JABALPUR में SDM ने भ्रष्टाचार के सबूत मिटाने फॉर्च्यूनर में आग लगवा दी : शिकायत

Bhopal Samachar
दिसंबर के महीने में लोकायुक्त पुलिस की एक कार्रवाई के बाद SDM के पद से हटकर कलेक्टर ऑफिस में अटैच की गई, राज्य प्रशासनिक सेवा की महिला अधिकारी नदीमा शीरी के खिलाफ मामले की शिकायतकर्ता ने एक नया आरोप लगाया है। शिकायत करने वाले किसान का कहना है कि, नदीमा शीरी ने उनकी फॉर्च्यूनर में आग लगवा दी, क्योंकि उसमें मामले के सारे ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स रखे हुए थे। इस घटना के कारण सभी सबूत नष्ट हो गए। संजीवनी नगर थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

कलेक्टर ने नदीमा शीरी को एसडीएम के पद से हटा दिया था

18 दिसंबर को जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने किसान संग्राम सिंह की शिकायत पर शाहपुरा एसडीएम नदीमा शीरी के ड्राइवर सुनील पटेल को डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने सुनील पटेल को सस्पेंड कर दिया था। निलंबन की अवधि में उसे कुंडम तहसील में पदस्थ किया गया है। वहीं, एसडीएम को जबलपुर मुख्यालय में अटैच किया है।

नदीमा शीरी पर ₹300000 रिश्वत मांगने का आरोप था

संजीवनी नगर में रहने वाले संग्राम सिंह पेशे से किसान हैं। करीब ढाई महीने पहले उन्होंने जबलपुर लोकायुक्त एसपी को लिखित शिकायत में बताया था कि अवैध धान भंडारण से जुड़े केस को रफा-दफा करने के लिए शाहपुरा एसडीएम नदीमा शीरी द्वारा तीन लाख रुपए की मांग की जा रही है।

लोकायुक्त ने जांच करने के बाद शिकायत को सही पाया। 18 दिसंबर को शाहपुरा एसडीएम कार्यालय में उनके ड्राइवर सुनील पटेल को डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। किसान का आरोप था कि रिश्वतखोरी में एसडीएम भी शामिल हैं।

एएसपी ने पुलिस को दिए जांच के आदेश

किसान ने बताया, 13 फरवरी की रात मेरी कार घर के बाहर खड़ी थी। उसमें किसी अज्ञात बदमाश ने आग लगा दी। फायर ब्रिगेड को बुलाया गया, लेकिन तब तक कार में रखे सभी दस्तावेज जल चुके थे। लोकायुक्त की जांच में फंसे आरोपियों ने ही कार में आग लगाई या फिर लगवाई है। किसान संग्राम सिंह, एएसपी सोनाली दुबे से मिलने पहुंचे और उन्हें कार में आग लगने की घटना की जानकारी दी। एएसपी ने संजीवनी नगर पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं।

तहसीलदार रविंद्र पटेल ने डरा धमका कर एसडीएम के पास भेजा था

किसान संग्राम सिंह ने बताया कि एक रिश्तेदार की ग्राम खामदेही में एक एकड़ पर गांव के किसान बासमती धान का भंडारण करते किया जाता था। 5 से 6 किसानों की लगभग 4 हजार धान की बोरियां यहां रखी हुई थी। 28 दिसंबर को तहसीलदार शाहपुरा रविंद्र पटेल ने पहुंचकर पूछा धान यहां पर कैसे आई, इतनी सारी बोरियां यहां पर क्यों रखी है।

उन्होंने धमकाया और पंचनामा बनाते हुए कार्रवाई करने लगे। आगे की कार्रवाई के लिए उन्होंने शहपुरा महिला एसडीएम नदीमा शीरी को भेज दी। इस पर एसडीएम कार्यालय शाहपुरा से कारण बताओ नोटिस दिया था। जिसके संबंध में पीड़ित एसडीएम के ड्राइवर सुनील पटेल से मिला तो मामला रफा-दफा करवाने के एवज में 3 लाख रिश्वत की मांग की गई।

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