचमढ़ी, अमरकंटक जैसी वेलनेस के प्रमुख स्थान प्रदेश में मौजूद हैं। एमपीटी के प्रदेशभर में 20 होटल्स हैं। यहां वेलनेस एक्टिविटी शुरू की जाएंगी। इनमें से तीन आईलैंड रिजॉर्ट हैं। यहां निवेश की संभावनाएं हैं। इंदौर और उज्जैन में होटल्स निर्माण के लिए लैंड पार्सल्स उपलब्ध हैं। इंदौर एयरपोर्ट के पास शीघ्र ही एयरोसिटी डेवलप किया जाएगा। 
- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रमुख धर्मस्थलों को लोक के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया है। 50 नए ऑफबीट डेस्टिनेशन डेवलप किए जा रहे हैं। 
- मध्यप्रदेश में देश की एक चौथाई 18 वर्ल्ड हैरिटेज साइट्स हैं। नेशनल टाइगर रिजर्व के आसपास रिजॉर्ट्स कल्चर और वेलनेस के हब बन सकते हैं। इसके लिए बीटूबी मीटिंग्स कराई जाएंगी। प्रदेश में चीता प्रोजेक्ट्स के आसपास लैंड पार्सल्स देखे जा रहे हैं। 
- भोपाल के पास रातापानी नेशनल पार्क और दो हैरिटेज साइट्स सांची और भीमबैठिका हैं। यहां भी निवेश की संभावना है। पचमढ़ी और खजुराहो में भी वेलनेस एक्टिविटी को प्रमोट किया जा सकता है। 

राघवेंद्र कुमार सिंह, प्रमुख सचिव, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के उद्बोधन के प्रमुख बिन्दु 

- औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट 2025 का आयोजन ऐतिहासिक है। 
- उज्जैन धर्म, आध्यात्म, कला और विज्ञान के केंद्र के रूप में जाना जाता है। हजारों वर्षों से हम इस धरोहर को संजोकर रखे हुए हैं। यह विक्रमादित्य, सांदिपनि, कालिदास की भूमि रही है। 
- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में इस वर्ष को हम उद्योग एवं रोजगार वर्ष के रूप में मना रहे हैं। प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए निवेश को बढ़ाया जा रहा है। 
- उज्जैन को धर्म नगरी के रूप में विकसित करने के लिए सरकार कार्य कर रही है। इस समिट के पैनल डिस्कशन में निवेशकों के साथ साझेदारी के बिंदुओं पर चर्चा की गई। कलेक्टर उज्जैन ने सिंहस्थ 2028 की तैयारियों की जानकारी प्रदान की। 
- वेलनेस टूरिज्म में प्रदेश की ग्रोथ रही है, जिसके आगामी 10 साल में तीन गुना होने की संभावना है। मध्यप्रदेश सरकार ने आनंद को प्रोत्साहित करने के लिए आनंद विभाग बनाया है। हम दूसरों के साथ खुशियां बांटने की कोशिश करें। 
- जीआईएस के समय सरकार ने 18 नई उद्योग नीतियां लागू कीं। इसमें स्पिरिचुअलिटी के साथ वेलनेस के प्रोत्साहन पर विशेष जोर दिया गया है।

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