MADHYA PRADESH में सभी को रोजगार के लिए मुख्यमंत्री का बड़ा फैसला

मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा था कि, सभी बेरोजगार युवाओं को रोजगार का अवसर उपलब्ध करवाना, सरकार की जिम्मेदारी है। आज इस दिशा में उन्होंने एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने रोजगार प्रदान करने वाले सभी विभागों का इन्टीग्रेटेड रोजगार स्टेट पोर्टल तैयार करने का आदेश दिया है। इसका बड़ा और लाभदायक असर दिखाई देगा। 

मुख्यमंत्री ने 11 विभागों को घर बुलाकर पूछा, कब कितनी भर्ती करोगे, 4 साल का प्लान बताओ

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार को मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन में रोजगार और स्वरोजगार के संबंध में समीक्षा बैठक ले रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वरोजगार और रोजगार सृजन के लिए कार्यरत 11 विभागों की समीक्षा की। पिछले 10 माह में स्व-रोजगार और रोजगार सृजन के प्रयासों की समीक्षा के साथ आगामी 4 वर्षों में रोजगार सृजन के लिए कार्य-योजना पर विस्तृत चर्चा हुई। इसमें पंचायत एवं ग्रामीण विकास, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी, नगरीय विकास एवं आवास, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण, श्रम विभाग, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, पशुपालन एवं डेयरी, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग शामिल थे।

मोहन भैया के इन्टीग्रेटेड रोजगार स्टेट पोर्टल से क्या होगा 

मध्य प्रदेश में मोहन भैया के नाम से प्रसिद्ध मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि इन्टीग्रेटेड रोजगार स्टेट पोर्टल पर रोजगार की संख्या, आवेदन की प्रक्रिया, योजनाओं की जानकारी, योग्यता, प्रशिक्षण, उद्योग में उपलब्ध रोजगार की संख्या, इंडस्ट्री के लॉग इन सहित रोजगार से सम्बंधित सभी पक्षों की जानकारी प्रदर्शित करेंगे। इससे युवाओं को एक ही जगह पर रोजगार और स्व-रोजगार संबंधी सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हो सकेगी। सभी विभागों के प्रयासों की समीक्षा के साथ वास्तविक लाभांवित व्यक्तियों की जानकारी प्राप्त हो सकेगी। यह पोर्टल समग्र पोर्टल से भी लिंक होगा। इन्टीग्रेटेड रोजगार स्टेट पोर्टल के निर्माण के लिए आवश्यक कार्यवाही के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, एमएसएमई , श्रम विभाग और कौशल विकास और रोजगार विभाग की संयुक्त समिति बनाए जाने के निर्देश दिए।

इन्वेस्टर्स की फाइल किसी भी टेबल पर रुकनी नहीं चाहिए: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विभिन्न राज्यों में इन्टरैक्टिव सेशन और प्रदेश में संभागीय स्तर पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में कई कंपनियों ने नए यूनिट की स्थापना, एमओयू और निवेश संबंधी प्रतिबद्धता दर्शाई है। उन सभी निवेशकों से लगातार फॉलो-अप करें। उनकी हैंड होल्डिंग कर सभी आवश्यक अनुमतियां समय से प्रदान करें। हर विभाग स्व-मूल्यांकन कर लक्ष्य निर्धारित करें और समय पर उसे पूरा करें।

सभी विभाग आपसी समन्वय और समेकित रूप से कार्य करें

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसी जिले में किये जा रहे कौशल विकास और रोजगार सृजन के अच्छे कार्यों से प्रेरणा लें और उन्हें दूसरे जिलों में भी लागू करें। सभी विभाग अपने कौशल विकास, स्टार्ट-अप पॉलिसी, निवेश नीति और निवेश के अवसरों को एक दूसरे से साझा करें। प्रदेश में रोजगार के अवसर उत्पन्न करने और वास्तविक रूप से लाभ देने के लिए आपसी समन्वय और समेकित रूप से कार्य करें। विभागों को उनके उत्पादों की आवश्यकतानुरूप मार्केटिंग और ब्रांडिंग सपोर्ट के लिए योजना बनाएं। स्टार्ट-अप के विकास और उनके सपोर्ट सिस्टम के लिए विशेष प्रयास करें। हर तीन माह में विभागों के स्व-रोजगार और रोजगार सृजन के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। 

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