HC JUDGEMENT ORDER - नगर निगम, स्ट्रीट वेंडर का लाइसेंस, डायरेक्ट रद्द नहीं कर सकता

Bhopal Samachar
पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने शहरी क्षेत्र में छोटा व्यवसाय करने वाले स्ट्रीट वेंडर्स के लाइसेंस के संबंध में बड़ा महत्वपूर्ण निर्णय दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि स्ट्रीट वेंडर्स का लाइसेंस जारी करने, सस्पेंड करने और निरस्त करने का अधिकार स्ट्रीट वेंडिंग कमेटी को है। नगर निगम के अधिकारी किसी भी स्ट्रीट वेंडर का लाइसेंस, डायरेक्ट निरस्त नहीं कर सकते हैं। 

Street Vendor Puneet Sharma vs Chandigarh Municipal Corporation

चंडीगढ़ के सेक्टर-19 में स्ट्रीट वेंडिंग करने वाले पुनीत शर्मा और अन्य विक्रेताओं ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि उन्हें पहले नगर निगम द्वारा सेक्टर-19 में वेंडिंग साइट दी गई थी, लेकिन बाद में उन्हें जबरन अन्य दूरदराज के क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया गया।

याचिकाकर्ताओं का कहना था कि नए स्थानों पर ग्राहक नहीं मिलने के कारण उनकी आमदनी बुरी तरह प्रभावित हुई और वे गुजारा भी नहीं कर पा रहे थे। इसके बावजूद नगर निगम ने उनसे बकाया फीस और पेनल्टी की मांग की, जिसे वे चुका नहीं पाए। इसी आधार पर नगर निगम ने उनका लाइसेंस रद्द कर दिया था। 

नगर निगम के वकील की दलील

नगर निगम ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि याचिकाकर्ता स्ट्रीट वेंडर्स ने निर्धारित वेंडिंग फीस और अन्य शुल्क जमा नहीं किए थे। उन्हें समय-समय पर भुगतान करने के लिए नोटिस भी भेजे गए थे, लेकिन वे बकाया नहीं चुका सके। इसीलिए नगर निगम की टाउन वेंडिंग कमेटी ने कानूनी प्रक्रिया के तहत उनके लाइसेंस रद्द करने का फैसला लिया था। नगर निगम ने यह भी कहा कि स्ट्रीट वेंडिंग कमेटी ने अपनी शक्तियों के तहत यह निर्णय लिया और इसमें कोई अनियमितता नहीं हुई। 

याचिकाकर्ताओं के वकील की दलील

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि याचिकाकर्ताओं ने अपने लाइसेंस की कोई शर्त नहीं तोड़ी थी, फिर भी उन्हें जबरन दूर के इलाकों में भेज दिया गया। स्ट्रीट वेंडिंग कमेटी को अपने फैसले खुद लेने चाहिए थे, लेकिन उसने अपने अधिकार नगर निगम के अन्य अधिकारियों को सौंप दिए, जो गलत था। वेंडर्स को पहले ठीक से सुना जाना चाहिए था, लेकिन उन्हें सीधे नोटिस भेजकर लाइसेंस रद्द कर दिया गया। 

स्ट्रीट वेंडर का लाइसेंस - हाई कोर्ट का फैसला

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की शिकायतों पर विचार करने के बाद कहा कि स्ट्रीट वेंडिंग कमेटी को ही लाइसेंस जारी करने, निलंबित करने और रद्द करने का अधिकार है। अगर किसी स्ट्रीट वेंडर को लगता है कि उनके साथ अन्याय हुआ है, तो उन्हें अपील करने का पूरा अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता दो सप्ताह के भीतर संबंधित अपीलीय प्राधिकरण के पास अपील दायर कर सकते हैं। जब तक अपील का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक नगर निगम का लाइसेंस रद्द करने का आदेश लागू नहीं होगा।
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