मध्य प्रदेश में यदि कोई व्यक्ति छोटी सी भी गलती कर दे तो बिजली कंपनी के अधिकारी उसे गंभीर अपराध बात कर तत्काल कोर्ट कचहरी कर देते हैं लेकिन नरसिंहपुर में इस बिजली कंपनी के असिस्टेंट इंजीनियर के यहां करोड़ों की काली कमाई मिली है। मध्य प्रदेश शासन की आर्थिक अपराध शाखा ने अस्सिटेंट इंजीनियर उमाशंकर पाराशर के चार ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की है। काला धन का पता लगाने के लिए शासन के 15 अधिकारी और कर्मचारी नरसिंहपुर, आमगांव के पास बीनेर ग्राम और निवारी गांव में छानबीन कर रहे हैं।
नरसिंहपुर विजिलेंस विभाग में रहते हुए काला धन जमा किया?
इंजीनियर उमाशंकर पाराशर की पत्नी के नाम पर करोड़ों की 2 फैक्ट्रियों का खुलासा हुआ है। कई बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज भी मिले हैं। उमाशंकर पाराशर वर्तमान में कटनी के सिटी डिविजनल ऑफिस में असिस्टेंट इंजीनियर (AE) हैं। वह पहले नरसिंहपुर में विजिलेंस विभाग में थे। एक साल पहले ही उनका तबादला कटनी हुआ था।
तीन मकान, केमिकल और वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट
EOW के डीएसपी एबी सिंह के मुताबिक शुरुआती जांच में पाराशर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के सबूत मिले हैं। उनके पास नरसिंहपुर स्थित विपतपुरा इलाके में एक मकान, रोसरा में दो अन्य घर, निवारी गांव में कॉमन बायो केमिकल फैक्ट्री और बीनेर ग्राम में स्थित मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट है। ये प्लांट पत्नी के नाम पर हैं।
कार्रवाई जारी, संपत्ति का आकलन कर रहे
EOW के अधिकारियों का कहना है कि कार्रवाई अभी जारी है। जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर आगे की कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी। जांच टीम ने मकानों, फैक्ट्रियों और अन्य ठिकानों से दस्तावेज, संपत्ति विवरण और लेन-देन से जुड़े अहम कागजात जब्त किए गए हैं। सभी संपत्तियों का आकलन कर सूची तैयार की जा रही है।
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