मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन, भारतीय किसान संघ द्वारा अन्नदाता अधिकार रैली का आयोजन किया गया था। राजधानी में स्थित वल्लभ भवन का घेराव करने का कार्यक्रम था परंतु डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने किसान संघ के पूरे आंदोलन की हवा निकल डाली।
किसानों ने शिकायती आवेदनों से भरा झोला डिप्टी सीएम को सौंप दिया
भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ताओं द्वारा मंत्रालय का घेराव करने के लिए रैली निकाली जाती, इससे पहले ही डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा धरनास्थल पर पहुंच गए। डिप्टी सीएम ने कहा, मुझे पता लगा कि किसान वल्लभ भवन आ रहे हैं तो सरकार खुद उनके पास आ गई। डिप्टी सीएम ने किसानों की सारी मांगों को पूरा करने की बात कही। इसके बाद किसानों ने शिकायती आवेदनों से भरा झोला डिप्टी सीएम को सौंप दिया।
देवड़ा बोले- सरकार ने हमेशा किसानों के हित में निर्णय किए
डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा, 'प्रदेश सरकार ने समय-समय पर किसानों के हित में निर्णय लिए हैं। जो भी शिकायती ज्ञापन मिले हैं, उनका जल्द समाधान किया जाएगा। किसान हमारे हैं, हम आपसे अलग नहीं हैं। हम आपके साथ खड़े हैं।' इसके बाद किसानों ने शिकायती आवेदनों से भरा झोला डिप्टी सीएम को सौंप दिया।
सरकार अच्छे रेट नहीं देती, पटवारी हस्ताक्षर के पैसे लेता है
भारतीय किसान संघ के बैनर तले जुटे किसान लिंक रोड नंबर-1 स्थित ऑफिस के सामने धरना दे रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार फसलों के अच्छे रेट के नाम पर हर बार झुनझुना पकड़ा देती है। संघ के मध्य भारत प्रांत अध्यक्ष सर्वज्ञ दीवान ने कहा, प्रदेश में किसान राजस्व विभाग के फौती नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, बटांकन, नक्शा सुधार जैसे कार्यों में की जा रही लूट से परेशान हो गया है।
हरदा से आए किसान ने कहा, मेरे पास सात एकड़ जमीन है। सागौन लगाया था, उसे काटने की अनुमति नहीं मिल रही है। सूर्या कलेक्शन में पांच साल से रुपए जमा कर रह हैं। इसकी रसीदें भी हैं, लेकिन अब पैसा नहीं मिल रहा है। फसलों के रेट अच्छे नहीं मिलते। सभी काम रिश्वत देने के बाद होते हैं। पटवारी से एक चिड़िया बनवाना हो तो रिश्वत देना पड़ता है। इसमें तो सब बड़े-बड़े लोग भी शामिल हैं।
किसान का कहना है कि जब तक वोट नहीं डलते तब तक सब बात सुनते हैं। अब वोट देकर राजा बना दिया, तो उन्होंने हमें अपने हाल पर छोड़ दिया। ऐसे ही काम हो रहे होते तो बच्चों को वहां छोड़कर यहां थोड़े ही आते। हमें इसमें मजा थोड़े ही आता है।
डिप्टी सीएम ने मुलाकात से पहले पुलिस का डंडा दिखाया
ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट की तैयारी और डामरीकरण के चलते किसानों को मुख्य सड़क पर धरने की अनुमति नहीं दी गई। इसके चलते संघ कार्यालय के ठीक सामने सर्विस रोड पर धरना प्रदर्शन किया गया। किसान नेताओं का दोपहर 3 बजे के बाद किसान वल्लभ भवन का घेराव करने का प्लान था। उधर, पुलिस ने बेरिकेडिंग कर रखी थी। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।
प्रोटेस्ट फिक्सिंग थी या फिर आंदोलन फ्लॉप हो गया
डिप्टी सीएम का किसान संघ के कार्यालय में आ जाना कोई बड़ी बात नहीं है, क्योंकि सबकी पैरेंट ऑर्गनाइजेशन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही है। सवाल उठता है कि, डिप्टी सीएम खुद अपनी मर्जी से ज्ञापन लेने आए थे या फिर कोई और बात है। क्या यह प्रोटेस्ट फिक्स था या फिर आंदोलन फ्लॉप हो गया था। किसान संघ के नेताओं ने, हजारों गांव से किसानों के भोपाल आने की बात की थी, लेकिन भोपाल की सड़कों पर हजारों गांवों के किसानों की संख्या दिखाई नहीं दी। कहीं ऐसा तो नहीं कि, किसान संघ को किसानों का समर्थन नहीं मिला। इसलिए अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए, डिप्टी सीएम को बुलाकर फोटोशूट करवा लिया।
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