पुलिस अधिकारी को संज्ञेय अपराध में आरोपी को गिरफ्तार करके न्यायिक अभिरक्षा में भेजने का कानूनी अधिकार है लेकिन यह अधिकारी आम नागरिको को भी प्राप्त होता है। जानिए कब और किस स्थिति में:-
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प्राइवेट या आम व्यक्ति द्वारा गिरफ्तारी और प्रक्रिया क्या होती है जानिए:-
कोई भी व्यक्ति निम्नलिखित स्थितियों में किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है:-
1. यदि वह व्यक्ति उसकी उपस्थिति में अजमानतीय और संज्ञेय अपराध करता है।
2. यदि वह व्यक्ति एक उद्घोषित अपराधी है।
गिरफ्तारी के बाद की प्रक्रिया:
1. गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को अनावश्यक विलंब के बिना, छह घंटे के भीतर, पुलिस अधिकारी के हवाले करना होगा।
2. यदि पुलिस अधिकारी अनुपस्थित है, तो गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को अभिरक्षा में निकटतम पुलिस थाने ले जाना होगा या भिजवाना होगा।
उदाहरण के लिए:-
1. राम ने देखा कि श्याम एक दुकान में चोरी कर रहा है। राम ने श्याम को गिरफ्तार कर लिया और पुलिस को बुलाया। पुलिस ने श्याम को अपनी अभिरक्षा में ले लिया।
2. विक्रम ने देखा कि रोहन एक व्यक्ति को मारपीट कर रहा है। विक्रम ने रोहन को गिरफ्तार कर लिया और पुलिस को बुलाया। पुलिस ने रोहन को अपनी अभिरक्षा में ले लिया।
सावधानियां:-
1. गिरफ्तारी के समय व्यक्ति को अपने अधिकारों के बारे में जानकारी देनी चाहिए।
2. गिरफ्तार व्यक्ति को पुलिस अधिकारी के समक्ष पेश करना चाहिए।
3. गिरफ्तारी के बाद व्यक्ति को अपने अधिवक्ता से मिलने का अधिकार है।
लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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