यह समाचार उन सभी लोगों के लिए उम्मीद की किरण है जिनके लाखों फॉलोअर्स वाले फेसबुक पेज अचानक गायब हो गए और तमाम निवेदन करने के बाद भी फेसबुक द्वारा उनके पेज वापस नहीं किए गए। मध्य प्रदेश में जब एक व्यक्ति ने फेसबुक के खिलाफ कोर्ट केस किया तो फेसबुक को 1.84 लाख फॉलोवर्स के साथ यूजर का फेसबुक पेज वापस करना पड़ा। कोर्ट केस अभी भी खत्म नहीं हुआ है। पीड़ित व्यक्ति ने 10 लाख रुपए मुआवजा मांगा है।
लाइव टेलीकास्ट के दौरान फेसबुक पेज हैक हो गया था
सागर की प्राइवेट यूनिवर्सिटी के संचालक अनिल तिवारी बताते हैं- 2023 में मैंने विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी से टिकट मांगा था। दरअसल, पार्टी ने टिकट के कई क्राइटेरिया तय किए थे। उनमें से एक क्राइटेरिया सोशल मीडिया एक्टिविटी को लेकर भी था। लिहाजा मैंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक्टिविटी बढ़ा दी थी। मेरे फेसबुक पर 1 लाख 84 हजार फॉलोअर्स हो गए थे। हालांकि, मुझे टिकट नहीं मिल सका। ये 15 दिसंबर 2023 की बात है, हम चिन्मयानंद बापू की कथा करा रहे थे। कथा के लाइव के दौरान मेरे पेज को हैक कर लिया गया।
फेसबुक वाले कोर्ट केस हारने लगे तो पेज का एक्सेस दे दिया
तिवारी बताते हैं- फेसबुक पेज का एक्सेस वापस पाने की कोशिश में जुटा था, तभी मुझे आईटी कोर्ट के बारे में पता चला। मैंने कोर्ट में याचिका दायर करने का फैसला किया। जब कोर्ट पहुंचा तो यह प्रदेश का पहला केस था। ऐसा मामला आईटी कोर्ट के अधीन आता भी है या नहीं, इस पर बहस हुई। साइबर लॉ एक्सपर्ट यशदीप चतुर्वेदी ने आईटी एक्ट की धाराओं का उल्लेख करते हुए समझाया कि यह मामला आईटी कोर्ट के अधीन आता है। इसके बाद केस मंजूर किया गया। कोर्ट ने फेसबुक को नोटिस इश्यू किया। फेसबुक की तरफ से केस लड़ने के लिए वकील भेजे गए। मगर, उनके पास कहने के लिए ज्यादा कुछ नहीं था, लिहाजा उन्होंने मेरे पेज का एक्सेस दे दिया।
लेकिन केस खत्म नहीं हुआ है
आईटी कोर्ट में केस की पैरवी करने वाले साइबर लॉ एक्सपर्ट यशदीप कहते हैं- रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2023 में भारत में 53 लाख सोशल मीडिया अकाउंट हैक हुए थे। सोशल मीडिया अकाउंट हैकिंग के मामले में भारत दुनिया में पांचवें नंबर पर है। अकाउंट हैक होने के बाद ज्यादातर यूजर नया अकाउंट जनरेट कर लेते हैं। यशदीप कहते हैं कि आईटी एक्ट 2000 के तहत यूजर्स आईटी कोर्ट में इसकी शिकायत कर सकते हैं। वे चोरी हुआ डेटा वापस हासिल कर सकते हैं।
चतुर्वेदी बताते हैं कि फेसबुक ने भले ही अनिल तिवारी को एक्सेस वापस दे दिया है, लेकिन अभी केस खत्म नहीं हुआ है। प्रोफेसर तिवारी के पास उनकी डिजिटल प्रॉपर्टी का अधिकार डेढ़ साल तक नहीं रहा। इसकी वजह से उन्हें सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक नुकसान हुआ। एक्सेस पाने के लिए लंबी लड़ाई भी लड़नी पड़ी। हमने फेसबुक से 10 लाख का हर्जाना मांगा है, इस पर सुनवाई हो रही है।
कैसे कर सकते हैं आईटी कोर्ट में अपील
आईटी एक्ट 2000 के तहत हर राज्य में कोर्ट आफ एडजिक्यूटिंग ऑफिसर या आईटी कोर्ट की स्थापना की गई है। यह सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े मामले, अपराध, विवाद आदि पर निर्णय के लिए बनी ट्रिब्यूनल है। इसके जज प्रदेश के आईटी सेक्रेटरी होते हैं। मध्यप्रदेश के वल्लभ भवन स्थित आईटी डिपार्टमेंट में यह कोर्ट चलता है।
वर्तमान आईटी सेक्रेटरी एसीएस संजय दुबे इसके जज हैं। साइबर फ्रॉड और साइबर अटैक के शिकार के साथ पेज हैक होने या डेटा चोरी की शिकायत भी कोर्ट में की जा सकती है। केस सुनने लायक है या नहीं, ये आईटी कोर्ट तय करता है। एक बार कोर्ट मामला मंजूर कर लेता है तो संबंधित पक्षों को नोटिस दिया जाता है। दोनों पक्षों के तर्क सुनकर कोर्ट अपना फैसला देता है।
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